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तंजानिया में चुनावी विरोध प्रदर्शनों में सैंकड़ों की मौत, संयुक्त राष्ट्र ने जांच की मांग की

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Tanzania election protests violence
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तंजानिया में चुनाव के बाद हुई हिंसक विरोध प्रदर्शनों में सैंकड़ों लोगों की मौत की खबरों के बीच संयुक्त राष्ट्र ने तत्काल जांच शुरू करने की मांग की है।

तंजानिया चुनाव विरोध प्रदर्शनों में हुई भारी हिंसा, संयुक्त राष्ट्र ने फोर्स के दुरुपयोग की जांच की माँग की

तंजानिया में हाल ही में संपन्न हुए चुनावों के बाद देश के कई हिस्सों में हुए विरोध प्रदर्शनों में बड़ी संख्या में लोगों की मौत होने की खबरें आई हैं। देश की मुख्य विपक्षी पार्टी CHADEMA ने शुक्रवार को दावा किया कि विरोध प्रदर्शनों में अब तक सैंकड़ों मौतें हो चुकी हैं, जबकि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने तीन शहरों में कम से कम दस मौतों की विश्वसनीय रिपोर्टें प्रकाशित की हैं।

ये प्रदर्शनों तब भड़के जब राष्ट्रपति सामिया सुहुलु हसन के दो मुख्य प्रतिद्वंद्वी चुनाव से बाहर कर दिए गए और विपक्ष ने व्यापक उत्पीड़न की शिकायत की। प्रदर्शनकारियों ने कई शहरों में सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ आवाज उठाई, लेकिन सुरक्षा बलों ने आंसू गैस और गोलीबारी का सहारा लेकर प्रदर्शनकारियों को तोड़ने की कोशिश की।

सरकार ने देश के वाणिज्यिक केंद्र दार एस सलाम में दो रातों तक कर्फ्यू लगाया और इंटरनेट सेवा बाधित कर दी। सरकारी बयान में सुरक्षा बलों ने हिंसा को “छोटे-पैमाने के घटनाक्रम” बताया है और इलाके में शांति बहाल करने के वादे किए हैं। हालांकि विपक्षी पार्टी का कहना है कि वास्तविक मौतों का आंकड़ा इससे कई गुना अधिक है, उन्होंने लगभग 700 मौतों का हवाला दिया है।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सभी अधिकारियों से “अत्यधिक बल प्रयोग” की जांच तलाशी जाने और निष्पक्ष जांच की मांग की है। विदेशी सरकारों ने भी तंजानिया सरकार से प्रदर्शनकारियों के शांतिपूर्ण अधिकार का सम्मान करने और संयम बरतने का अनुरोध किया है।

सरकार के विदेश मंत्रालय ने सुरक्षा को लेकर कड़े कदम उठाए हैं और सार्वजनिक आदेश बहाल करने की बात कही है, लेकिन एक स्थानीय निवासी ने बताया कि एक परिवार का सदस्य प्रदर्शनकारी समझकर अस्पताल के बाहर गोली मारी गई जिससे उसकी मौत हो गई।

प्रदर्शन और हिंसा ने तंजानिया की राजनीतिक स्थिरता पर प्रश्न चिह्न लगा दिया है, इसे साल 2021 में सत्ता में आई सामिया सुहुलु हसन के लिए एक बड़ी परीक्षा माना जा रहा है, जिन्हें पहले नरम व्यवहार के लिए सराहा गया था। लेकिन इस बार विपक्ष और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं द्वारा उन पर ग़ैरकानूनी गिरफ्तारियों और अपहरण के आरोप लगाए गए हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):

  1. तंजानिया में हालिया चुनाव के बाद क्या हुआ?
  • चुनाव विरोधी प्रदर्शन हुए जिसमें मुख्य विपक्षी दल को चुनाव से बाहर रखा गया। प्रदर्शन हिंसक बने और कई लोगों की मौत हुई।
  1. सरकार की मौतों के बारे में क्या प्रतिक्रिया रही?
  • सरकार ने मौतों की संख्या को घटा कर बताया और हिंसा को ‘सीमित घटनाएं’ बताया।
  1. संयुक्त राष्ट्र की क्या भूमिका है?
  • यूएन ने अत्यधिक बल प्रयोग की जांच की मांग की है और निष्पक्ष जांच की अपील की है।
  1. प्रदर्शनकारियों का क्या मुख्य मांग थी?
  • चुनाव सुधार, निष्पक्ष चुनाव और अभिव्यक्ति की आज़ादी की रक्षा।
  1. तंजानिया में कर्फ्यू कब लगाया गया?
  • उच्च हिंसा के बाद दो रातों के लिए दार एस सलाम सहित कई क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया गया।

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