Pandit Shivkumar Sharma का क्वोट ‘हम इम्प्रेस करने के लिए नहीं, एक्सप्रेस करने के लिए परफॉर्म करते हैं’। जानें इसका मतलब, जीवन में कैसे अपनाएं, आर्टिस्ट्स-स्टूडेंट्स के लिए टिप्स और वैज्ञानिक फायदे। असली सफलता का राज!
Pandit Shivkumar Sharma का जीवन बदलने वाला क्वोट: ‘हम इम्प्रेस करने के लिए नहीं, एक्सप्रेस करने के लिए परफॉर्म करते हैं’
भाई, सोचो कभी ऐसा जहां तुम स्टेज पर हो, भीड़ तालियां बजा रही हो, लेकिन अंदर से खालीपन सा लगे। बिल्कुल उल्टा, जब तुम दिल से कुछ करो तो तालियां खुद-ब-खुद बजने लगती हैं। यही बात कही थी संतोर के जादूगर पंडित शिवकुमार शर्मा ने – ‘We don’t perform to impress. We perform to express.’ मनीकंट्रोल की रिपोर्ट में ये क्वोट आया है, जो बताता है कि उनकी म्यूजिक ने कभी तालियों का पीछा नहीं किया, बल्कि इमोशन्स को छुआ। आज हम इसकी गहराई में उतरेंगे – मतलब क्या, जिंदगी में कैसे यूज करो, आर्टिस्ट्स से लेकर स्टूडेंट्स तक के लिए टिप्स। NIH की स्टडीज में भी सेल्फ-एक्सप्रेशन से मेंटल हेल्थ बेहतर होने की बात है।
ये क्वोट सिर्फ म्यूजिक के लिए नहीं, बल्कि हर फील्ड के लिए है। सोशल मीडिया के जमाने में लाइक्स के चक्कर में असली टैलेंट दब जाता है। पंडित जी की तरह एक्सप्रेस करो, तो कनेक्शन गहरा बनेगा। चलो, स्टेप बाय स्टेप समझते हैं।
Pandit Shivkumar Sharma कौन थे और ये क्वोट क्यों स्पेशल?
पंडित जी (1938-2022) ने संतोर को दुनिया को दिया। हिमाचल के जम्मू से थे, 100 से ज्यादा रिकॉर्ड्स, ग्रैमी नॉमिनेशन। उनकी म्यूजिक इमोशनल थी – रागों में आत्मा झलकती थी। क्वोट का कोर: इम्प्रेस = बाहर की वैलिडेशन, एक्सप्रेस = अंदर की सच्चाई। मनीकंट्रोल कहता है, ये परफॉर्मेंस को शो से कन्वर्सेशन बनाता है।
विज्ञान कहता है, ऑथेंटिसिटी से डोपामाइन रिलीज होता है – WHO की हेल्थ रिपोर्ट्स में क्रिएटिव एक्सप्रेशन से स्ट्रेस 30% कम। आयुर्वेद में भी ‘स्वभावानुसार कर्म’ कहा गया – अपनी प्रकृति से करो।
इम्प्रेशन vs एक्सप्रेशन: फर्क क्या?
इम्प्रेस करने से ओरिजिनलिटी खो जाती है। पंडित जी की तरह राग मांड परफॉर्म करो, न कि पॉपुलर सॉन्ग।
जिंदगी के हर फील्ड में अप्लाई कैसे करें?
