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Taliban Minister Heads to India: अफगानिस्तान का भारत के साथ बढ़ता रिश्ता, पाकिस्तान के लिए चुनौती?

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Taliban Minister Amir Khan Muttaqi
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तालिबानी विदेश मंत्री की भारत यात्रा से अफगानिस्तान में भारत की बढ़ती भूमिका और पाकिस्तान के कमजोर पड़ते प्रभाव की कहानी।

Taliban Minister भारत आएंगे: अफगान राजनीति में पाकिस्तानी दबदबे का अंत

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताक़ी की भारत यात्रा अगले सप्ताह होने वाली है। यह पहला उच्च स्तरीय तालिबानी कूटनीतिक संपर्क है जो अगस्त 2021 में काबुल के पतन के बाद भारत के साथ होगा। इस यात्रा का संदेश क्षेत्रीय सामरिक समीकरणों में एक महत्वपूर्ण और तीव्र बदलाव का संकेत देता है, जिसमें पाकिस्तान की अफगान नियंत्रण स्थिति कमजोर होती जा रही है और भारत अफगानिस्तान के प्रमुख साझेदार के रूप में उभर रहा है।

भारत का सतर्क लेकिन कायम प्रयास
भारत ने अफगानिस्तान के साथ अपने संबंधों को मानवीय सहायता और तकनीकी सहयोग के माध्यम से मजबूत किया है, जबकि आधिकारिक रूप से तालिबानी शासन को नहीं मान्यता दी। भारत नई दिल्ली की नीति के तहत आतंकवाद की रोकथाम और व्यापारिक सहयोग को बढ़ावा देते हुए अफगानिस्तान की संप्रभुता और स्थिरता को समर्थन दे रहा है।

पाकिस्तान की घेराबंदी और असफलताएं
पाकिस्तान, जो कभी अफगानिस्तान में अपना प्रभाव जमाने वाला एकमात्र देश था, अब खुद को अलग-थलग और संदिग्ध स्थिति में पाता है। तालिबान सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी विदेशी सैन्य गतिविधि को अफगानिस्तान में स्वीकार नहीं किया जाएगा। साथ ही, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के बढ़ते हमले पाकिस्तान की नीति की विफलता की झलक हैं।

CPEC 2.0 की सीमाएं
पाकिस्तान की आर्थिक परियोजना CPEC ने अफगानिस्तान में उतनी सफलता नहीं पाई जितनी अपेक्षित थी। अफगान नेताओं का मानना है कि यह परियोजना पाकिस्तान के हित की सेवा करती है और अफगानिस्तान को इस पर पूरी तरह निर्भर करना उनके लिए अस्वीकार्य है। अफगानिस्तान भारत समर्थित विकल्पों की ओर झुका हुआ है।

अमेरिका की भूमिका और पाकिस्तान का संघर्ष
पाकिस्तान की अमेरिका से आर्थिक सहायता की चाह है, पर अमेरिकी प्रशासन का ध्यान इसके लिए सीमित है क्योंकि वह भारत और अफगानिस्तान के बढ़ते संबंधों पर ज्यादा फोकस कर रहा है।


तालिबानी मंत्री की भारत यात्रा क्षेत्र में भारत की बढ़ती भूमिका और पाकिस्तान के घटते प्रभाव का प्रतीक है। यह क्षेत्रीय रणनीति में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत है जहां अफगानिस्तान अपने कूटनीतिक विकल्पों का विस्तार कर रहा है।

FAQs

  1. तालिबानी मंत्री की भारत यात्रा का महत्व क्या है?
  2. भारत ने अफगानिस्तान में अपनी स्थिति कैसे मजबूत की है?
  3. पाकिस्तान का अफगानिस्तान में प्रभाव क्यों कम हुआ है?
  4. TTP का पाकिस्तान के लिए क्या खतरा है?
  5. CPEC परियोजना अफगानिस्तान में क्यों सफल नहीं हुई?
  6. अमेरिका की अफगानिस्तान नीतियों का क्षेत्रीय प्रभाव क्या है?
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