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Tasmanian Devil: जो हड्डी तक चबा जाता है!

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Tasmanian Devil powerful bite
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Tasmanian Devil अपनी आकार के हिसाब से विश्व का सबसे शक्तिशाली काटने वाला मैमल है। जानिए इसके जबड़े की ताकत, व्यवहार और संरक्षण पर नवीन तथ्य।

Tasmanian devil:  इसके जबड़े में छिपी है अविश्वसनीय ताकत, हैरान कर देंगे तथ्य

Tasmanian devil (Sarcophilus harrisii) तस्मानिया का मूल निवासी एक मांसाहारी मार्सुपियल है, जो अपनी आकार के अनुपात में सबसे ज़्यादा शक्ति वाली काटने की क्षमता के लिए जाना जाता है।​​

Tasmanian Devil: प्रकृति का वह छोटा दैत्य जिसका जबड़ा है दुनिया में सबसे ताकतवर

कल्पना कीजिए एक जानवर की, जिसका आकार एक छोटे कुत्ते जितना है, लेकिन उसके जबड़े इतने शक्तिशाली हैं कि वह किसी जानवर की हड्डियों को चबाने में पलभर की भी देरी नहीं करते। यह कोई पौराणिक कथा का पात्र नहीं, बल्कि दक्षिणी गोलार्ध में पाया जाने वाला एक असली जीव है – Tasmanian Devil। यह नाम सुनते ही शायद आपके जहन में कार्टून का वह पागलखाने जैसा पात्र आता हो, लेकिन असलियत उससे कहीं ज्यादा दिलचस्प और आश्चर्यजनक है।

Tasmanian Devil न सिर्फ अपने डरावनी आवाज़ और तेज स्वभाव के लिए, बल्कि इस ग्रह पर किसी भी स्तनधारी जीव के मुकाबले सबसे शक्तिशाली जबड़े रखने के लिए प्रसिद्ध है। यह छोटा सा जीव प्रकृति के सबसे अद्भुत और रहस्यमयी करिश्मों में से एक है। इस लेख में, हम इस अनोखे जानवर की दुनिया में गहरे उतरेंगे और जानेंगे कि आखिर उसके जबड़े में इतनी ताकत कहां से आती है और यह जीव अपने द्वीप घर में कैसे जीवन बसर करता है।

तस्मानिया का एकमात्र मांसाहारी शैतान

Tasmanian Devil (वैज्ञानिक नाम: Sarcophilus harrisii) एक मार्सुपियल (धानी प्राणी) है, जो ऑस्ट्रेलिया के द्वीपीय राज्य तस्मानिया में पाया जाता है। यह दुनिया का सबसे बड़ा मांसाहारी मार्सुपियल है, हालांकि इसका आकार एक छोटे-मध्यम कुत्ते के बराबर ही होता है। इसका नाम ‘Devil’ यानी शैतान यूरोपीय खोजकर्ताओं ने इसके डरावनी चीख, काले रंग और भोजन के दौरान दिखने वाले आक्रामक व्यवहार के कारण रखा था।

यह जीव रात्रिचर है और दिन के समय अक्सर झाड़ियों या खोखले पेड़ों में छिपा रहता है। इसकी लगभग 50% ऊर्जा शिकार को पकड़ने में खर्च होती है, बल्कि मरे हुए जानवरों (कार्कस) को खाने में। इस तरह यह तस्मानिया के पारिस्थितिकी तंत्र में एक ‘सफाई कर्मचारी’ की महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

वह अविश्वसनीय जबड़ा: आकार के अनुपात में दुनिया का सबसे शक्तिशाली जबड़ा

Tasmanian Devil की सबसे बड़ी पहचान है इसका जबड़ा। विज्ञान ने इसे एक अद्वितीय खिताब दिया है: शरीर के आकार के अनुपात में दुनिया के किसी भी स्तनधारी का सबसे शक्तिशाली जबड़ा।

