जमीन की रजिस्ट्री नहीं कराने से सरकार को हुआ है राजस्व का भारी नुकसान
सरकारी योजना का एनओसी लंबित नहीं रखने का सेल को निर्देश
डीजीएमएस को विगत 3 साल में उल्लंघन के लिए किए गए पत्राचार का विवरण उपलब्ध कराने का निर्देश
धनबाद । झारखंड विधानसभा की विशेष समिति (प्रश्न एवं ध्यानाकर्षण) ने समिति के सभापति सह टुंडी विधायक मथुरा प्रसाद महतो, निरसा विधायक अरूप चटर्जी, धनबाद विधायक राज सिन्हा, सिंदरी विधायक चंद्र देव महतो, तोरपा विधायक सुदीप गुड़िया, चंदनक्यारी विधायक उमाकांत रजक, बोरियो विधायक धनंजय सोरेन की उपस्थिति में निरसा स्थित कुइयां कोलियरी, गोपालपुर एवं मुगमा क्षेत्र का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान समिति ने ग्रामीण रैयतों से उनकी समस्याओं एवं सुझावों की विस्तृत जानकारी प्राप्त की।
इसके बाद सर्किट हाउस में आयोजित पत्रकार वार्ता में सभापति ने मीडिया को बताया कि दौरे के दौरान समिति ने विभिन्न बिंदुओं का आकलन किया। ग्रामीणों की समस्या समझी। अब तक ग्रामीणों के विस्थापन की समस्या थी लेकिन उसका कोई निराकरण नहीं था। लेकिन समिति ने इसकी पहल की है।
सभापति ने कहा कि रैयतों की समस्या का समाधान करने के लिए उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी आदित्य रंजन के निर्देश पर एक विशेष कोषांग का गठन किया जाएगा। इसमें उनसे कागजात प्राप्त कर शीघ्र निराकरण किया जाएगा। आवश्यकता पड़ने पर कोषांग में अतिरिक्त मानव बल की प्रतिनियुक्ति की जाएगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि एक महीने के अंदर रैयतों की समस्या का निराकरण होगा।
सभापति ने कहा कि खनन के लिए रैयतों से ली गई कई हेक्टयर भूमि की रजिस्ट्री नहीं हुई है। इसके कारण राज्य सरकार को राजस्व का भारी नुकसान हुआ है। समिति ने वैसी जमीन की रजिस्ट्री करने का भी निर्देश दिया है। सरकारी एवं फॉरेस्ट लैंड का भी उपयोग किया जा रहा है। उसका भी राजस्व वसूला जाएगा।
उन्होंने कहा कि समिति ने जब सुरंगा का दौरा किया तब ग्रामीणों ने बताया कि उनकी सहमति के बिना रैयती जमीन पर ओवर बर्डन डंप किया है। जिसके कारण घर, सड़क, विद्यालय सहित अन्य को क्षति पहुंची है। क्षति का मुआवजा मिलना चाहिए और खनन कंपनियों को ओवर बर्डन डंप करने व ब्लास्टिंग के मानदंडों का पालन करना चाहिए।
सभापति ने कहा कि सर्किट हाउस में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के पदाधिकारियों को भी बैठक में आमंत्रित किया था। उनको स्पष्ट निर्देश दिया है कि सरकारी योजना के लिए 15 दिन में अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करें। अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिलने के से सरकार की कई जन कल्याणकारी योजनाएं लंबित रह जाती है। जिसके कारण बड़ी आबादी योजना के लाभ से वंचित रहती है।
समिति के सदस्य सह निरसा विधायक अरुप चटर्जी ने मीडिया को बताया कि झरिया से बलियापुर तक भ्रमण के दौरान समिति ने पाया कि खनन कंपनियां खान सुरक्षा महानिदेशालय (डीजीएमएस) के निर्देशों का पालन नहीं कर रही है। इसलिए डीजीएमएस को विगत 3 साल में उल्लंघन के लिए किए गए पत्राचार का विवरण उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
उन्होंने यह भी कहा कि खनन कंपनियों द्वारा 1972 के नेशनलाइजेशन एक्ट के बाहर की सरकारी भूमि पर खनन किया जा रहा है। जो लगभग 23000 हेक्टर से अधिक है। इसकी मापी करके खनन कंपनी से राजस्व वसूला जाएगा।
मौके पर उप विकास आयुक्त सादात अनवर, अपर समाहर्ता विनोद कुमार, डीएमओ रितेश राज तिग्गा, जिला शिक्षा पदाधिकारी अभिषेक झा, जिला शिक्षा अधीक्षक आयुष कुमार के अलावा अन्य प्रशासनिक व बीसीसीएल के पदाधिकारी मौजूद थे।
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