Wanaparthy Sarees का गौरवशाली इतिहास, विशेषताएं और महत्व जानें। जानिए कैसे यह हैदराबादी विरासत Aditi Rao Hydari के वेडिंग लुक तक पहुंची और आप इसे कहां से खरीद सकती हैं।
Wanaparthy Sarees: हैदराबाद की वो खास विरासत जिसने Aditi Rao Hydari को किया दीवाना
अभिनेत्री Aditi Rao Hydari ने जब अपने विवाह के अवसर पर साब्यसाची मुखर्जी द्वारा डिजाइन एक खूबसूरत साड़ी पहनी, तो पूरे फैशन जगत का ध्यान एक बहुत ही खास भारतीय हथकरघा विरासत की ओर चला गया – वाणापर्ती साड़ी। यह सिर्फ एक साड़ी नहीं, बल्कि हैदराबाद की रियासत की सांस्कृतिक धरोहर है, जिसमें इतिहास, शिल्प कौशल और बेहतरीन डिजाइन का अनोखा मेल देखने को मिलता है। अगर आप सोच रहे हैं कि आखिर यह वाणापर्ती साड़ी है क्या, जिसने एक बड़े डिजाइनर और एक बॉलीवुड स्टार का दिल जीत लिया, तो आइए आज हम आपको इसके बारे में सब कुछ विस्तार से बताते हैं।
Wanaparthy Sarees का गौरवशाली इतिहास और उत्पत्ति
वाणापर्ती साड़ी का नाम तेलंगाना के वाणापर्ती जिले के नाम पर पड़ा है। इसकी शुरुआत हैदराबाद रियासत के समय से जुड़ी हुई है। कहा जाता है कि 19वीं शताब्दी में वाणापर्ती के तत्कालीन शासक, राजा रामेश्वर राव वाणापर्ती, हैदराबाद के निजाम के यहां दावत में शामिल होने गए थे। वहां उन्होंने देखा कि निजाम की बेगम एक बेहद खूबसूरत बनारसी साड़ी पहने हुई हैं। राजा को वह साड़ी इतनी पसंद आई कि उन्होंने ठान लिया कि वे अपने ही इलाके में इसी तरह की बेहतरीन साड़ियों का निर्माण करवाएंगे।
इसी सोच के साथ उन्होंने बनारस (वाराणसी) से कुशल बुनकरों को बुलवाया और उन्हें वाणापर्ती में बसाया। यहीं से शुरू हुई वाणापर्ती साड़ी की यात्रा। बनारसी साड़ियों की शैली और दक्कनी बुनकरों के हुनर के मेल से एक नई तरह की साड़ी का जन्म हुआ, जिसे आज हम वाणापर्ती साड़ी के नाम से जानते हैं। यह साड़ी न सिर्फ तेलंगाना, बल्कि पूरे दक्षिण भारत में पहचानी जाने लगी।
वाणापर्ती साड़ी की विशेष पहचान: इसे अनोखा क्या बनाता है?
वाणापर्ती साड़ी को पहचानना बहुत आसान है। इसकी कुछ खास बातें इसे दूसरी साड़ियों से अलग करती हैं:
- हल्कापन और आराम: बनारसी साड़ियों के मुकाबले वाणापर्ती साड़ी काफी हल्की होती है। इसे रेशम और सूती धागे के मिश्रण से बुना जाता है, जिससे इसे पहनना ज्यादा आरामदायक होता है, खासकर भारतीय गर्मी में।
- ज़री की खास बॉर्डर: इस साड़ी की सबसे मशहूर पहचान है इसकी चौड़ी और नक्काशीदार ज़री की बॉर्डर। इस बॉर्डर पर पारंपरिक हैदराबादी डिजाइन, फूल-पत्तियों की नक्काशी और ज्यामितीय पैटर्न बने होते हैं।
- बुना हुआ पल्लू (वoven Pallu): बनारसी साड़ियों की तरह, वाणापर्ती साड़ी का पल्लू भी बुना हुआ होता है। इसमें भी ज़री के ही डिजाइन और पैटर्न रहते हैं, जो पूरी साड़ी को एक शाही और लग्जरी लुक देते हैं।
- बेहतरीन क्वालिटी का रेशम और ज़री: वाणापर्ती साड़ियों में इस्तेमाल होने वाला रेशम और ज़री बेहद उच्च कोटि का होता है, जिससे साड़ी की चमक और चलन कई सालों तक बरकरार रहती है।
- पारंपरिक ‘ठप्पे’ की बुनाई: कई वाणापर्ती साड़ियों में बॉडी पर हल्के डिजाइन या बूटी का काम होता है, जो पारंपरिक ठप्पे (ब्लॉक प्रिंट) की बुनाई तकनीक से बनाया जाता है।
वाणापर्ती साड़ी बनाम बनारसी साड़ी: क्या है अंतर?
