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सुधा मूर्ति का बड़ा बयान: स्कूलों में वंदे मातरम गाना अनिवार्य हो 

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Sudha Murty's Bold Call: Make Vande Mataram Compulsory in Schools
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सुधा मूर्ति ने स्कूलों में वंदे मातरम गाना अनिवार्य करने की मांग की। राष्ट्रगान के साथ देशभक्ति सिखाने पर जोर। इतिहास, विवाद, फायदे और सरकार का संभावित रुख पूरी जानकारी।

सुधा मूर्ति बोलीं – राष्ट्रगान के साथ वंदे मातरम जरूरी, देशभक्ति सिखाएगा!

सुधा मूर्ति की अपील: स्कूलों में वंदे मातरम गाना बनाएं अनिवार्य – देशभक्ति का सबक क्यों जरूरी?

दोस्तों, Infosys फाउंडेशन की चेयरपर्सन और समाजसेवी सुधा मूर्ति ने एक बार फिर दिल छू लेने वाली बात कही है। उन्होंने सरकार से अपील की है कि स्कूलों में रोजाना राष्ट्रगान के साथ वंदे मातरम गाना अनिवार्य कर दिया जाए। उनका कहना है कि इससे बच्चों में देशभक्ति की भावना मजबूत होगी। ये बयान हाल ही में एक कार्यक्रम में आया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। लेकिन क्या ये सुझाव इतना आसान है? विवाद भी हो रहा। आइए, पूरी बात समझें।

सुधा मूर्ति ने कहा, “राष्ट्रगान तो सभी स्कूलों में बजता है, लेकिन वंदे मातरम को भी जोड़ दें। ये गीत स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक है। रोज गाने से बच्चे देश को मां की तरह पूजना सीखेंगे।” उनका मानना है कि आधुनिक शिक्षा में नैतिकता और संस्कृति कम हो रही। ये सुझाव बच्चों के चरित्र निर्माण के लिए दिया। मूर्ति जी पहले भी ग्रामीण शिक्षा, लड़कियों की साक्षरता पर जोर देती रहीं।

वंदे मातरम का इतिहास: राष्ट्रगान से कम नहीं
वंदे मातरम आनंदमठ उपन्यास से निकला। बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने 1882 में लिखा। स्वदेशी आंदोलन में क्रांतिकारियों का जयघोष। 1905 में बंगाल विभाजन विरोध। रवींद्रनाथ टैगोर ने संगीतबद्ध किया। 1937 में कांग्रेस सेशन में राष्ट्रगान घोषित लेकिन 1950 में संविधान सभा ने राष्ट्रीय गीत चुना। पहला पद तो विवादास्पद रहा – कुछ समुदायों ने मां को हिंदू देवी माना। सुप्रीम कोर्ट 2009 में सिर्फ पहला पद अनिवार्य करने पर रोक लगाई। अब ज्यादातर स्कूल स्वैच्छिक गाते।

5 FAQs

  1. सुधा मूर्ति ने क्या कहा?
    स्कूलों में राष्ट्रगान के साथ वंदे मातरम अनिवार्य करें।
  2. वंदे मातरम कब बना राष्ट्रीय गीत?
    1950 में संविधान सभा ने।
  3. क्या पहले अनिवार्य था?
    2006 सर्कुलर लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने रोका।
  4. फायदे क्या?
    देशभक्ति, इतिहास ज्ञान, अनुशासन।
  5. विरोध क्यों?
    धार्मिक भावनाएं, विविधता।
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