17 साल की उम्र में Diabetes से जूझने वाले यशेष शेठिया ने 10-बिंदु योजना से 50 किलोग्राम वजन घटाया और अपनी जिंदगी बदली। उनकी कहानी पढ़ें।
संघर्ष से सफलता की राह: Diabetes Crisis
यशेष की कहानी प्रेरणा और दृढ़ संकल्प की मिसाल है। 17 साल की उम्र में Diabetes से जूझते हुए, वे 55 वर्ष की उम्र में अपने स्वास्थ्य को पूरी तरह से नियंत्रण में लेने में सफल रहे हैं। इस सफर में उन्होंने अपने वजन में 50 किलो से अधिक की कमी की, इंसुलिन की मात्रा 80% तक घटाई, और गदा (मेस) ट्रेनिंग जैसी पारंपरिक, बल्कि अनोखी तकनीक को अपनाया।
यशेष की सफलता पर छिपा हुआ संघर्ष कई वर्षों तक चला। मुंबई की तेज़-तर्रार जिंदगी, तनावपूर्ण कार्यशैली, अनियमित खानपान और अत्यधिक भोजन उनके स्वास्थ्य पर भारी पड़े। बचपन से ही डायबिटीज़ के साथ रहने के बावजूद, वे शरीर के संकेतों को गंभीरता से नहीं लेते थे। अत्यधिक नींद की कमी, थकान, और लगातार बढ़ते रक्त शुगर स्तर ने उन्हें गंभीर चेतावनी दी, लेकिन वे तब तक उस पर ध्यान नहीं दे पाए जब तक डॉक्टर ने उन्हें सीधे कहा, “या तो खुद को सुधारो या अपनी वसीयत बनाओ”। यह एक परिवर्तन की शुरुआत थी।
खानपान में बड़ा बदलाव
यशेष ने अपने भोजन के प्रति सोच बदली। उन्होंने अपनी आदतों पर सवाल उठाए, कि यह भोजन उनके शरीर पर क्या प्रभाव डाल रहा है। इस जागरूकता ने उन्हें पोषण, मैक्रोज़़, और खाद्य पदार्थों की शक्ति को समझने में मदद दी। उन्होंने प्रोसेस्ड और रिफाइंड फूड्स को त्याग कर प्रोटीन और फाइबर से भरपूर भोजन अपनाया। अब वे कहते हैं, “मैंने वर्षों से कोई सामान्य गेहूं या पिज़्ज़ा नहीं खाया; शरीर एडजस्ट हो जाता है।”
व्यायाम – गदा ट्रेनिंग
व्यायाम उनके लिए मनोबल और शक्ति का स्त्रोत बना। शुरुआत वॉकिंग और साइक्लिंग से हुई, लेकिन यशेष ने पारंपरिक भारतीय गदा (मेस) ट्रेनिंग को चुना, जो ताकत और सहनशीलता बढ़ाने में सहायक है। बीते तीन वर्षों में उन्होंने 25 लाख से अधिक गदा स्विंग किया, जो उनकी दृढ़ता का परिचायक है।
10-Points Plan
- सही और संयमित खानपान
- नियमित शारीरिक गतिविधि और व्यायाम
- समय के साथ सतत बदलाव करना
- अपनी सीमाओं को समझना और शरीर पर भरोसा करना
- नियमित स्वास्थ्य जांच कराना
- डॉक्टरों से सही मार्गदर्शन लेना
- अनावश्यक और वायरल स्वास्थ्य सलाह से बचना
- स्वयं को निरंतर सीखने, सुधारने और पुन: मूल्यांकन करना
- अनुशासन बनाए रखना
- स्वयं के प्रति जिम्मेदार और आत्मविश्वासी होना
जीवन में सुधार और मानसिक परिवर्तन
यशेष बताते हैं कि उनकी असली जीत शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक थी। जिम्मेदारी स्वीकार करना, निरंतर सुधार की चाह, और स्वयं के प्रति दृढ़ता ने उन्हें कमजोरियों से ऊपर उठाया। उनका कहना है, “यह सिर्फ स्वास्थ्य की बात नहीं, यह अपने निर्णयों पर भरोसा करने की भावना है”।
परिवार और दोस्तों का योगदान
उनकी पत्नी, दोस्तों और डॉक्टरों का सहयोग इस सफर में अनमोल रहा। परिवार और ये तर्कपूर्ण संबंध ही उन्हें स्थिरता और प्रेरणा प्रदान करते रहे।
यशेष की सफलता के आंकड़े
- 50 किलो से अधिक वजन कम किया
- इंसुलिन की खुराक में 80% कमी
- अब वे बिना थके घंटों व्यायाम कर सकते हैं
- मानसिक रूप से शांत और शक्तिशाली सुबह उठते हैं
FAQs
- यशेष ने वजन कम करने में क्या सबसे बड़ा बदलाव किया?
- खानपान को समझदारी से चुना, प्रोसेस्ड खाना छोड़ा और संयमित डायट अपनाई।
- गदा ट्रेनिंग क्या है और यह कैसे मदद करती है?
- यह पारंपरिक भारतीय वजन प्रशिक्षण है जो ताकत, सहनशीलता और फोकस बढ़ाती है।
- उनका 10-बिंदु योजना किसे फॉलो करनी चाहिए?
- कोई भी जो टिकाऊ स्वस्थ जीवनशैली अपनाना चाहता है, खासकर डायबिटीज़ या वजन संबंधी मुद्दों से जूझ रहे।
- क्या यशेष की कहानी सिर्फ वजन कम करने की हकीकत बताती है?
- नहीं, यह मानसिक दृढ़ता, अनुशासन और जिम्मेदारी की कहानी भी है।
- उन्होंने किस प्रकार डॉक्टरों और परिवार की मदद ली?
- नियमित जांच और समर्थन ले कर स्वास्थ्य सुधार को जारी रखा।
- यह योजना कितने समय में असर दिखाती है?
- निरंतर प्रयास और धैर्य से महीनों में सकारात्मक बदलाव दिखने लगते हैं।
Leave a comment