पूर्व मंत्री और छह बार के विधायक संपत सिंह ने कांग्रेस छोड़ी और हरियाणा चुनाव हार के पीछे पार्टी के आंतरिक फूट और साजिशों का आरोप लगाया।
छह बार के विधायक संपत सिंह ने कांग्रेस से इस्तीफा देते हुए पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए
पूर्व मंत्री और छह बार के विधायक संपत सिंह ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस छोड़ दिया है, और हरियाणा के कांग्रेस इकाई में आंतरिक विघटन, टिकटों की खरीदी-फरोख्त, और गुटबाजी के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने अपने इस्तीफा पत्र में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखा कि पार्टी का हरियाणा संगठन एक परिवारिक क़ब्ज़े के रूप में विकसित हो चुका है, जहां वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज कर संरक्षण उम्मीदवारों को टिकट दिया जा रहा है।
संपत सिंह ने संकेत दिया कि चुनावों में कांग्रेस के प्रमुख उम्मीदवारों को नुकसान पहुंचाने के लिए पार्टी के भीतर प्रतिद्वंद्वी गुटों ने अलग-अलग क्षेत्रों में स्वतंत्र उम्मीदवार खड़ा कराए। उन्होंने इसे ‘टिकट चोरी’ और ‘वोट चोरी’ करार दिया, जो पार्टी के बंटवारे को दर्शाता है।
उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन के दौरान तुष्टिकरण, पारिवारिक राजनीति, और पार्टी नेतृत्व की कमजोरी का भी उल्लेख किया। पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल, उनके पुत्र कुलदीप बिश्नोई, और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ पार्टी छोड़ने का कारण भी पार्टी की अंतर्निहित समस्याएं और नेतृत्व संकट बताया।
संपत सिंह ने यह भी कहा कि उन्होंने 2022 में बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में वापसी की थी, लेकिन फिर से पार्टी के भीतर सत्ता संरचना और गुटबाजी के कारण खुद को अलग-थलग महसूस किया। उनका यह इस्तीफा कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, खासकर हरियाणा में पार्टी की राजनीतिक स्थिति को देखते हुए।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):
- संपत सिंह ने कांग्रेस क्यों छोड़ी?
- क्या संपत सिंह कांग्रेस में लौटे थे?
- उन्होंने किस प्रकार की साजिशों का उल्लेख किया?
- कांग्रेस नेतृत्व पर क्या आरोप लगाए?
- संपत सिंह की राजनीति में प्रमुख उपलब्धियां क्या हैं?
- छह बार के विधायक और पूर्व मंत्री, हरियाणा में राजनीतिक प्रभाव वाले नेता।
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