JNU में दशहरा ‘शोभा यात्रा’ और रावण दहन के दौरान छात्रों के दो समूहों में विवाद एवं झड़प हुई; मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की तस्वीर जलाने पर माहौल गरमाया।
दशहरा उत्सव के बीच JNU कैंपस में दो छात्र समूहों में टकराव
दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में विजयदशमी के मौके पर आयोजित ‘शोभा यात्रा’ और रावण दहन कार्यक्रम के दौरान दो छात्र गुटों के बीच हिंसक झड़प हो गई। विवाद का मुख्य कारण मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और संविधान रक्षकों की तस्वीरों के दहन को लेकर फैला।
घटना का विवरण
JNUSU के संयुक्त सचिव वैभव मीणा ने बताया कि छात्र संगठन ने ‘नक्सल जैसी ताकतों’ के प्रतीक रावण दहन के लिए फोटो और पुतलों का दहन किया, जिसमें अफ़ज़ल गुरु, उमर खालिद, शरजील इमाम सहित अन्य की तस्वीरें थीं। दाहिनी ओर के छात्रों की शोभा यात्रा में जब ये पुतले जलाए जा रहे थे, उसी समय वामपंथी गुट के छात्रों ने इसका विरोध करते हुए जूते-चप्पल फेंके और माहौल तनावपूर्ण हो गया।
विरोध और आरोप
JNUSU अध्यक्ष नितीश कुमार के मुताबिक, विवाद का मुख्य कारण एक पोस्टर और उन पूर्व छात्रों की पुतली जलाना था, जिन्हें संविधान और मानवाधिकार के लिए किए गए आंदोलनों में सक्रिय रहना माना जाता है। दोनों पक्षों के विरोध के साथ-साथ नारेबाजी और शारीरिक झड़प तक माहौल बढ़ गया।
विश्वविद्यालय प्रशासन और आगे की कार्रवाई
घटना के बाद प्रशासन ने स्थिति पर नियंत्रण पाने का प्रयास किया। छात्र संगठनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की बात कही है।
JNU में दशहरा और रावण दहन कार्यक्रम में मामूली धार्मिक व सामाजिक मुद्दा तनाव का कारण बन गया, जिससे छात्रों के दो मुख्य समूहों में सीधा टकराव दिखा।
FAQs
- JNU में हिंसा का मुख्य कारण क्या था?
- किसके पुतले जलाने से विवाद बढ़ा?
- दोनों पक्षों के छात्रों ने एक-दूसरे पर क्या आरोप लगाए?
- प्रशासन की क्या प्रतिक्रिया रही?
- क्या पुलिस में कोई शिकायत दर्ज हुई है?
- ऐसी घटनाओं से विश्वविद्यालयों में क्या संदेश जाता है?
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