एक Spine Surgeon ने बताया है कि लंबे समय तक बैठने से पीठ की मांसपेशियों, डिस्क और रीढ़ की हड्डी को गंभीर नुकसान हो सकता है। जानें इससे बचने के लिए सही बैठने का पोस्चर, एक्सरसाइज और जरूरी टिप्स।
Spine Surgeon ने बताए बचाव के उपाय
लंबे समय तक बैठने से पीठ को होने वाले नुकसान
आज की डेस्क-बाउंड लाइफस्टाइल में ज्यादातर लोग दिन के 8-10 घंटे कुर्सी पर बैठकर ही गुजार देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह “बैठा हुआ जीवन” आपकी पीठ और रीढ़ की हड्डी के लिए एक साइलेंट किलर की तरह है? हाल ही में, एक प्रमुख ऑर्थोपेडिक स्पाइन सर्जन ने लंबे समय तक बैठने से होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों पर चिंता जताई है और बताया है कि कैसे यह आदत हमारी पीठ को अंदरूनी नुकसान पहुंचाती है। अगर आप भी ऑफिस में लंबे समय तक बैठते हैं या फिर घर पर सोफे पर आराम से बैठकर टीवी देखने के शौकीन हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए बेहद जरूरी है।
लंबे समय तक बैठना पीठ के लिए इतना हानिकारक क्यों है? Spine Surgeon की व्याख्या
सर्जन के अनुसार, मानव शरीर की रचना गति के लिए की गई है, न कि लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठे रहने के लिए। जब हम लगातार बैठे रहते हैं, तो हमारी रीढ़ की हड्डी (Spine) और उससे जुड़े तंत्रों पर अत्यधिक दबाव पड़ता है।
- इंटरवर्टेब्रल डिस्क पर दबाव: रीढ़ की हड्डी की हड्डियों (वर्टिब्रा) के बीच कुशन का काम करने वाली डिस्क पर बैठने की स्थिति में सबसे ज्यादा लोड पड़ता है। खड़े होने या लेटने की तुलना में बैठने पर लंबर (कमर) की डिस्क पर 40% तक ज्यादा दबाव पड़ सकता है। यह दबाव धीरे-धीरे डिस्क को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे बुल्जिंग डिस्क (Disc Bulge) या हर्नियेटेड डिस्क (Herniated Disc) की समस्या हो सकती है।
- मांसपेशियों में असंतुलन: लगातार बैठे रहने से कूल्हे फ्लेक्सर (Hip Flexors) की मांसपेशियां सिकुड़ और तन जाती हैं, जबकि ग्लूट्स (Buttocks) की मांसपेशियां कमजोर पड़ जाती हैं। यह असंतुलन पेल्विस की पोजीशन को बिगाड़ देता है, जिससे लंबर लॉर्डोसिस (कमर का अतिरिक्त मुड़ना) बढ़ जाता है और पीठ के निचले हिस्से में दर्द होने लगता है।
- कोर मसल्स का कमजोर होना: बैठे रहने पर पेट और पीठ की कोर मांसपेशियों का इस्तेमाल नहीं होता, जिससे वे कमजोर हो जाती हैं। एक कमजोर कोर रीढ़ को स्थिरता प्रदान करने में विफल रहता है, जिससे चोट लगने का खतरा बढ़ जाता है।
लंबे समय तक बैठने से जुड़े स्वास्थ्य जोखिम
Spine Surgeon ने जोर देकर कहा कि लंबे समय तक बैठना सिर्फ पीठ दर्द का ही कारण नहीं है, बल्कि इससे और भी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं:
- क्रॉनिक लोअर बैक पेन: यह सबसे आम समस्या है, जो डिस्क और मांसपेशियों पर लगातार पड़ने वाले दबाव के कारण होती है।
- गर्दन और कंधे में दर्द: अक्सर लोग कंप्यूटर स्क्रीन की ओर झुककर बैठते हैं, जिससे गर्दन की मांसपेशियों (ट्रैपेज़ियस) में खिंचाव और दर्द होता है।
- पोस्चर डिफॉर्मिटीज: लगातार गलत तरीके से बैठने से स्थायी पोस्चर खराब हो सकता है, जैसे कि कूबड़ (Hunchback) या फॉरवर्ड हेड पोस्चर।
- साइटिका: डैमेज डिस्क या पिरिफॉर्मिस मसल के टाइट होने से साइटिक नर्व पर दबाव पड़ सकता है, जिससे कमर, कूल्हे और पैर में तेज दर्द होता है।
- डीजेनरेटिव डिस्क डिजीज: उम्र से पहले ही रीढ़ की डिस्क का घिसना और खराब होना शुरू हो सकता है।
कैसे बचें पीठ की समस्याओं से? सर्जन द्वारा बताए गए उपाय
सर्जन का कहना है कि थोड़ी सी सावधानी और जागरूकता से इन गंभीर समस्याओं से बचा जा सकता है।
