दक्षिण कोरियाई शोधकर्ताओं ने कमरे के तापमान पर 2 गिगापास्कल से अधिक दबाव में बर्फ का नया रूप Ice XXI खोजा — बर्फ पर हमारी समझ बदलती है।
बर्फ का 21वाँ रूप — Ice XXI
पानी — जो हमें रोज़ाना देखने को मिलता है — उसमें अभी भी बहुत-से अजूबे छुपे हुए हैं। हाल ही में शोधकर्ताओं ने एक ऐसी खोज की है जिसने हमारी समझ को चौंका दिया है: उन्होंने एक नया बर्फ-चरण पाया है, जिसे उन्होंने Ice XXI नाम दिया है। यह बर्फ ऐसा है जो कमरे के तापमान पर बन सकती है, पर इसके लिए एक बेहद असाधारण दबाव की आवश्यकता है। इस खोज ने बर्फ तथा पानी के व्यवहार को पूरी तरह से नए सिरे से देखने का अवसर दिया है।
क्या है Ice XXI?
परिचित बर्फें जैसे कि साधारण बर्फ जो 0 °C से नीचे बनती है, केवल तापमान द्वारा नियंत्रित नहीं होती हैं—उनका निर्माण तापमान के साथ-साथ दबाव पर भी निर्भर करता है। शोधकर्ताओं ने पाया है कि जब पानी को कमरे के तापमान पर लगभग 2 गिगापास्कल (लगभग 2 मिलियन गुणा वातावरणीय दबाव) से ऊपर बहुत-तेज़ दबाव के अधीन लाया जाता है, तब वह एक नया क्रिस्टलर रूप ग्रहण कर लेता है। इस रूप को Ice XXI कहा गया है, और यह बर्फ की पहले से जानी-मानी 20 रूपों से बिलकुल अलग है।
कैसे खोज हुई?
दक्षिण कोरिया के Korea Research Institute of Standards and Science (KRISS) की टीम ने इस प्रयोग के लिए एक उन्नत उपकरण विकसित किया — एक डायनेमिक डायमंड एंविल सेल (dDAC) — जो डिवाइस के भीतर दबाव को सबसे तेज़ी से बदल सकता है, जिससे पानी को अत्यधिक द्रव अवस्था में रखा जा सकता है। इसके बाद यूरोपीय XFEL जैसी अत्याधुनिक एक्स-रे लेज़र तकनीकों के माध्यम से पानी के क्रिस्टलीकरण-पथ (crystallisation pathways) को माइक्रोसेकंड-स्तर पर देखा गया। इस प्रकार उन्होंने पाया कि पानी कई जटिल मार्गों से क्रिस्टल में बदलता है, जिनमें से एक ने Ice XXI को जन्म दिया।
Ice XXI की विशेषताएँ
- यह बर्फ कम-तापमान पर नहीं बल्कि कमरे के तापमान पर बन सकती है, बशर्ते बहुत-उच्च दबाव हो।
- इसके क्रिस्टल-सांचे (unit-cell) अपेक्षाकृत बहुत बड़े और जटिल हैं — इससे संकेत मिलता है कि अणुओं की व्यवस्था पारंपरिक बर्फ की तुलना में काफी अलग है।
- इसकी घनता अन्य बर्फ-रूपों की तुलना में बहुत अधिक है, जो इसे विशेष बनाती है।
- वैज्ञानिकों का मानना है कि यह Ice XXI उन बर्फ की परतों-जैसी हो सकती है जो गुरुत्वाकर्षित पिंडों जैसे कि शनि या बृहस्पति के चंद्रमाओं के अंदर पाई जाती हैं।
महत्व और संभावित प्रभाव
इस खोज के कई दिलचस्प परिणाम हो सकते हैं:
- बर्फ-चरणों (ice phases) की हमारी सूची अब 20 से बढ़कर 21 हो गई है — मतलब पानी की क्रिस्टलीकरण-संभावनाएँ अभी भी पूरी तरह समझी नहीं गई थीं।
