Women’s Cricket लगातार विकास के नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है, लेकिन अब भी उसे अनफंडेड आलोचना का सामना करना पड़ता है। जानें क्यों महिला क्रिकेट सम्मान और सराहना की हकदार है, न कि गलत आलोचना की।
Women’s Cricket से तुलना क्यों?A Case for Equal Passion and Respect
Women’s Cricket हकदार है सम्मान की, आलोचना की नहीं: जानें क्यों बदलनी चाहिए हमारी सोच
क्रिकेट को भारत में धर्म का दर्जा प्राप्त है। लेकिन एक लंबे समय तक, इस ‘धर्म’ में आधी आबादी की भूमिका सीमित और अक्सर अनदेखी रही है। आज महिला क्रिकेट एक नए युग में कदम रख चुका है। मिथाली राज, हरमनप्रीत कौर, स्मृति मंधाना और जेमिमा रॉड्रिग्स जैसी खिलाड़ियों ने न सिर्फ अपने जलवे से दुनिया को रोशन किया है, बल्कि यह साबित भी किया है कि क्रिकेट सिर्फ पुरुषों का खेल नहीं है।
लेकिन एक कड़वी सच्चाई यह है कि आज भी महिला क्रिकेट को वह सम्मान और स्वीकार्यता नहीं मिल पाई है, जिसकी वह हकदार है। अक्सर इन खिलाड़ियों को पुरुष क्रिकेटर्स से तुलना, अनफंडेड आलोचना और कम आंकने वाली सोच का सामना करना पड़ता है। यह लेख उन्हीं विषयों पर एक नजर डालता है और बताता है कि आखिर क्यों महिला क्रिकेट को सम्मान चाहिए, आलोचना की नहीं।
Women’s Cricket का सफर: संघर्ष से सफलता तक
महिला क्रिकेट का सफर आसान नहीं रहा है। एक जमाना था जब महिला खिलाड़ियों को अपने खर्चे पर टूर्नामेंट खेलने जाना पड़ता था, उन्हें प्रॉपर किट तक नसीब नहीं होती थी, और मीडिया में उन्हें न के बराबर कवरेज मिलता था। आज स्थितियां बदल रही हैं, लेकिन यह बदलाव कड़ी मेहनत और लगातार प्रदर्शन का नतीजा है।
- वैश्विक पहचान: भारतीय महिला क्रिकेट टीम 2017 और 2020 के वर्ल्ड कप फाइनल तक पहुंची, जिसने देश का दिल जीत लिया।
- WPL का आगाज: वुमेंस प्रीमियर लीग (WPL) की शुरुआत ने महिला क्रिकेट को एक नई दिशा दी है, जिससे खिलाड़ियों को बेहतरीन प्लेटफॉर्म और वित्तीय सुरक्षा मिली है।
- बढ़ती दर्शक संख्या: WPL 2023 और 2024 ने व्यूरशिप के नए रिकॉर्ड बनाए, जो साबित करता है कि लोग अब महिला क्रिकेट देखना चाहते हैं।
आलोचना के गलत आधार: क्यों गलत है तुलना करना?
Women’s Cricket के खिलाफ जो आलोचना की जाती है, वह अक्सर निम्नलिखित गलत आधारों पर होती है:
- “ये पुरुषों जितना तेज या पावरफुल नहीं खेलतीं”: यह सबसे आम और सबसे गलत आलोचना है। महिला क्रिकेट को पुरुष क्रिकेट के पैमाने पर नहीं मापा जा सकता। इसकी अपनी एक अलग रणनीति, फिनीसे और टेक्निकल बारीकियां हैं। महिला मैच अक्सर बेहद कम स्कोर पर भी रोमांच से भरे होते हैं, जहां हर रन का मूल्य होता है।
- “इनमें वह कॉम्पिटिटिव एज नहीं है”: यह दावा पूरी तरह से गलत साबित हो चुका है। हरमनप्रीत कौर की आक्रामक कप्तानी, डीपिका कुमारी की तेज गेंदबाजी या शेफाली वर्मा के बेखौफ शॉट्स में वही जुनून और प्रतिस्पर्धा दिखाई देती है, जो किसी भी पुरुष खिलाड़ी में होती है।
- “इनके मैच देखने लायक नहीं होते”: WPL और महिला वर्ल्ड कप के टीवी रेटिंग्स और स्टेडियम में उपस्थिति ने इस मिथक को तोड़ दिया है। दर्शक अब गुणवत्तापूर्ण क्रिकेट की सराहना करते हैं, चाहे वह पुरुष खेलें या महिलाएं।
महिला क्रिकेट क्यों देती है सम्मान की मांग?
