पिछले एक साल में हृदय रोग और हार्ट अटैक के मामलों ने भारतीयों को खौफ से भर दिया. भारत में 12 साल के बच्चों से लेकर 45 साल तक की उम्र के लोगों ने हार्ट अटैक से अपनी जान गंवाई. भारत ही नहीं कोरोना के बाद एकाएक बढ़ी दिल की बीमारियों ने पूरी दुनिया को चिंताओं से भर दिया. हार्ट डिसीस वैश्विक स्तर पर गंभीर स्वास्थ्य समस्या बनकर उभरी है. जबकि कुछ दशकों पहले तक हार्ट की बीमारियों को उम्रदराज लोगों की बीमारी के तौर पर जाना जाता था लेकिन हालिया मामलों ने हर किसी को हैरान कर दिया. कम आयु के लोग भी इसका अधिक शिकार बन रहे हैं.
अटैक युवाओं को तेजी से अपना शिकार बना रहा है. इसकी सबसे बड़ी वजह खराब डाइट और बिगड़ी लाइफस्टाइल है. सबसे बड़ी चिंता की बात ये है कि ऐसे युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं, जिन्हें न तो बीपी की समस्या है और ना ही डायबिटीज कोलेस्ट्रॉल की. कॉर्डियोलाजिस्ट का कहना है कि 20-25 साल के युवाओं को न तो बेचैनी हो रही है और ना ही सीने में दर्द, बिना रक्षण के ही उन्हें अटैक आ रहा है. बाहर से मजबूत दिखने वाले युवा साइलेंट हार्ट अटैक का शिकार बन रहे हैं. ऐसे में सावधान रहने की जरूरत है.
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, लाइफस्टाइल खराब होने और एक्सरसाइज न करने से कई बीमारियां उम्र बढ़ने के साथ हमें जकड़ती जाती हैं. ऐसे में युवा हेल्दी रूटीन अपनाएं. बॉडी वेट मेंटेन रखें, बीपी, कोलेस्ट्राल, शुगर और बॉडी मॉस, ब्लडप्रेशर का रेगुलर तौर पर चेकअप करवाते रहें, ताकि पता चल सके कि गड़बड़ी कहां हैं. इससे समय रहते समय्या से बचा जा सकता है और इसके खतरों को कंट्रोल किया जा सकता है.
अगर आप 25 से 35 साल के बीच के हैं तो आपको जिम जाने के पहले अनिवार्य रूप से एक बार कुछ जांचें करा लेना चाहिए. अगर ईसीजी, इको और टीएमटी के साथ ही आप लिपोप्रोटीन ए, एचए सीआरपी, क्रोनिक क्लेशियम जैसी जांच भी करा लेते हैं तो इससे बहुत कुछ पता लगाया जा सकता है. अगर इन जांचों के परिणाम बेहतर आते हैं तो डरने की कोई बात नहींम अगर परिणाम नकारात्मक आते हैं तो डाक्टर से सलाह लेकर दवाइयां शुरू कर सकते हैं.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, साइलेंट हार्ट अटैक (Silent Heart Attack) बिना बताए या किसी दिक्कत के आता है. इसमें हार्ट ब्लड को पंप करना बंद कर देता है या उनका ब्लड प्रेशर कम हो जाता है. शुगर वाले लोगों में साइलेंट अटैक ज्यादा आ रहा है. उन्हें चेस्ट में दर्द ही नहीं होता, पसीना भी नहीं निकलता और ना ही घबराहट होती है. बिगड़ती लाइफस्टाइल, तनाव, शुगर, बीपी और एयर पॉल्यूशन इसके प्रमुख कारण हैं.
1.पर्याप्त नींद लें, ताकि शरीर स्वस्थ रहे.
2. जरूरत से ज्यादा वर्कआउट न करें.
3. मेंटल स्ट्रेस से बचें
4. जोर-जोर से  यानी ठहाका लगाकर हंसे
5. शराब-सिगरेट अवॉयड करें.
6. डाइट और एक्सराइज जरूर करें.
                                                                        
				                
				            
						            
						            
						            
 
			        
 
			        
 
			        
 
			        
				            
				            
				            
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