  • बाइट फोर्स क्वोशेंट (BFQ): बाइट फोर्स को मापने का एक वैज्ञानिक तरीका है बाइट फोर्स क्वोशेंट (BFQ), जो जानवर के शरीर के आकार के सापेक्ष उसकी काटने की शक्ति को दर्शाता है। Tasmanian Devil का BFQ 181 तक पहुंच सकता है। इसके मुकाबले, एक बाघ का BFQ लगभग 127 और एक शेर का लगभग 112 होता है। यानी अपने आकार के हिसाब से यह बड़े-बड़े शिकारियों से कहीं आगे है।
  • वास्तविक बल: इसका जबड़ा 1200 PSI (पाउंड प्रति वर्ग इंच) से अधिक का दबाव बना सकता है। यह इतना शक्तिशाली होता है कि यह जानवर की हड्डियों को आसानी से कुचल सकता है, जिससे उसे हड्डियों सहित पूरा शिकार खाने में मदद मिलती है और कोई पोषण बर्बाद नहीं होता।
  • ताकत का राज: यह शक्ति इसकी विशाल सिर की मांसपेशियों और एक ऐसी खोपड़ी से आती है जो इस शक्तिशाली काट को सहने के लिए बनी है। इसके जबड़े 80 डिग्री तक खुल सकते हैं, जो एक बड़े शिकार को पकड़ने के लिए जरूरी है।

शारीरिक बनावट और व्यवहार: एक सफल सर्वाइवर

Tasmanian Devil की शारीरिक बनावट उसे एक सफल शिकारी और स्कैवेंजर बनाती है।

  • आकार और रंग: इसका शरीर मोटा और पेशीवाला होता है, जिस पर काले रंग का फर होता है। अक्सर छाती और कंधे पर सफेद धारी या धब्बे भी देखे जा सकते हैं। नर मादा से आकार में थोड़े बड़े होते हैं।
  • चीख़ और गर्जना: यह अपनी डरावनी और तीखी आवाज़ के लिए कुख्यात है। यह आवाज़ें युवा Devils को डराने, संभोग के दौरान और भोजन की लड़ाई में इस्तेमाल होती हैं।
  • भोजन की आदतें: यह एक अवसरवादी शिकारी है। इसका आहार बहुत विस्तृत है, जिसमें कीड़े-मकोड़े, पक्षी, मछली, सांप और स्तनधारी शामिल हैं। लेकिन यह मरे हुए जानवरों को खाना ज्यादा पसंद करता है। एक Devil अपने शरीर के वजन का लगभग 40% भोजन एक बार में खा सकता है।

संकट और संरक्षण: एक लुप्तप्राय प्रजाति की लड़ाई

एक समय था जब Tasmanian Devil ऑस्ट्रेलियाई मुख्य भूमि पर भी पाया जाता था, लेकिन आज यह सिर्फ तस्मानिया में ही सीमित है। इसकी आबादी पर सबसे बड़ा खतरा एक संक्रामक कैंसर है, जिसे Devil Facial Tumour Disease (DFTD) कहते हैं।

संरक्षण के प्रयास: वैज्ञानिकों और सरकारी एजेंसियों ने इस बीमारी से मुक्त स्वस्थ Devils की ‘इन्सुलेटेड पापुलेशन’ (अलग-थलग आबादी) विकसित करने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास किए हैं। इसके अलावा, DFTD के लिए वैक्सीन पर भी शोध चल रहा है।

DFTD क्या है? यह एक घातक और संक्रामक कैंसर है जो चेहरे और मुंह पर ट्यूमर पैदा करता है। यह बीमारी जानवरों के एक-दूसरे को काटने (जैसे संभोग या भोजन की लड़ाई के दौरान) से फैलती है।

प्रभाव: इस बीमारी ने Tasmanian Devil की आबादी को तबाह कर दिया है और इसे लुप्तप्राय (Endangered) प्रजाति की श्रेणी में ला दिया है।

  • संरक्षण के प्रयास: वैज्ञानिकों और सरकारी एजेंसियों ने इस बीमारी से मुक्त स्वस्थ Devils की ‘इन्सुलेटेड पापुलेशन’ (अलग-थलग आबादी) विकसित करने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास किए हैं। इसके अलावा, DFTD के लिए वैक्सीन पर भी शोध चल रहा है।

