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भागवत बोले- मंदिर-तालाब सबके लिए: नशा, प्लास्टिक और जलवायु संकट पर घर से शुरू करें

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Mohan Bhagwat's Unity Call: Don't Judge by Caste, Wealth or Language – India for All!
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RSS प्रमुख मोहन भागवत ने छत्तीसगढ़ में कहा- जाति, धन या भाषा से न आंकें लोगों को। परिवार में साप्ताहिक संवाद, सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण और नशा मुक्ति पर जोर। पूरे देश को अपना मानें!

मोहन भागवत का बड़ा संदेश: जाति-धन-भाषा से न आंकें, पूरे देश को अपना मानें!

मोहन भागवत का एकजुट भारत का संदेश: जाति-धन-भाषा से ऊपर उठें, परिवार से शुरू करें सुधार

31 दिसंबर 2025 को छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले के सोनपैरी गांव में हिंदू सम्मेलन को संबोधित करते हुए RSS प्रमुख मोहन भागवत ने सामाजिक सद्भाव का जोरदार आह्वान किया। उन्होंने कहा कि लोगों को जाति, धन, भाषा या क्षेत्र से नहीं आंकना चाहिए। पूरा देश सबका है और सामाजिक समरसता का पहला कदम मन से भेदभाव मिटाना है। सबको अपना मानें, यही सच्ची एकता है।

भागवत जी ने परिवार को समाज की मूल इकाई बताते हुए ‘कुटुंब प्रबोधन’ पर जोर दिया। हर परिवार को सप्ताह में कम से कम एक दिन साथ बिताना चाहिए। अपनी आस्था के अनुसार प्रार्थना करें, घर का खाना खाएं और ‘मंगल संवाद’ करें। एकांत से लोग बुरी आदतों की ओर जाते हैं, परिवार संवाद से नशे जैसी समस्याएं रुक सकती हैं। अगर देश खतरे में है तो परिवार भी असुरक्षित, इसलिए घर से मूल्य सिखाएं।

सामाजिक समरसता: मंदिर-तालाब-श्मशान सबके लिए

RSS प्रमुख ने कहा कि मंदिर, तालाब और श्मशान जैसे सार्वजनिक स्थान सभी हिंदुओं के लिए खुले रहें। ये एकता का काम है, संघर्ष का नहीं। जाति-धन-भाषा से ऊपर उठकर सबको अपना मानें। संविधान की प्रस्तावना, मौलिक कर्तव्य और नागरिक जिम्मेदारियां नियमित पढ़ें। बुजुर्गों का सम्मान, जरूरतमंदों की मदद जैसे पारंपरिक मूल्य अपनाएं। नागपुर की छोटी शाखा से शुरू RSS अब देशभर फैला है।

पर्यावरण संरक्षण: घर से जल-वृक्ष बचाओ

वैश्विक तापमान वृद्धि और पर्यावरण क्षरण पर चिंता जताते हुए भागवत जी ने घर से संरक्षण शुरू करने को कहा। पानी बचाएं, वर्षा जल संचयन अपनाएं, एकबार इस्तेमाल प्लास्टिक बंद करें, ज्यादा पेड़ लगाएं। घर में मातृभाषा बोलें, भारतीय वस्त्र पहनें, स्वदेशी खरीदें। दवाइयों जैसी जरूरी चीजों को छोड़कर आयात कम करें। आत्मनिर्भरता बढ़ाएं।

नागरिक अनुशासन और नशा मुक्ति

संविधान, कानून और नागरिक अनुशासन का सख्त पालन करें। रोजाना सोचें कि समाज-देश के लिए कितना समय-धन दे रहे हैं। एकांत नशे की ओर धकेलता है, परिवार संवाद बचाव है। RSS का काम समाज को एकजुट करने का है।