- सही पोस्चर अपनाएं (Ergonomics है जरूरी):
- कुर्सी: कुर्सी ऐसी हो जिसमें लंबर सपोर्ट हो। कमर और कुर्सी के बीच खाली जगह न रहे।
- पैर: पैर जमीन पर सपाट टिके हों। घुटने कूल्हों से थोड़े नीचे या समान स्तर पर हों।
- कोहनी: कोहनियां 90-110 डिग्री के कोण पर हों और कंधे आराम की स्थिति में।
- स्क्रीन: कंप्यूटर स्क्रीन आंखों के लेवल पर हो। सिर नीचे या ऊपर न करना पड़े।
- ब्रेक लेना है जरूरी (20-20-20 रूल का पालन करें):
- हर 20-30 मिनट में अपनी सीट से उठें। सिर्फ 1-2 मिनट के लिए ही सही, खड़े हों, थोड़ा टहल लें या स्ट्रेच करें।
- हर 20 मिनट में 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर देखें। इससे आंखों और गर्दन दोनों को आराम मिलेगा।
- नियमित स्ट्रेचिंग और एक्सरसाइज:
- हिप फ्लेक्सर स्ट्रेच: लंजेस की पोजीशन में रहकर कूल्हे को आगे की ओर धकेलें।
- ** हैमस्ट्रिंग स्ट्रेच:** बैठे-बैठे या खड़े होकर पैर की अंगुलियों को छूने की कोशिश करें।
- कोर स्ट्रेंथनिंग: प्लैंक, ब्रिज एक्सरसाइज और सुपरमैन एक्सरसाइज को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
- वॉकिंग: दिन में कम से कम 30 मिनट की तेज चाल सेहत के लिए रामबाण है।
- वर्कस्टेशन को अपग्रेड करें:
- अगर संभव हो तो स्टैंडिंग डेस्क (Standing Desk) का इस्तेमाल करें। बैठने और खड़े होने का समय बारी-बारी से बांट लें।
सर्जन की यह चेतावनी हम सभी के लिए एक अलार्म बेल की तरह है। “बैठना नया धूम्रपान है” यह कहावत अब एक मुहावरा भर नहीं रह गई है, बल्कि एक वैज्ञानिक सत्य है। अपनी पीठ और समग्र स्वास्थ्य की रक्षा करना पूरी तरह से हमारे अपने हाथों में है। सही पोस्चर, नियमित ब्रेक और शारीरिक गतिविधि को अपनाकर हम न सिर्फ पीठ दर्द से बच सकते हैं, बल्कि एक अधिक ऊर्जावान और उत्पादक जीवन भी जी सकते हैं। आज से ही अपनी बैठने की आदतों में सुधार लाने का संकल्प लें, क्योंकि आपकी सेहत से बढ़कर कुछ भी नहीं है।
FAQs
1. क्या एक अच्छी एर्गोनॉमिक कुर्सी पीठ दर्द को पूरी तरह ठीक कर सकती है?
जवाब: एक एर्गोनॉमिक कुर्सी मदद जरूर कर सकती है, लेकिन यह जादू की छड़ी नहीं है। यह आपके पोस्चर को सही रखने में सहायता करती है, लेकिन लंबे समय तक बैठे रहने के नुकसान से बचने के लिए नियमित ब्रेक लेना और एक्सरसाइज करना उतना ही जरूरी है।
2. अगर पहले से ही पीठ दर्द है, तो क्या करूं?
जवाब: अगर आपको पहले से लगातार या तेज पीठ दर्द है, तो सबसे पहले एक ऑर्थोपेडिक डॉक्टर या फिजियोथेरेपिस्ट से सलाह लें। स्व-उपचार करने की कोशिश न करें। डॉक्टर सही कारण का पता लगाकर उचित इलाज और एक्सरसाइज बता सकते हैं।
3. स्टैंडिंग डेस्क का इस्तेमाल कितनी देर तक करना चाहिए?
जवाब: स्टैंडिंग डेस्क का मतलब पूरे दिन खड़े रहना नहीं है। बैठने और खड़े होने का अनुपात बनाए रखें। शुरुआत में हर 1 घंटे बैठने के बाद 15-30 मिनट के लिए खड़े हों। लंबे समय तक एक ही जगह पर खड़े रहने से भी पैर और कमर में दर्द हो सकता है।
4. ऑफिस में ब्रेक लेने के लिए क्या कर सकते हैं?
जवाब: पानी पीने के लिए उठें, अपने सहकर्मी से सीधे जाकर बात करें (चैट या ईमेल के बजाय), फोन पर बात करते समय टहलें, या हर घंटे 2-3 मिनट का समय निकालकर सीट से उठकर साधारण स्ट्रेच कर लें।
5. क्या बैठते समय सीट पर तकिया रखना ठीक है?
जवाब: हां, अगर आपकी कुर्सी में लंबर सपोर्ट नहीं है, तो कमर और कुर्सी के बीच की खाली जगह को भरने के लिए एक छोटा तकिया या लंबर रोल रख सकते हैं। इससे कमर को सहारा मिलेगा और पोस्चर सही रहेगा।
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