शार्दुल ठाकुर ने कहा, Sarfaraz Khan को Test Team में मौका मिलने के लिए इंडिया-ए मैचों की जरूरत नहीं, घरेलू क्रिकेट में लगातार बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर वे सीधी वापसी के हकदार हैं।
Sarfaraz Direct Test में खेल सकते हैं,घरेलू Record दमदार
Sarfaraz Khan’s Test Credentials Backed by Shardul Thakur
मुंबई रणजी टीम के कप्तान शार्दुल ठाकुर ने खुले मंच पर कहा कि सरफराज खान को टेस्ट क्रिकेट में वापसी के लिए अब कोई “ब्रिजिंग असाइनमेंट” जैसे इंडिया-ए मैच की जरूरत नहीं। उनकी शानदार घरेलू रणजी परफॉर्मेंस खुद ही दस्तक दे रही है।
Why Shardul Sees No Need for India A Assignment
शार्दुल बोले, “सरफराज ने घरेलू क्रिकेट में इतने बड़े रन बनाए हैं कि उन्हें अब सीधे टेस्ट टीम में रखने का समय आ गया है। वापसी के बाद भी उनकी फिटनेस और रनों की भूख बनी हुई है, टेस्ट सीरीज के लिए वे पूरी तरह तैयार हैं।”
Domestic Record Speaks for Sarfaraz
- 2021–22 रणजी: 9 पारियों में 982 रन, औसत 122.75, 4 शतक, उच्चतम स्कोर 275।
- 2022–23: 6 पारियां, 556 रन, औसत 92.66।
- 2023–24 (आधी टूर्नामेंट): 200 रन, औसत 50।
- बुछी बाबू ट्रॉफी में दो-तीन शतक और लगातार मैच विनिंग पारियां।
- टीम प्रेशर में जब विकेट जल्दी गिरे, तब डबल सेंचुरी—इन्हीं परिस्थितियों में उनकी क्लास नजर आई।
Selection Debate: What Critics and Fans Say
सरफराज की इंडिया-ए में जगह न बनने पर चयन समिति की तीखी आलोचना हुई। क्रिकेट विशेषज्ञों, फैंस व कप्तान तक का मानना है कि इतने मजबूत घरेलू आंकड़ों के बाद उन्हें अब उच्च स्तर पर मौका देना ही चाहिए।
The Future: A Test Debut Awaits?
शार्दुल का मानना है—सरफराज का नंबर व रोल जो भी हो, दबाव में बड़ी पारियां खेलने की उनकी काबिलियत टीम इंडिया के काम आएगी। अब चयनकर्ताओं पर दबाव है कि लंबे इंतजार के बाद सरफराज खान को टेस्ट ब्लूज में देखें।
FAQs:
- Sarfaraz Khan को इंडिया-ए क्यों नहीं चुना गया?
- चयन समिति के फैसले की आलोचना हो रही है, कई लोगों को लगता है घरेलू रिकॉर्ड की अनदेखी हुई।
- शार्दुल ठाकुर का बयान इतना चर्चा में क्यों?
- क्योंकि कप्तान ने पहली बार मीडिया में खुलकर सरफराज के लिए सपोर्ट दिखाया है।
- Sarfaraz के घरेलू रेकॉर्ड कितने प्रभावशाली हैं?
- लगातार तीन सीजन, औसत 90+ और कई दोहरी सेंचुरी।
- सरफराज को किस भूमिका के लिए उपयुक्त माना जा रहा है?
- मध्यक्रम के बल्लेबाज व संकट में मैच बचाने वाले खिलाड़ी के तौर पर।
- टीम इंडिया चयन में ये बहस क्यों मायने रखती है?
- यह साबित करता है कि घरेलू परफॉर्मेंस के बावजूद भी कई बार टैलेंट को मौके के लिए इंतजार करना पड़ता है।
- क्या शार्दुल का बयान चयन प्रक्रिया में फर्क लाएगा?
- उम्मीद है, क्योंकि खिलाड़ियों की खुली राय चयनकर्ताओं के लिए दबाव बढ़ाएगी।
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