दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 386 पर पहुंच गया है, जिससे घना स्मॉग और सार्वजनिक जीवन प्रभावित है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए पंजाब-हरियाणा से रिपोर्ट मांगी है।
सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप, प्रदूषण नियंत्रण उपायों पर पंजाब-हरियाणा से रिपोर्ट तलब
शनिवार सुबह दिल्ली में घना स्मॉग छाया रहा, जिससे शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 386 तक पहुँच गया और यह ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज हुआ। इंडिया गेट सहित प्रमुख स्थलों की दृश्यता बेहद कम रही, जिससे आम जनजीवन प्रभावित हुआ।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के कई इलाकों में AQI 400 के पार रहा; जैसे अशोक विहार (415), बावाना (441), चांदनी चौक (419), द्वारका सेक्टर-8 (393), आईटीओ (418), मुंडका (426), रोहिणी (423), सिरी फोर्ट (495) और वजीरपुर (447)। यह राजधानी में प्रदूषण का व्यापक असर दिखाता है।
बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में GRAP-III लागू कर दिया है। इसके तहत अधिकांश गैर-जरूरी निर्माण कार्यों, BS-III पेट्रोल और BS-IV डीजल वाहनों, कक्षा 5 तक के छात्रों के लिए स्कूलों में ऑफलाइन कक्षाएं, गैर-स्वच्छ ईंधन वाली औद्योगिक गतिविधियों और गैर-आपातकालीन डीजल जेनरेटरों के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने भी इस गंभीर स्थिति में हस्तक्षेप करते हुए पंजाब और हरियाणा सरकारों को पराली जलाने की रोकथाम पर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है, जो दिल्ली में प्रदूषण का बड़ा कारण है।
FAQs:
- दिल्ली में AQI सबसे ज्यादा किस इलाके में रहा?
- GRAP-III के तहत कौन-कौन से प्रतिबंध लगाए गए हैं?
- स्मॉग के कारण स्कूलों में क्या बदलाव हुए हैं?
- सुप्रीम कोर्ट ने किस विषय पर रिपोर्ट मांगी है?
- दिल्ली वायु प्रदूषण के मुख्य कारण क्या हैं?
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