झारखंड की कहानियाँ अंतरराष्ट्रीय मंच तक अपनी पहुंच बना चुकी हैं। यहाँ की मिट्टी से जुड़ी कहानियों को अब अंतरराष्ट्रीय पहचान मिल रहा है। हजारीबाग की टीम कंट्री रोड्स फिल्म के बैनर तले बनी लघु फिल्म “सुरुजमुखी” का चयन अमेरिका के प्रतिष्ठित नैनोकॉन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (NIFF) 2025 में हुआ है। यह महोत्सव 26 सितम्बर से 4 अक्टूबर तक लॉन्गव्यू, वॉशिंगटन में आयोजित होगा। फिल्म की स्क्रीनिंग लोअर कोलंबिया कॉलेज , लॉंगव्यू पब्लिक लाइब्रेरी और हिस्टोरिक कोलंबिया थिएटर जैसे प्रमुख स्थलों पर होगी।
फिल्म के निर्देशक सुमित कुमार सिन्हा ने इस सफलता पर कहा कि “हमारे लिए यह गर्व का क्षण है। अमेरिका में सुरुजमुखी को प्रस्तुत करना और विश्वभर के फिल्मकारों के साथ जुड़ना हमारी मेहनत और दर्शकों के सहयोग का परिणाम है।”
इस फिल्म में अभिनय मुकेश राम प्रजापति, राकेश बाबू, विशाल कुमार, अनुपम कुमार, श्वेता भारती, संतोष रॉय, आलोक यादव और मिथलेश कुमार ने अभिनय किया हैं। वहीं, प्रोडक्शन टीम में सूरज कुमार, प्रतीक, श्रीकांत डूबे और सुभी तन्वी शामिल हैं।
फिल्म के मुख्य अभिनेता मुकेश राम प्रजापति ने अपनी खुशी साझा करते हुए कहा कि “सुरुजमुखी सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि हमारी ग्रामीण पृष्ठभूमि की संस्कृति, हमारी मिट्टी और आम लोगों की भावनाओं का आईना है। इसका अमेरिका तक पहुँचना झारखंड ही नहीं, बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व की बात है।”
सुरुजमुखी को इससे पहले सिने ड्रीम्स इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, मुंबई में भी चयनित किया जा चुका है। फिल्म की गुणवत्ता और संदेश से प्रभावित होकर विनोबा भावे विश्वविद्यालय, हजारीबाग (झारखंड) के कुलपति प्रो॰ (डॉ॰) चंद्र भूषण शर्मा ने प्रोत्साहन स्वरूप टीम को एक लाख रुपये की राशि भी प्रदान की थी। “सुरुजमुखी” को देश विदेश से काफी सराहना मिल रही है। निर्देशक सुमित कुमार सिन्हा ने कहा कि अगले प्रोजेक्ट की भी तैयारी लगभग पूर्ण हो चुकी है। बहुत जल्द इसकी शूटिंग शुरू की जायेगी।
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