दिल्ली क्राइम ब्रांच ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज करते हुए आपराधिक जांच तेज कर दी है, जांच रेड फोर्ट मामले से संबंध रखती है।
रेड फोर्ट केस से जुड़े मामले में अल-फलाह यूनिवर्सिटी के खिलाफ दो FIR
दिल्ली क्राइम ब्रांच ने शनिवार को अल-फलाह यूनिवर्सिटी के खिलाफ दो प्राथमिकी (FIR) दर्ज की हैं, जिससे विश्वविद्यालय पर आपराधिक जांच का शिकंजा और कस गया है।
इन दोनों मामलों की जांच रेड फोर्ट धमाके के संदिग्ध ‘व्हाइट कॉलर’ आतंक मॉड्यूल से जुड़ी बताई जा रही है, जिसमें अल-फलाह यूनिवर्सिटी के कुछ प्रोफेशनल्स के नाम आ चुके हैं।
पुलिस ने क्रिमिनल जांच की प्रक्रिया तेज कर दी है और विश्वविद्यालय के स्टाफ व प्रशासन से पूछताछ शुरू हो चुकी है। इन मामलों की गंभीरता को देखते हुए संस्थान की भूमिका पर विस्तार से जांच की जा रही है।
रेड फोर्ट धमाके की जांच के दौरान विश्वविद्यालय से जुड़े कई व्यक्तियों की गिरफ्तारी की गई थी, और इसी सिलसिले में ये FIR दर्ज की गई हैं।
आपराधिक मामलों में विश्वविद्यालयों की संलिप्तता शिक्षा तंत्र की पारदर्शिता और सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करती है, जिससे भविष्य में कड़े नियामक कदमों की अपेक्षा है।
FAQs:
- अल-फलाह यूनिवर्सिटी के खिलाफ FIR किस वजह से दर्ज की गई?
- क्राइम ब्रांच की जांच किन मामलों से जुड़ी है?
- क्या विश्वविद्यालय के कितने अधिकारी जांच के दायरे में हैं?
- रेड फोर्ट केस में यूनिवर्सिटी की क्या भूमिका थी?
- भारत में शिक्षा संस्थानों के खिलाफ आपराधिक जांच में क्या प्रवृत्ति देखी जा सकती है?
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