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अरावली हिल्स बचाओ: SC का स्वतः संज्ञान, अवैध माइनिंग पर रोक लगेगी या नहीं?

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सुप्रीम कोर्ट 29 दिसंबर को अरावली हिल्स खनन पर स्वतः संज्ञान मामला सुनेगा। हिल्स की परिभाषा तय, अवैध माइनिंग पर रोक? पर्यावरण बचाव vs आर्थिक हित, राजस्थान-हरियाणा-UP प्रभावित!

सुप्रीम कोर्ट में अरावली विवाद: खनन बैन हटेगा? राजस्थान-हरियाणा-UP पर नजर!

सुप्रीम कोर्ट में अरावली हिल्स खनन विवाद: सोमवार को अहम सुनवाई

29 दिसंबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट अरावली हिल्स में अवैध खनन और हिल्स की परिभाषा पर स्वतः संज्ञान मामला सुनेगा। ये पर्यावरण के लिए बड़ा केस है, जहां खनन कंपनियों और राज्यों के आर्थिक हितों के बीच अरावली का भविष्य दांव पर। कोर्ट ने खुद संज्ञान लिया क्योंकि 2002 के बैन के बावजूद माइनिंग जारी। राजस्थान, हरियाणा, यूपी और दिल्ली-NCR प्रभावित।

अरावली भारत की सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखला है – 700 किमी लंबी, गुजरात से दिल्ली तक। ये दिल्ली का फेफड़ा, वन्यजीव कॉरिडोर, जल संरक्षण का स्रोत। लेकिन चूना पत्थर, संगमरमर खनन से 40% कवर नष्ट। SC ने 2002, 2004, 2009 में माइनिंग बैन लगाया। फिर भी 2024 में सैटेलाइट इमेज से 500+ अवैध साइट्स मिलीं।

केस का बैकग्राउंड: स्वतः संज्ञान क्यों?

सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया रिपोर्ट्स, PILs से संज्ञान लिया। मुख्य मुद्दा – ‘अरावली हिल्स’ की परिभाषा क्या? 692 गांवों को शामिल करने का विवाद। हरियाणा सरकार ने 2024 में 47 ही मान्यता दी। राजस्थान ने 202 किमी इलाके को एक्सक्लूड करने की कोशिश। कोर्ट ने कहा, ‘पर्यावरण संरक्षण राष्ट्रीय हित।’ जस्टिस जे बी पारदीवाला बेंच सुनवाई करेगी।

राज्यों का स्टैंड:

राज्यस्थिति
राजस्थानसबसे ज्यादा माइनिंग (अलवर, जयपुर), 300+ लीगल क्वारीज, आर्थिक नुकसान का दावा
हरियाणामहेंद्रगढ़, नूंह में खनन, 47 गांव ही अरावली माने
यूपीमथुरा-आगरा बॉर्डर पर अवैध डंपिंग
दिल्लीवन कवर घटा, प्रदूषण बढ़ा

पर्यावरण पर असर: आंकड़ों की मार

अरावली से दिल्ली को 20% हवा साफ होती। ISRO डेटा: 1990 से 40% डिफॉरेस्टेशन। 2024 में 1.5 लाख पेड़ कटे। वन्यजीव – लेपर्ड, हाइना, नीलगाय खतरे में। जल स्तर 200 मीटर गिरा। PMO ने 2023 में ग्रीन बोनस स्कीम रोकी। SC ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) को जांच सौंपी।

माइनिंग इंडस्ट्री का पक्ष

राजस्थान स्टोन एसोसिएशन: 5 लाख जॉब्स, 10,000 करोड़ राजस्व। बैन से बेरोजगारी। लीगल माइनिंग रेगुलेटेड। लेकिन अवैध 80%। SC सुझाव: सस्टेनेबल माइनिंग, रीफॉरेस्टेशन।

पिछले SC ऑर्डर्स:

  • 2002: सभी माइनिंग बैन
  • 2009: हरियाणा को 13 क्वारीज की अनुमति (NGT ने कैंसल)
  • 2024: अवमानना नोटिस राज्यों को
  • अब: हिल्स डेफिनिशन फाइनल

NGT ने 150+ केस पेंडिंग।

सुनवाई के संभावित परिणाम

  1. हिल्स की क्लियर डेफिनिशन – सर्वे से 692 गांव कन्फर्म
  2. परपेचुअल बैन अवैध माइनिंग पर
  3. स्टेट्स को रिस्टोरेशन प्लान जमा
  4. फाइन/अवमानना राजनैतिक लीडर्स पर
  5. ग्रीन कॉरिडोर डेवलपमेंट

पर्यावरण एक्टिविस्ट्स उम्मीद: ‘अरावली बचेगा तो NCR बचेगा।’

भारत में अरावली जैसी चुनौतियां

वेस्टर्न घाट, हिमालय में भी माइनिंग विवाद। सस्टेनेबल डेवलपमेंट जरूरी। अरावली केस नेशनल प्रेसिडेंट बनेगा।​


5 FAQs

  1. SC कब अरावली केस सुनेगा?
    29 दिसंबर 2025 को, स्वतः संज्ञान पर।
  2. मुख्य मुद्दा क्या?
    अरावली हिल्स की परिभाषा और अवैध खनन रोक।
  3. कौन से राज्य प्रभावित?
    राजस्थान, हरियाणा, यूपी, दिल्ली-NCR।
  4. 2002 में क्या हुआ?
    SC ने पूर्ण माइनिंग बैन लगाया।
  5. पर्यावरण असर क्या?
    40% कवर नष्ट, प्रदूषण बढ़ा, जल संकट।
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