1. म्यूजिक और आर्ट में:
- गिटार बजाओ अपनी स्टोरी कहने के लिए, न कि वीडियो व्यूज के लिए।
- पेंटिंग में कलर्स फीलिंग्स से चुनो। शर्मा जी ने संतोर को रागों से जोड़ा।
- टिप: रोज 15 मिनट फ्री प्ले – ICMR क्रिएटिविटी स्टडीज में प्रोडक्टिविटी 25% अप।
2. स्टूडेंट्स के लिए:
- एग्जाम में नॉट्स रटो मत, समझो। प्रेजेंटेशन में अपनी ओपिनियन दो।
- प्रोजेक्ट ओरिजिनल रखो – टीचर इम्प्रेस नहीं, कन्विंस होंगे।
- रस्किन बॉन्ड क्वोट से लिंक: सिम्पल जॉय्स से एक्स्ट्राऑर्डिनरी।
3. जॉब और बिजनेस में:
- मीटिंग्स में आइडियाज शेयर करो, अप्रूवल न मांगो।
- कंटेंट क्रिएटर्स: ट्रेंड्स फॉलो मत, अपनी वॉइस यूज करो।
- NIH साइकोलॉजी: ऑथेंटिक लीडर्स 40% ज्यादा फॉलोअर्स बनाते हैं।
4. रिलेशनशिप्स में:
- बातें दिल से करो, इम्प्रेस करने के ट्रिक्स मत।
- गिफ्ट्स इमोशनल हों, महंगे नहीं।
5. सोशल मीडिया पर:
- पोस्ट्स रियल लाइफ से – लाइक्स आएंगे ऑटो। इंस्टाग्राम vs हार्ट कनेक्शन।
वैज्ञानिक बैकिंग: क्यों काम करता है एक्सप्रेशन?
साइकोलॉजी जर्नल्स में ‘ऑथेंटिक सلف’ से हैप्पीनेस इंडेक्स हाई। ब्रेन स्कैन दिखाते हैं एक्सप्रेशन से एंडॉर्फिन्स रिलीज। WHO मेंटल हेल्थ गाइड: क्रिएटिव आउटलेट से डिप्रेशन 20% कम। आयुर्वेद: ‘भावनाओं का संतुलन’ से दोष बैलेंस।
स्टडीज:
- 70% लोग ऑथेंटिक कंटेंट ज्यादा शेयर करते हैं।
- आर्टिस्ट्स में बर्नआउट इम्प्रेसर्स में 50% ज्यादा।
प्रैक्टिकल टिप्स: आज से शुरू करो
- डेली जर्नल: 10 मिनट लिखो – क्या फील कर रहे हो?
- फ्री परफॉर्मेंस: कोई जज न हो तो प्रैक्टिस करो।
- फीडबैक इग्नोर: पहला ड्राफ्ट शेयर मत, रिफाइन करो।
- मेंटॉर ढूंढो: शर्मा जी जैसे गुरु जो एक्सप्रेशन सिखाएं।
- 21 डे चैलेंज: हर दिन एक एक्सप्रेसिव एक्ट।
इंडियन कंटेक्स्ट: हमारी कल्चर में एक्सप्रेशन
रवींद्रनाथ टैगोर: ‘फेथ इज द बर्ड…’ – डार्क में लाइट फील। बॉन्ड: सिम्पल जॉय। भक्ति में कबीर, मीरा – एक्सप्रेशन ही था।
चैलेंजेस और सॉल्यूशन्स
- फियर ऑफ जजमेंट: स्टार्ट स्मॉल, प्राइवेट ऑडियंस।
- सोशल प्रेशर: याद रखो, ट्रेंड्स आते-जाते हैं।
- रिजल्ट्स स्लो: कंसिस्टेंसी – शर्मा जी ने सालों लगाए।
सक्सेस स्टोरीज
- ए आर रहमान: फीलिंग्स से म्यूजिक।
- विराट कोहली: एक्सप्रेसिव बैटिंग।
FAQs
1. ये क्वोट आर्टिस्ट्स के लिए ही है या सबके लिए?
सबके लिए – स्टूडेंट्स, प्रोफेशनल्स, रिलेशनशिप्स में अप्लाई होता है।
2. इम्प्रेस और एक्सप्रेस में फर्क कैसे पहचानें?
इम्प्रेस = अप्रूवल चाहते हो, एक्सप्रेस = इनर फीलिंग शेयर।
3. सोशल मीडिया पर कैसे एक्सप्रेस करें?
रियल स्टोरीज पोस्ट करो, ट्रेंड्स फोर्स मत। ऑथेंटिक कंटेंट वायरल होता है।
4. क्या एक्सप्रेशन से सक्सेस मिलेगी?
हां, लॉन्ग-टर्म। शॉर्ट-टर्म अप्लॉज से ज्यादा डीप इम्पैक्ट।
5. डेली लाइफ में कैसे प्रैक्टिस करें?
जर्नलिंग से शुरू, फ्री क्रिएटिव टाइम निकालो। 21 दिन में हैबिट बनेगा।
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