भारत रूस से तेल आयात को धीरे-धीरे कम करने की योजना बना रहा है, जबकि अमेरिका ने दोगुने टैरिफ लगा कर इस कदम को प्रोत्साहित किया है। भारत की प्राथमिकताएं स्थिर ऊर्जा कीमतें और आपूर्ति सुरक्षा हैं।
भारत घरेलू तेल आयात के लिए रूसी तेल पर कमी लाने की दिशा में बढ़ रहा है
India Moves Toward Reducing Russian Oil Imports Amid US Tariff Pressure
भारत अपने विदेशी तेल स्रोतों में विविधता लाने के प्रयास कर रहा है, खासकर रूस से तेल आयात को कम करने की दिशा में। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की प्रमुख रिफाइनरियां धीरे-धीरे रूस से तेल की खरीद बंद करने का प्रयास कर रही हैं, हालांकि इस प्रक्रिया में समय लगेगा।
अमेरिका का दबाव और भारत का जवाब
अमेरिका ने भारत पर दोगुने टैरिफ लगाकर रूस से तेल खरीदने के खिलाफ दबाव बढ़ाया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि भारत जल्द ही रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा।
यह बयान उस समय आया है जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता चल रही है, और अमेरिकी पक्ष का मानना है कि रूस से तेल की खरीद कम करने से भारत के टैरिफ में कमी आएगी और दोनों देशों के बीच व्यापार समझौता संभव हो पाएगा।
भारत का वर्तमान तेल आयात और रणनीति
सितंबर 2025 तक, भारत ने रोजाना लगभग 1.75 मिलियन बैरल रूसी क्रूड आयात किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में कम हुआ है। वहीं, अमेरिका से तेल का आयात 6.8% बढ़कर 213,000 बैरल रोजाना हो गया है।
मध्य पूर्व का हिस्सा भी बढ़ा है, जो 42% से बढ़कर 45% हो गया है। भारत इस समय रूस, अमेरिका और मध्य पूर्व के साथ अपने ऊर्जा संबंधों को संतुलित करने की कोशिश कर रहा है।
FAQs:
- भारत रूस से तेल आयात क्यों कम कर रहा है?
- अमेरिका ने भारत पर कौन-कौन से टैरिफ लगाए हैं?
- भारत का प्राथमिक उद्देश्य क्या है?
- क्या भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर सकता है?
- अमेरिका और भारत के बीच ऊर्जा सहयोग किस दिशा में आगे बढ़ रहा है?
- भारत की तेल आयात नीति में मुख्य परिवर्तन क्या हैं?
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