बहुत से लोग वाणापर्ती साड़ी को बनारसी साड़ी का ही एक प्रकार समझते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। दोनों में कुछ बुनियादी अंतर हैं:
- वजन: वाणापर्ती साड़ी हल्की (सिल्क-कॉटन मिक्स) होती है, जबकि बनारसी साड़ी भारी (प्योर सिल्क) होती है।
- बुनावट: वाणापर्ती की बुनावट नरम और हल्की होती है, जबकि बनारसी साड़ी की बुनावट थोड़ी सख्त और भारी होती है।
- डिजाइन: वाणापर्ती साड़ी के डिजाइन में दक्कनी और हैदराबादी प्रभाव साफ दिखता है, जबकि बनारसी साड़ी पर मुगल और उत्तर भारतीय डिजाइन का प्रभाव होता है।
- पहनने का समय: हल्की होने के कारण वाणापर्ती साड़ी दिन के समय या हल्के-फुल्के समारोहों में पहनी जा सकती है, जबकि भारी बनारसी साड़ी ज्यादातर शादी-विवाह जैसे भव्य अवसरों के लिए सही मानी जाती है।
वाणापर्ती साड़ी की कीमत: असली साड़ी खरीदने से पहले जान लें ये बातें
वाणापर्ती साड़ी की कीमत कई बातों पर निर्भर करती है। एक साधारण वाणापर्ती साड़ी की शुरुआती कीमत 5,000 से 8,000 रुपये के आसपास हो सकती है। वहीं, अगर साड़ी में ज़री का काम ज्यादा है, रेशम की क्वालिटी बेहतर है और डिजाइन जटिल है, तो इसकी कीमत 25,000 से 50,000 रुपये या इससे भी ज्यादा हो सकती है। साब्यसाची जैसे डिजाइनरों द्वारा डिजाइन की गई कस्टमाइज्ड वाणापर्ती साड़ी की कीमत तो लाखों में भी हो सकती है।
कीमत को प्रभावित करने वाले मुख्य कारक हैं:
- रेशम और ज़री की शुद्धता और क्वालिटी
- बुनाई में लगने वाला समय और शिल्प कौशल (हाथ से बुनी हुई साड़ी महंगी होती है)
- डिजाइन की जटिलता और विस्तार
- ब्रांड या डिजाइनर का नाम
वाणापर्ती साड़ी को स्टाइल कैसे करें? फैशन टिप्स
वाणापर्ती साड़ी इतनी खूबसूरत होती है कि इसे स्टाइल करना बहुत आसान है। आप इसे मिनिमल ज्वैलरी के साथ पहनकर भी खूबसूरत लुक बना सकती हैं।
- ज्वैलरी: कुंदन या मीनाकारी की ज्वैलरी इस साड़ी के शाही लुक के साथ बिल्कुल परफेक्ट जाएगी। पारंपरिक जड़ाऊ हार, चूड़ियां और झुमके पहने जा सकते हैं।
- मेकअप: सॉफ्ट और ड्यूल मेकअप रखें। न्यूडलिप्स और स्मोक्ड आईज या सिम्पल काजल का लुक बेहतर रहेगा।
- फुटवियर: इसे पारंपरिक जूतियां (मोजरी) या हील्ड सैंडल के साथ पहना जा सकता है।
- ब्लाउज: ब्लाउज का रंग साड़ी के किसी एक हल्के शेड से मैच कर सकते हैं या फिर कंट्रास्ट कलर का ब्लाउज भी पहन सकती हैं।
वाणापर्ती साड़ी की देखभाल के टिप्स
इतनी खास साड़ी की देखभाल भी खास तरीके से करनी चाहिए, ताकि यह लंबे समय तक चले।
- ड्राई क्लीनिंग: हमेशा ड्राई क्लीन करवाएं, खासकर पहली बार।
- स्टोरेज: सूती के कपड़े में लपेटकर रखें। नैफ्थलीन की गोलियों से दूर रखें और समय-समय पर हवा लगवाते रहें।
- आयरनिंग: लो-हेट पर इस्त्री करें या साड़ी के उल्टी तरफ से इस्त्री करें ताकि ज़री के काम को नुकसान न पहुंचे।
- दाग लगने पर: तुरंत किसी पेशेवर क्लीनर को दिखाएं, खुद दाग न छुड़ाएं।
कहां से खरीदें असली Wanaparthy Sarees?
