राष्ट्रपति ट्रम्प ने परमाणु परीक्षणों को फिर से शुरू करने का संकेत दिया, लेकिन भूमिगत परीक्षणों के बारे में स्पष्ट जवाब देने से बच गए।
ट्रम्प का परमाणु परीक्षणों पर अस्पष्ट जवाब, कहा ‘अन्य देश करते हैं तो हम भी करेंगे’
संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अक्टूबर 31, 2025 को परमाणु परीक्षणों को फिर से शुरू करने का संकेत दिया, लेकिन भूमिगत परमाणु परीक्षणों के बारे में सीधे-सपाट जवाब देने से बच गए। एयर फोर्स वन पर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, “आप बहुत जल्द जान जाएंगे, लेकिन हम कुछ परीक्षण करेंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि अन्य देश परीक्षण कर रहे हैं और यदि वे कर रहे हैं तो अमेरिका भी करेगा।
ट्रम्प ने पिछले हफ्ते अमेरिका की सेना को 33 वर्षों के बाद परमाणु हथियार परीक्षण शुरू करने का निर्देश दिया था, जो चीन और रूस जैसे देशों के परमाणु प्रतिस्पर्धियों को संदेश माना जाता है। यह घोषणा उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर की थी, जब वे दक्षिण कोरिया के बुसान में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से व्यापार वार्ता के लिए जा रहे थे।
यह अभी स्पष्ट नहीं है कि ट्रम्प द्वारा निर्देशित परीक्षण में वास्तविक परमाणु विस्फोट होंगे या केवल मिसाइल जो परमाणु वारहेड ले जाने में सक्षम हैं, उनका परीक्षण किया जाएगा। उस समय अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने कहा था कि यह एक “जिम्मेदार तरीका” होगा जिससे परमाणु प्रतिरोध क्षमता बनाए रखी जा सके।
संयुक्त राज्य अमेरिका ने 1992 में परमाणु परीक्षणों पर मोराटोरियम लगा दिया था, जिसे अब तक लागू रखा गया है। पिछले दशकों में यह कदम पर्यावरणीय चिंताओं और शीत युद्ध के समाप्त होने के कारण उठाया गया था। लेकिन ट्रम्प की नीति में बदलाव ने वैश्विक परमाणु सुरक्षा और अस्थिरता को लेकर खतरे को बढ़ा दिया है।
इस गुप्त परीक्षण को लेकर विश्व समुदाय में चिंता जताई जा रही है, खासकर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा है कि परमाणु परीक्षण किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं हैं। चीन ने भी अमेरिका से वैश्विक परमाणु परीक्षण प्रतिबंधों का पालन करने का आग्रह किया है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):
- ट्रम्प ने परमाणु परीक्षणों को फिर से शुरू करने का संकेत कब दिया?
- क्या ट्रम्प ने भूमिगत परमाणु परीक्षणों की पुष्टि की?
- अमेरिका ने पहले परमाणु परीक्षणों पर कब रोक लगाई थी?
- परमाणु परीक्षणों से वैश्विक सुरक्षा पर क्या असर हो सकता है?
- अन्य प्रमुख परमाणु देशों का इस पर क्या प्रतिक्रिया है?
- रूस ने सतर्क प्रतिक्रिया दी है, चीन ने परीक्षण प्रतिबंधों के पालन पर जोर दिया है।
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