Shakambhari Navratri 2025: 28 दिसंबर से 3 जनवरी तक। देवी शाकंभरी की भूखमरी समाप्ति कथा, पूजन विधि, बनड़ा अष्टमी, फलाहार, मंत्र और पर्यावरण संदेश। राजस्थान-कर्नाटक पूजा गाइड।
Shakambhari Navratri 2025: भूखमरी मिटाने वाली देवी शाकंभरी की पूजा – 28 दिसंबर से 3 जनवरी तक पूर्ण गाइड
पौष महीने की Shakambhari Navratri 2025 हिंदू धर्म का अनोखा त्योहार। देवी भगवती का शाकंभरी रूप – हरियाली, फसल और पोषण की देवी। भयंकर अकाल में सब्जी-फल उगाकर भूख मिटाई। 2025 में रविवार 28 दिसंबर से शनिवार 3 जनवरी तक। पौष शुक्ल अष्टमी (बनड़ा अष्टमी) से पूर्णिमा (शाकंभरी जयंती) तक 8 दिन। राजस्थान, यूपी, कर्नाटक, महाराष्ट्र में धूम। ICMR न्यूट्रिशन: फलाहार व्रत इम्यूनिटी 20% बूस्ट। आइए जानें कथा, तिथि, विधि, रेसिपीज और पर्यावरण संदेश।
Shakambhari Navratri 2025 डेट्स और पंचांग विवरण
पौष शुक्ल अष्टमी 27 दिसंबर दोपहर 1:09 से 28 दिसंबर सुबह 11:59 तक (दिल्ली समय)। अन्य नवरात्रि प्रतिपदा से, ये अष्टमी से। 8 दिन (कभी 7-9)।
| घटना | तिथि-समय |
|---|---|
| आरंभ | 28 दिसंबर 2025 (रविवार) |
| समापन | 3 जनवरी 2026 (शनिवार) |
| बनड़ा अष्टमी | 28 दिसंबर |
| शाकंभरी जयंती | 3 जनवरी पूर्णिमा |
देवी शाकंभरी की कथा: भूखमरी समाप्ति चमत्कार
दुर्गा सप्तशती: दुराचार से देवी क्रोधित, आंखों से जहर बरसा। पृथ्वी अकालग्रस्त। भक्त प्रार्थना। देवी शाकंभरी अवतरित – हाथों से सब्जी-फल उगाए। भूख मिटाई। ‘शाक+भरी’ नाम। हरियाली प्रतिमा।
पूजन विधि: 8 दिन स्टेप-बाय-स्टेप गाइड
दिन 1 (28 दिसंबर – अष्टमी): कलश स्थापना
साफ बर्तन, जौ बोएं। देवी मूर्ति/चित्र। हरा वस्त्र।
दैनिक पूजा: संध्या आरती, मंत्र: ‘ओम शाकंभरी देव्यै नम:’। फल-सब्जी चढ़ाएं।
व्रत नियम: फलाहार। अनाज, लहसुन-प्याज निषेध। आयुर्वेद: detox।
बनड़ा अष्टमी स्पेशल (कर्नाटक): बनशंकर देवी मंदिर। अभिषेक।
फलाहार रेसिपीज: शाकंभरी स्पेशल
साबूदाना खिचड़ी: साबू+मूंगफली+हरी मिर्च।
फ्रूट कट्टू: अनार, सेब, केला।
आंवला शरबत: विट C बूस्ट (ICMR)।
क्षेत्रीय उत्सव: राजस्थान से कर्नाटक
राजस्थान: खाटू श्याम मंदिर पूजा। कर्नाटक: बनशंकर देवी लाखों भक्त। यूपी: अयोध्या।
आध्यात्मिक संदेश: प्रकृति और भोजन सम्मान
फसल देवी पूजा पर्यावरण जागरण। सस्टेनेबल फार्मिंग। WHO: न्यूट्रिशनल अवेयरनेस।
आरोग्य लाभ: व्रत साइंस
ICMR: फलाहार डिटॉक्स, इम्यूनिटी +20%। विटामिन रिच।
FAQs
1. शाकंभरी नवरात्रि कब से?
28 दिसंबर 2025 से 3 जनवरी 2026। अष्टमी से पूर्णिमा। 8 दिन।
2. देवी शाकंभरी की कथा?
अकाल में सब्जी उगाकर भूख मिटाई। दुर्गा रूप।
3. व्रत में क्या खाएं?
फल, सब्जी, साबूदाना। अनाज निषेद।
4. बनड़ा अष्टमी का महत्व?
कर्नाटक बनशंकर पूजा। अभिषेक।
5. जयंती पर क्या करें?
हवन, दान। पूर्णिमा स्नान।
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