प्रकृति का एक अनमोल और लड़ाकू खजाना

Tasmanian Devil सिर्फ एक जानवर नहीं है; यह तस्मानिया की जंगली पहचान और प्रकृति की अद्भुत रचना का एक जीता-जागता उदाहरण है। इसने हमें सिखाया है कि ताकत का आकार से कोई लेना-देना नहीं होता। अपने छोटे से शरीर में समाई अथाह शक्ति, जीवटता और जंगल के संतुलन में अपनी अनूठी भूमिका निभाने की क्षमता इसे विशेष बनाती है।

हालांकि DFTD जैसी भयानक बीमारी ने इसके अस्तित्व को गंभीर खतरे में डाल दिया है, लेकिन मानवीय प्रयासों ने आशा की एक किरण जगाई है। Tasmanian Devil की रक्षा करना सिर्फ एक प्रजाति को बचाना नहीं है, बल्कि हमारे ग्रह की जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र की जटिल सुंदरता को संरक्षित करना है। यह ‘शैतान’ दरअसल, प्रकृति का एक अनमोल खजाना है जिसे बचाना हम सभी की जिम्मेदारी है।


(FAQs)

क्या Tasmanian Devil इंसानों के लिए खतरनाक है?
आमतौर पर नहीं। Tasmanian Devil एक शर्मीला और रात में सक्रिय रहने वाला जानवर है और इंसानों से दूर रहना पसंद करता है। हालांकि, अगर कोई उसे घेर ले या उकसाए, तो वह अपने शक्तिशाली जबड़े से काट सकता है। उसे कभी भी परेशान नहीं करना चाहिए।

Tasmanian Devil की उम्र कितनी होती है?
जंगल में, एक Tasmanian Devil लगभग 5 से 6 साल तक जीवित रह सकता है। लेकिन Devil Facial Tumour Disease (DFTD) के कारण कई जानवर इससे पहले ही मर जाते हैं। चिड़ियाघर में देखभाल में ये 8 साल तक भी जीवित रह सकते हैं।

क्या Tasmanian Devil सचमुच इतनी डरावनी आवाज निकालता है?
हां, बिल्कुल! इसकी आवाज़ बेहद डरावनी और तीखी होती है। यह ऊंची पिच वाली चीख, गुर्राहट और दांत किटकिटाने की आवाजें निकालता है। ये आवाजें दूसरे Devils को डराने, territory का बचाव करने या भोजन की लड़ाई के दौरान निकाली जाती हैं।

क्या Tasmanian Devil केवल तस्मानिया में ही पाया जाता है?
हां, अब यह केवल तस्मानिया के जंगलों में ही पाया जाता है। ऐतिहासिक रूप से, यह ऑस्ट्रेलिया की मुख्य भूमि पर भी पाया जाता था, लेकिन लगभग 400 साल पहले यह वहां से विलुप्त हो गया। माना जाता है कि डिंगो नामक जंगली कुत्तों के आगमन के कारण ऐसा हुआ।

Devil Facial Tumour Disease (DFTD) क्या है?
DFTD एक दुर्लभ और संक्रामक कैंसर है जो सिर्फ Tasmanian Devil में पाया जाता है। यह चेहरे और मुंह पर घाव और ट्यूमर पैदा करता है, जिससे जानवर अंततः भोजन नहीं कर पाता और भूखा मर जाता है। यह बीमारी एक जानवर से दूसरे जानवर में काटने से फैलती है और इसने Devil की आबादी को बहुत कम कर दिया है।

क्या Tasmanian Devil को पालतू बनाया जा सकता है?
बिल्कुल नहीं। Tasmanian Devil एक जंगली जानवर है और इसे पालतू बनाना संभव नहीं है। इसके अलावा, यह एक लुप्तप्राय प्रजाति है और इसे पालना कानूनन जुर्म है। इन्हें उनके प्राकृतिक आवास में ही रहने और संरक्षित करने की जरूरत है।

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