असली वाणापर्ती साड़ी खरीदने के लिए आप सीधे तेलंगाना के वाणापर्ती जिले में स्थित हथकरघा केंद्रों पर संपर्क कर सकती हैं। इसके अलावा, हैदराबाद में स्थित सरकारी एमुलम स्टोर्स या हंडलूम हब जैसे आउटलेट्स पर भी आपको असली वाणापर्ती साड़ी मिल सकती है। ऑनलाइन, आप भारत सरकार के हथकरघा पोर्टल या अन्य विश्वसनीय हस्तशिल्प वेबसाइटों पर खोज सकती हैं। हमेशा विश्वसनीय विक्रेता से ही खरीदारी करें और जीआई (Geographical Indication) टैग की पुष्टि कर लें।
वाणापर्ती साड़ी सिर्फ एक पहनावा नहीं, बल्कि एक जीती-जागती विरासत है। यह उन बुनकरों की मेहनत, कला और सदियों पुराने हुनर की कहानी कहती है, जिन्होंने इसे बनाया है। अदिति राव हैदरी और साब्यसाची जैसी हस्तियों ने इस विरासत को वैश्विक पहचान दिलाने में एक बड़ी भूमिका निभाई है। ऐसी खूबसूरत हथकरघा कलाओं को अपनाना और संरक्षित करना हम सभी का दायित्व है। अगली बार जब आप कोई खास साड़ी खरीदने का सोचें, तो वाणापर्ती साड़ी को जरूर आजमाएं – यह आपको न सिर्फ खूबसूरत बनाएगी, बल्कि आप भारत की इस अनमोल विरासत का हिस्सा भी बन जाएंगी।
FAQs
1. क्या Wanaparthy Sarees को रोजमर्रा के काम के लिए पहना जा सकता है?
जी हां, क्योंकि यह सूती और रेशम के मिश्रण से बनी हल्की साड़ी है, इसे आप सेमी-फॉर्मल इवेंट्स या ऑफिस जाने के लिए भी पहन सकती हैं। हालांकि, ज्यादा भारी ज़री वाली साड़ी विशेष अवसरों के लिए बेहतर रहेगी।
2. क्या वाणापर्ती साड़ी पर जीआई (Geographical Indication) टैग है?
जी हां, वाणापर्ती साड़ी को भौगोलिक संकेतक (जीआई) टैग प्राप्त है। इसका मतलब है कि केवल तेलंगाना के वाणापर्ती क्षेत्र में बनी हुई साड़ियों को ही वास्तव में “वाणापर्ती साड़ी” कहा जा सकता है।
3. वाणापर्ती साड़ी और धर्मावरम साड़ी में क्या अंतर है?
धर्मावरम साड़ी भी हैदराबाद की एक मशहूर साड़ी है, लेकिन यह शुद्ध रेशम की बनी होती है और इस पर जरी का भारी काम होता है। वाणापर्ती साड़ी हल्की (सिल्क-कॉटन) होती है और इसकी बॉर्डर और डिजाइन बनारसी साड़ी से मिलते-जुलते हैं।
4. क्या पुरुषों के लिए भी वाणापर्ती फैब्रिक उपलब्ध है?
जी हां, वाणापर्ती फैब्रिक का इस्तेमाल साड़ियों के अलावा पुरुषों के लिए कुर्ता, शेरवानी और धोती बनाने में भी किया जाता है। यह हल्का और आरामदायक होने के कारण पारंपरिक पोशाक के लिए बेहतरीन विकल्प है।
5. वाणापर्ती साड़ी की बुनाई में कितना समय लगता है?
एक साधारण डिजाइन वाली वाणापर्ती साड़ी को बुनने में लगभग 7 से 10 दिन का समय लग सकता है। वहीं, अगर डिजाइन जटिल है और ज़री का काम ज्यादा है, तो इसे बनने में कई हफ्ते या even महीने भी लग सकते हैं।
6. क्या वाणापर्ती साड़ी सिर्फ शादी के लिए ही है?
बिल्कुल नहीं। वाणापर्ती साड़ी कई तरह के डिजाइन और रंगों में उपलब्ध है। आप हल्के रंग और साधारण डिजाइन वाली साड़ी को फंक्शन, पार्टी या धार्मिक अनुष्ठानों में भी पहन सकती हैं। यह बहुत ज्यादा वर्सेटाइल साड़ी है।
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