महिला क्रिकेट सम्मान की हकदार है, सिर्फ इसलिए नहीं कि वह महिलाओं द्वारा खेला जाता है, बल्कि इसलिए क्योंकि उसने अपनी योग्यता साबित की है:
- खेल के प्रति समर्पण: इन खिलाड़ियों ने उन्हीं चुनौतियों का सामना किया है, जिनका सामना किसी भी शीर्ष एथलीट को करना पड़ता है – घर से दूर रहना, कड़ी ट्रेनिंग, चोटों से उबरना, आदि।
- युवा लड़कियों के लिए प्रेरणा: मिथाली राज, स्मृति मंधाना और हरमनप्रीत कौर आज लाखों लड़कियों के लिए रोल मॉडल हैं। उन्होंने साबित किया है कि लड़कियां भी क्रिकेट जैसे खेल में करियर बना सकती हैं और देश का नाम रोशन कर सकती हैं।
- खेल को विस्तार देना: महिला क्रिकेट ने क्रिकेट के दायरे को बढ़ाया है। इसने नए दर्शक, नए स्पॉन्सर और खेल के प्रति एक नया नजरिया दिया है।
हम कैसे दे सकते हैं अपना योगदान?
एक क्रिकेट प्रेमी और दर्शक के तौर पर, हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम महिला क्रिकेट को वह सपोर्ट दें, जिसकी उसे आगे बढ़ने के लिए जरूरत है।
- तुलना बंद करें: महिला क्रिकेट को पुरुष क्रिकेट के साथ कम्पेयर करना बंद करें। इसे अपने अलग मानकों पर देखें और उसकी अलग खूबियों की सराहना करें।
- मैच देखें और सपोर्ट करें: जब भी कोई महिला मैच हो, उसे टीवी या स्टेडियम में जाकर देखें। व्यूरशिप ही सबसे बड़ा बदलाव ला सकती है।
- सकारात्मक बातचीत को बढ़ावा दें: सोशल मीडिया पर महिला खिलाड़ियों की अनफंडेड आलोचना करने वालों का विरोध करें और उनकी उपलब्धियों को सेलिब्रेट करें।
महिला क्रिकेट अब (Request) नहीं, बल्कि अपना हक मांग रहा है। यह हक है सम्मान का, बराबरी का और उसी उत्साह और जुनून के साथ देखे जाने का, जो पुरुष क्रिकेट को मिलता है। यह सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव का एक साधन है जो लैंगिक समानता का संदेश देता है।
आइए, हम सब मिलकर इस बदलाव का हिस्सा बनें। महिला क्रिकेटर्स ने अपना काम पूरी ईमानदारी और मेहनत से किया है। अब हमारी बारी है कि हम उन्हें वह सम्मान और सपोर्ट दें, जिसकी वे हकदार हैं। क्योंकि सम्मान देकर ही हम एक बेहतर और समावेशी क्रिकेटिंग कल्चर का निर्माण कर सकते हैं।
FAQs
1. क्या Women’s Cricket पुरुष क्रिकेट जितना मनोरंजक है?
मनोरंजन का पैमाना व्यक्तिगत होता है। महिला क्रिकेट में रणनीति, टेंशन और नाटकीय मोड़ उतने ही रोमांचक होते हैं। अगर आप Technical और close contests पसंद करते हैं, तो महिला क्रिकेट बेहद मनोरंजक है।
2. क्या महिला क्रिकेटर्स को पुरुष क्रिकेटर्स जितनी सैलरी मिलती है?
अभी नहीं, लेकिन स्थिति में सुधार हो रहा है। BCCI ने महिला खिलाड़ियों की केंद्रीय अनुबंध राशि में उल्लेखनीय वृद्धि की है और WPL ने वित्तीय समानता की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। हालांकि, अभी भी एक बड़ा अंतर बना हुआ है।
3. क्या महिला क्रिकेट की आलोचना करना गलत है?
नहीं, रचनात्मक (Constructive) आलोचना किसी भी खेल का हिस्सा है। लेकिन आलोचना तथ्यों और तर्क पर आधारित होनी चाहिए, न कि लिंग के आधार पर या पुरुष क्रिकेट से तुलना करके। प्रदर्शन पर सवाल उठाना ठीक है, लेकिन खिलाड़ी की क्षमता पर सवाल उठाना गलत है।
4. महिला क्रिकेट का भविष्य कैसा दिखता है?
महिला क्रिकेट का भविष्य बेहद उज्ज्वल है। WPL जैसे टूर्नामेंट, बढ़ता इन्वेस्टमेंट, मीडिया कवरेज और बढ़ती फैन फॉलोइंग के साथ, यह तेजी से आगे बढ़ रहा है। आने वाले सालों में इसके और बढ़ने की उम्मीद है।
5. क्या महिला क्रिकेट को पुरुष क्रिकेट जितना मीडिया कवरेज मिलता है?
अभी नहीं मिलता, लेकिन स्थिति पहले से कहीं बेहतर है। WPL और बड़े ICC टूर्नामेंट्स को अच्छा कवरेज मिल रहा है। हालांकि, द्विपक्षीय सीरीज और छोटे टूर्नामेंट्स को अभी और कवरेज की जरूरत है।
6. एक आम क्रिकेट फैन महिला क्रिकेट का सपोर्ट कैसे कर सकता है?
सबसे आसान तरीका है उनके मैच देखना – टीवी पर या स्टेडियम में जाकर। सोशल मीडिया पर उन्हें फॉलो करना और उनकी उपलब्धियों को शेयर करना भी एक बेहतरीन तरीका है। सकारात्मक बातचीत में हिस्सा लें और अन्य लोगों को भी महिला क्रिकेट देखने के लिए प्रोत्साहित करें।
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