प्रियंका गांधी ने दिल्ली की जहरीली हवा पर चिंता जताते हुए केंद्र और राज्य सरकार से तुरंत कदम उठाने की अपील की है।
दिल्ली का वायु प्रदूषण: प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी, रेखा गुप्ता, भूपेंद्र यादव से तत्काल कार्रवाई की अपील
दिल्ली में गंभीर वायु प्रदूषण का संकट: प्रियंका गांधी ने केंद्र और राज्यों से तुरंत कार्रवाई की मांग की
दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) पर लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण का खतरा जारी है। रविवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने बताया कि दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गई है। AQI के स्तर में लगातार बढ़ोतरी से कोरोना जैसी गंभीर स्थिति हो सकती है, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और सांस संबंधी मरीजों के लिए।
प्रियंका गांधी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट (X) पर कहा, “दिल्ली की जहरीली हवा पर तुरंत हस्तक्षेप की जरूरत है। केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर तत्काल कदम उठाए। यदि आप सब मिलकर नहीं जागेंगे तो हालत और खराब हो जाएगी।” उन्होंने कहा, “यह जरूरी है कि हम सभी राजनीतिक भेद-भाव छोड़ कर इस संकट से निपटने के लिए एकजुट हों।”
रविवार को सुबह का AQI 377 रहा, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। वज़ीरपुर और आरके पुरम जैसे इलाकों में AQI 432 और 425 दर्ज हुआ, जो कि ‘गंभीर’ श्रेणी में हैं। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि कोहरा और कम हवा की रफ्तार pollutants को फैलने से रोक रही है, जिससे प्रदूषण का स्तर और बढ़ रहा है।
प्रदूषण का यह हाल उस गंभीर स्थिति का संकेत है जिसमें दिल्ली की हवा सांस लेने योग्य नहीं रह गई है। विशेषज्ञों ने कहा है कि जल्द से जल्द तत्काल कदम उठाना जरूरी है, नहीं तो स्वास्थ्य संबंधी और आर्थिक नुकसान भी हो सकता है।
प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि दिल्ली जैसे प्रदूषित शहरों के लिए तुरंत, प्रभावी और दीर्घकालिक समाधान निकाला जाए। उन्होंने कहा कि सरकारें मिलकर मास्क वितरण, फॉग कैपेसिटी बढ़ाने और उद्योगों पर सख्त नियंत्रण जैसे कदम उठा सकती हैं।
FAQs
- दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर कितना पहुंच गया है?
रविवार को AQI 377 रहा, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है। - प्रदूषण का मुख्य कारण क्या है?
कम हवा और धुंध के साथ-साथ वाहन, उद्योग और निर्माण कार्य मुख्य कारण हैं। - प्रियंका गांधी ने केंद्र और राज्य सरकार से क्या मांगा?
उन्होंने तुरंत प्रभावी और कठोर कदम उठाने का आग्रह किया और सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी चिंता जाहिर की। - प्रदूषण के कारण कौनसे स्वास्थ्य जोखिम हो सकते हैं?
सांस की समस्या, बुजुर्गों में दमा, अस्थमा और हृदय रोग बढ़ सकते हैं। - सरकार ने कितने कदम उठाए हैं?
अभी तात्कालिक कदम जैसे पटाखे पर प्रतिबंध और फॉग मास्क वितरण की घोषणाएं की गई हैं,लेकिन सामने लंबी अवधि की रणनीतियों का अभाव है।
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