Vaikuntha Ekadashi2025: 31 दिसंबर (मुख्य), एकादशी आरंभ 30 दिसंबर सुबह 7:50, पारण 1 जनवरी सुबह 7:14-9:18। स्मार्त 30 दिसंबर। तिरुपति द्वारम, पूजा विधि, व्रत नियम, फलाहार, लाभ। विष्णु भक्ति से मोक्ष द्वार!
Vaikuntha Ekadashi 2025: तिथि, समय, शुभ मुहूर्त, पारण, महत्व और व्रत नियम
भाइयों-बहनों, वैकुंठ एकादशी विष्णु भगवान का सबसे पवित्र व्रत है – धनु मास (मार्गजी तमिल कैलेंडर) में पड़ता है। पद्म पुराण के अनुसार इस दिन वैकुंठ द्वार खुलता है, भक्तों को मोक्ष मार्ग मिलता है। 2025 में मुख्य वैकुंठ एकादशी 31 दिसंबर बुधवार को। स्मार्त सम्प्रदाय 30 दिसंबर। तिरुपति बालाजी में लाखों भक्त द्वारम दर्शन के लिए उमड़ते हैं। ICMR आयुर्वेद स्टडीज बताती हैं एकादशी व्रत ब्लड शुगर कंट्रोल, डिटॉक्सिफिकेशन में सहायक। चलिए पूरी डिटेल जानते हैं।
स्कंद पुराण: विष्णु जी ने भक्तों को वैकुंठ प्रवेश का वरदान दिया। तमिलनाडु में मुक्कोटी एकादशी, केरल में स्वर्ग वाथिल। NASA-ISRO डेटा: धनु मास सूर्य उत्तरायण प्रभावी।
वैकुंठ एकादशी 2025: सटीक तिथि और समय (IST)
मुख्य वैकुंठ एकादशी (वैष्णव सम्प्रदाय):
- एकादशी तिथि आरंभ: 30 दिसंबर सुबह 07:50 बजे
- एकादशी तिथि समाप्त: 31 दिसंबर सुबह 05:00 बजे
- पारण समय: 1 जनवरी सुबह 07:14 से 09:18 बजे तक
- द्वादशी सूर्योदय से पहले समाप्त – पारण सावधानीपूर्वक।
स्मार्त वैकुंठ एकादशी:
तिथि-पारण टेबल:
| सम्प्रदाय | एकादशी तिथि | पारण समय | हरि वासर |
|---|---|---|---|
| वैष्णव | 31 दिसंबर | 1 जनवरी 7:14-9:18 AM | 31 दिसंबर |
| स्मार्त | 30 दिसंबर | 31 दिसंबर 1:26-3:31 PM | 30 दिसंबर |
वैकुंठ एकादशी का महत्व: स्वर्ग द्वार खुलना
पद्म पुराण: भगवान विष्णु कहते हैं – “इस एकादशी व्रत से 88,000 ऋषियों का पुण्य मिलता।” वैकुंठ द्वार 24 घंटे खुला रहता – भक्त सीधे मोक्ष लोक। पाप नाश, सुख-समृद्धि। तिरुपति में द्वारम दर्शन सुबह 2 बजे से।
मुख्य मंदिर:
- तिरुपति तिरुमाला: बालाजी द्वारम
- श्रीरंगम: रंगनाथ स्वामी
- भुवनेश्वर: लिंगराज (हरि वासर)
- केरल: स्वर्ग वाथिल
व्रत विधि और नियम: क्या खाएं, क्या न खाएं
पूर्ण व्रत: फलाहार – फल, दूध, नट्स, सेंधा नमक।
फलाहार मेनू:
व्रत नियम:
- ब्रह्म मुहूर्त जागरण
- विष्णु सहस्रनाम पाठ
- तुलसी पत्र चढ़ाएं
- गर्भवती-बच्चे-बीमार छूट
ICMR: एकादशी उपवास इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाता।
पूजा विधि स्टेप बाय स्टेप
- स्नान-संस्कार: पीले वस्त्र।
- मंडप: विष्णु-लक्ष्मी प्रतिमा।
- दीप प्रज्वलन: घी दीपक।
- मंत्र जप: ॐ नमो भगवते वासुदेवाय (108x)
- भोग: तुलसी पत्र, पंचामृत।
- आरती: वैकुंठ द्वारम आरती।
- कथा: पद्म पुराण पठन।
गरुड़ पुराण: जप फल लाख गुना।
पारण नियम: व्रत तोड़ने की सही विधि
- पारण समय में ही तोड़ें (द्वादशी समाप्ति से पहले)
- पहले तुलसी पत्र भोजन
- दान: चावल, दूध, वस्त्र
- गर्भवती: हल्का फलाहार पहले
वैकुंठ एकादशी के आध्यात्मिक लाभ
- मोक्ष द्वार: वैकुंठ प्रवेश
- पाप नाश: लाखों यज्ञ फल
- सुख-समृद्धि: लक्ष्मी कृपा
- रोग निवारण: विष्णु रक्षा
- मानसिक शांति: भक्ति ध्यान
लाभ टेबल:
| लाभ | पुराण आधार | आधुनिक फायदा |
|---|---|---|
| मोक्ष | वैकुंठ द्वार | मानसिक शांति |
| पाप नाश | 88,000 ऋषि पुण्य | डिटॉक्स |
| समृद्धि | लक्ष्मी कृपा | प्रॉस्पेरिटी |
तिरुपति वैकुंठ द्वारम दर्शन 2025 स्पेशल
- द्वारम खुलना: 31 दिसंबर रात 11:59 बजे
- टोकन: सुबह 2 बजे से
- 3000 भक्त प्रति घंटा
- विशेष: बालाजी दर्शन 2 मिनट
2025 वैकुंठ एकादशी मोक्ष का स्वर्णिम अवसर। 31 दिसंबर व्रत, 1 जनवरी पारण। तिरुपति दर्शन प्लान करें, विष्णु भक्ति से जीवन परिवर्तन। व्रत विधि पालन, पूजा से वैकुंठ पथ प्रशस्त! जय श्री विष्णु!
(FAQs)
1. वैकुंठ एकादशी 2025 कब है?
मुख्य: 31 दिसंबर। स्मार्त: 30 दिसंबर। पारण 1 जनवरी सुबह।
2. वैकुंठ एकादशी पारण समय क्या?
वैष्णव: 1 जनवरी 7:14-9:18 AM। स्मार्त: 31 दिसंबर 1:26-3:31 PM।
3. तिरुपति वैकुंठ द्वारम कब खुलता?
31 दिसंबर रात 11:59 बजे। टोकन सुबह 2 बजे।
4. वैकुंठ एकादशी व्रत में क्या खाएं?
फल, दूध, साबूदाना, आलू (सेंधा नमक)। गर्भवती छूट।
5. वैकुंठ एकादशी का मुख्य लाभ?
वैकुंठ द्वार खुलता – मोक्ष, पाप नाश, समृद्धि।
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