- यह खोज पृथ्वी-के-बाहर स्थित शीतल पिंडों (जैसे बृहस्पति/शनि के चंद्रमा) में पानी के व्यवहार को समझने में मदद कर सकती है — वहाँ दबाव और तापमान का संयोजन अलग होता है।
- सामग्री-विज्ञान के दृष्टिकोण से, पानी की ऐसी अवस्था हमें नए प्रकार के पदार्थ विकसित करने की दिशा में प्रेरित कर सकती है जो आज तक संभव नहीं मानी गई थीं।
- सामान्य रोज़मर्रा के अनुभव से हटकर यह शोध यह याद दिलाता है कि मंडलीय, ग्रह-और-उपग्रह-परिस्थितियाँ कितनी भागम-भाग हैं, और एक सरल पानी-अणु भी अनंत संभावनाएँ रखता है।
चुनौतियाँ और आगे की राह
- इस तरह के उच्च-दबाव प्रयोग को दोहराना आसान नहीं है — द्रव को नियंत्रित रूप से दबाव में रखना व क्रिस्टल रूप को स्थिरता देना तकनीकी रूप से जटिल है।
- Ice XXI की व्यवहार्यता (stability) व उपयोग-योग्यता आज भी शोध का विषय है — क्या इसे सामान्य परिस्थितियों में बनाए रख सकते हैं, या यह केवल प्रयोगशाला-स्थिति तक सीमित रहेगा?
- भविष्य में यह देखा जाना है कि इस तरह की अन्य “गुप्त” बर्फ-चरण कहाँ-कहाँ हो सकते हैं और उनका व्यवहार क्या होगा।
Ice XXI एक वैज्ञानिक मील-पाथ है — यह न सिर्फ पानी व बर्फ की हमारी समझ को समृद्ध करता है बल्कि हमें याद दिलाता है कि प्रकृति अब भी आश्चर्य से भरी हुई है। यदि पानी एक साधारण-सी चीज है, तब भी उसकी क्रिस्टलीकरण-संभावनाएँ असंख्य हैं। यह खोज हमें प्रेरित करती है कि हम छोटे-से-छोटे अणुओं की दुनिया से आंख न हटा कर देखें, क्योंकि वहाँ से बड़े-बड़े जवाब निकल सकते हैं।
FAQs
Q1. Ice XXI का नाम क्यों रखा गया है?
A1. क्योंकि यह अब तक ज्ञात बर्फ के 21वें क्रिस्टलीयन चरण (phase) है — पहले तक 20 चरण ज्ञात थे।
Q2. क्या यह सामान्य घरों में बर्फ की तरह बन सकती है?
A2. नहीं — इसे बनाने के लिए कमरे के तापमान पर अत्यधिक दबाव (~2 गिगापास्कल) की आवश्यकता है, जो रोज़मर्रा की स्थिति में संभव नहीं है।
Q3. इस खोज का दैनिक जीवन पर क्या प्रभाव होगा?
A3. तत्काल प्रभाव शायद कम होगा, लेकिन सामग्री-विज्ञान, ग्रह-वैज्ञानिक शोध और भविष्य के जटिल पदार्थ-विकास के लिए यह आधार बना सकता है।
Q4. क्या अन्य नए बर्फ-चरण भी खोजे जाने की संभावना है?
A4. हाँ — शोध से संकेत मिलता है कि और भी अधिक दबाव-तापमान संयोजन में अनजाने ice-phases मौजूद हो सकते हैं।
Q5. यह खोज ग्रह-विज्ञान के लिए क्यों मायने रखती है?
A5. क्योंकि Ice XXI जैसी अवस्था संभवतः उन बर्फ-परतों की तरह होती है जो उपग्रहों या ग्रहों के अंदर होती हैं — उन्हें समझने से जीवन-संभावना व भौतिक प्रक्रिया बेहतर समझी जा सकती है।
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