भागवत जी के संदेश: मुख्य बिंदु

  • जाति-धन-भाषा भेद मिटाएं, सबको अपना मानें
  • साप्ताहिक परिवार ‘मंगल संवाद’: प्रार्थना, भोजन, चर्चा
  • मंदिर-तालाब सबके लिए खुले रहें
  • पर्यावरण: पानी बचाओ, प्लास्टिक बंद, पेड़ लगाओ
  • नशा रोकने को परिवार एकजुटता
  • संविधान पढ़ो, कर्तव्य निभाओ, स्वदेशी अपनाओ

RSS के सामाजिक कार्य का प्रभाव

RSS की शाखाएं अब गांव-शहर सबमें हैं। भागवत जी ने बताया कि छोटी शुरुआत से अब लाखों स्वयंसेवक समाज सेवा कर रहे। सामाजिक समरसता अभियान से जाति भेद कम हुआ। परिवार प्रबोधन से नशा मुक्ति कैंप सफल। पर्यावरण के लिए वृक्षारोपण में करोड़ों पौधे लगे। ये संदेश 2026 के लिए दिशा दिखाते हैं।

सोनपैरी सम्मेलन का महत्व

छत्तीसगढ़ के इस ग्रामीण इलाके में RSS कार्यक्रम आदिवासी-ग्रामीण एकता का प्रतीक। भागवत जी का संदेश न केवल हिंदू समाज के लिए, बल्कि पूरे राष्ट्र के लिए। नया साल आते ही एकजुटता, परिवार और पर्यावरण पर फोकस जरूरी। विपक्षी दलों ने भी सद्भाव संदेश की तारीफ की।

भागवत जी के संदेशों की तुलना (तालिका)

संदेश का क्षेत्रमुख्य बिंदुव्यावहारिक कदम
सामाजिक समरसताभेदभाव मिटाओसबको अपना मानो, मंदिर सबके लिए
परिवार प्रबोधनएकांत से नशासाप्ताहिक संवाद, घर का भोजन
पर्यावरणजल-वायु संकटवर्षा जल, प्लास्टिक बंद, वृक्षारोपण
नागरिक जीवनअनुशासनसंविधान पढ़ो, स्वदेशी अपनाओ
RSS दर्शनएकता का कार्यशाखा से राष्ट्र निर्माण

वर्तमान संदर्भ: क्यों प्रासंगिक?

2025 के अंत में ये संदेश जातिवाद, पर्यावरण संकट, नशे की बढ़ती समस्या पर सीधा तीर। ICMR डेटा: भारत में 15% युवा नशे की गिरफ्त में। जल संकट: 50% शहरों में कमी। परिवार विघटन: डिवोर्स 20% बढ़े। भागवत जी का मंत्र व्यावहारिक समाधान देता है।

भविष्य की दिशा

RSS प्रमुख ने राष्ट्र को मजबूत बनाने पर बल दिया। 2026 में सामाजिक समरसता अभियान तेज होगा। परिवारों से शुरू होकर राष्ट्र तक पहुंचेगा। ये संदेश न केवल RSS के लिए, बल्कि समाज के हर वर्ग के लिए मार्गदर्शक।

5 FAQs

  1. मोहन भागवत ने सामाजिक सद्भाव के लिए क्या कहा?
    जाति, धन, भाषा से न आंकें। मन से भेदभाव मिटाएं, सबको अपना मानें। मंदिर-तालाब सबके लिए।
  2. परिवार प्रबोधन क्या है?
    सप्ताह में एक दिन परिवार साथ: प्रार्थना, घर का खाना, मंगल संवाद। नशा रोकने का उपाय।
  3. पर्यावरण पर भागवत जी के सुझाव?
    पानी बचाओ, वर्षा जल संचयन, प्लास्टिक बंद, पेड़ लगाओ। घर से शुरू करें।
  4. RSS का सामाजिक कार्य कैसे फैला?
    नागपुर की छोटी शाखा से अब देशभर। सामाजिक समरसता से जाति भेद कम।
  5. कार्यक्रम कहां हुआ?
    छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले के सोनपैरी गांव में हिंदू सम्मेलन।

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