रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 5 दिसंबर को भारत का दौरा करेंगे, जहां वे रूस-भारत फोरम में हिस्सा लेंगे और दोनों देशों के बीच विशेष रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा देंगे।
रूस-भारत संबंधों को नई ऊर्जा देने के लिए पुतिन की भारत यात्रा की तैयारी
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दिसंबर में भारत का दौरा करेंगे, जो दोनों देशों के बीच जारी विशेष और प्रमुख रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने का एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
पुतिन 5 दिसंबर को नई दिल्ली पहुंचेंगे और उसी सप्ताह आयोजित होने वाले रूस-भारत फोरम के प्लेनरी सेशन में भाग लेंगे। यह सम्मेलन रॉस्कोंग्रेस द्वारा आयोजित किया जाएगा।
पुतिन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अक्टूबर में फोन पर बात की थी, जिसमें उन्होंने अपनी द्विपक्षीय साझेदारी को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्धता जताई।
भारत ने रूस से तेल खरीद पर अमेरिका द्वारा लगाए गए 50 प्रतिशत के टैरिफ के बावजूद इसके खरीदी जारी रखी है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कम टैरिफ पर समझौते की संभावना जताई है और भारत के रूस से आयात में कमी को नोट किया है।
पुतिन की यह यात्रा एक चुनौतीपूर्ण समय में हो रही है, क्योंकि वे एक अंतरराष्ट्रीय न्यायालय द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट के कारण सीमित देशों का दौरा कर पा रहे हैं। भारत, जो रोमन स्टैच्यू का सदस्य नहीं है, उनके लिए एक अनुकूल स्थल बना हुआ है।
पुतिन और मोदी की आखिरी मुलाकात सितंबर में बीजिंग में हुई थी, जहां चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मेजबानी में तीनों नेताओं ने कई अहम मुद्दों पर चर्चा की।
FAQs:
- पुतिन भारत कब आएंगे और वे क्या करेंगे?
- रूस-भारत फोरम के क्या मुख्य उद्देश्य हैं?
- पुतिन और मोदी ने हाल ही में किन मुद्दों पर चर्चा की?
- अमेरिकी टैरिफ और रूस-भारत तेल व्यापार का क्या संबंध है?
- पुतिन की भारत यात्रा का वैश्विक राजनीतिक संदर्भ क्या है?
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