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भूकंप के बाद अब Typhoon Matmo ने मचाई तबाही

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Typhoon Matmo
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उत्तरी फिलीपींस में भूकंप से उबरने का प्रयास कर रहे लोगों पर अब Typhoon Matmo (स्थानीय नाम: डोडोंग) ने नया संकट खड़ा कर दिया है। भारी बारिश और बाढ़ के कारण हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, जिससे राहत और बचाव कार्यों में और जटिलता आ गई है।

भूकंप से जूझ रहे फिलीपींस पर टूटा Typhoon Matmo का कहर

प्रकृति का कहर कभी-कभी इतना निर्मम होता है कि जब एक आपदा से उबरने का मौका भी नहीं मिलता, तभी दूसरी आपदा सिर पर आ पड़ती है। यही हाल फिलीपींस के उत्तरी हिस्से का है। जुलाई के अंत में आए 6.3 तीव्रता के भूकंप से अभी लोग संभल भी नहीं पाए थे कि उन पर टाइफून मैटमो (Typhoon Matmo) ने हमला बोल दिया, जिसे स्थानीय रूप से ‘डोडोंग’ (Dodong) के नाम से जाना जा रहा है।

यह दोहरी आपदा उत्तरी लूजोन क्षेत्र में राहत और बचाव कार्यों के लिए एक गंभीर चुनौती बन गई है। टाइफून की भारी बारिश ने न सिर्फ बाढ़ और भूस्खलन का खतरा पैदा किया है, बल्कि भूकंप से क्षतिग्रस्त हुए इलाकों और सड़कों को और भी ज्यादा नुकसान पहुंचाया है, जिससे राहत पहुंचाने का काम और मुश्किल हो गया है।

दोहरी आपदा: भूकंप के बाद टाइफून

  • भूकंप का झटका: 27 जुलाई को उत्तरी लूजोन के इलोकोस सुर (Ilocos Sur) प्रांत में 6.3 तीव्रता के भूकंप ने तबाही मचाई थी। इससे इमारतें क्षतिग्रस्त हुईं, सड़कें टूटीं और कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। हज़ारों लोग अभी भी अस्थायी आश्रयों में रह रहे थे।
  • टाइफून मैटमो का प्रहार: ठीक इसी बीच, टाइफून मैटमो प्रशांत महासागर से उठकर उत्तरी फिलीपींस की ओर बढ़ा और लूजोन के उत्तरी तटीय इलाकों से टकराया। इसने भारी बारिश, तेज हवाएं और खतरनाक तूफानी लहरें लाईं।

टाइफून मैटमो का प्रभाव और तैयारियाँ

फिलीपींस मौसम विज्ञान विभाग (PAGASA) ने टाइफून को लेकर कई चेतावनियाँ जारी की थीं, जिसके आधार पर प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की।

  1. बड़े पैमाने पर स्थानांतरण (Evacuations): सबसे बड़ी और जरूरी कार्रवाई लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना था। बाढ़ और भूस्खलन के उच्च जोखिम वाले इलाकों से हजारों लोगों को सुरक्षित आश्रयों में पहुंचाया गया। इनमें वे लोग भी शामिल थे जो पहले से ही भूकंप के कारण अपने घर छोड़ चुके थे।
  2. यातायात व्यवधान: भारी बारिश के कारण कई सड़कें जलमग्न हो गईं, जिससे कई गांव और शहर दूसरे इलाकों से कट गए। इससे राहत सामग्री पहुंचाने में बाधा आ रही है।
  3. बाढ़ और भूस्खलन का खतरा: पहाड़ी इलाकों में मिट्टी पहले से ही भूकंप के झटकों से ढीली हो चुकी थी। अब लगातार भारी बारिश ने भूस्खलन का खतरा कई गुना बढ़ा दिया है।
  4. समुद्री चेतावनी: मछुआरों और समुद्री यात्रियों को समुद्र में उफान और खराब मौसम के कारण चेतावनी जारी की गई है।

राहत और बचाव कार्यों में आने वाली चुनौतियाँ

यह दोहरी आपदा राहत कार्यों के लिए एक जटिल परिदृश्य पैदा कर रही है:

  • क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचा: भूकंप से क्षतिग्रस्त सड़कें और पुल अब बाढ़ के पानी और मलबे के भार को झेलने में असमर्थ हैं, जिससे राहत दलों के लिए प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचना मुश्किल हो रहा है।
  • आश्रयों पर दबाव: जो लोग पहले से ही भूकंप के कारण विस्थापित थे, उन्हें अब टाइफून के कारण दोबारा स्थानांतरित होना पड़ा है। इससे आश्रय गृहों पर अतिरिक्त दबाव पड़ रहा है।
  • स्वास्थ्य संकट का डर: बाढ़ का पानी जलजनित बीमारियों जैसे डायरिया, लेप्टोस्पायरोसिस और डेंगू के फैलने का खतरा बढ़ा देता है। भूकंप के बाद पहले से ही कमजोर हुए स्वास्थ्य ढांचे पर यह एक और बोझ है।

सरकारी प्रतिक्रिया और अंतर्राष्ट्रीय सहायता

  • राष्ट्रीय आपदा जोखिम प्रबंधन परिषद (NDRRMC): फिलीपींस सरकार की एजेंसी लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और स्थानीय अधिकारियों के साथ समन्वय कर रही है।
  • राहत सामग्री का वितरण: सरकार ने प्रभावित क्षेत्रों में खाने-पीने की चीजें, पानी और दवाइयां पहुंचाने के प्रयास तेज कर दिए हैं, हालांकि मौसम की वजह से इसमें देरी हो रही है।
  • अंतरराष्ट्रीय समुदाय: संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय सहायता एजेंसियां स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और जरूरत पड़ने पर मदद का ऑफर दे रही हैं।

फिलीपींस, जो पहले से ही ‘टाइफून की भूमि’ के रूप में जाना जाता है, के लिए यह दोहरी आपदा जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक खतरों के बढ़ते जोखिम का एक दुखद उदाहरण है। टाइफून मैटमो ने एक ऐसे समय पर हमला किया है जब देश एक आपदा से उबरने की कोशिश कर रहा था, जिससे मानवीय संकट और गहरा गया है। इस संकट का सामना करने के लिए त्वरित राहत कार्यों के साथ-साथ दीर्घकालिक रूप से जलवायु अनुकूलन और आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के निर्माण पर भी ध्यान देने की जरूरत है। फिलीपींस की लचीली जनता एक बार फिर प्रकृति की इस कठिन परीक्षा से उबरने की कोशिश कर रही है।


(FAQs)

1. टाइफून मैटमो की तीव्रता क्या है?
टाइफून मैटमो एक ‘सीवियर ट्रॉपिकल स्टॉर्म’ के रूप में उत्तरी फिलीपींस से टकराया। यह टाइफून के पैमाने पर एक मध्यम श्रेणी का तूफान था, लेकिन इसने भारी बारिश और बाढ़ का खतरा पैदा किया, जो पहले से कमजोर इलाकों के लिए बेहद खतरनाक साबित हुआ।

2. भूकंप और टाइफून के बीच क्या कोई संबंध है?
नहीं, भूकंप और टाइफून के बीच कोई सीधा वैज्ञानिक संबंध नहीं है। भूकंप पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेटों की हलचल के कारण आते हैं, जबकि टाइफून एक मौसम संबंधी घटना है जो गर्म ocean waters से ऊर्जा लेता है। हालाँकि, एक आपदा दूसरी आपदा के प्रभाव को बढ़ा सकती है, जैसा कि इस मामले में हुआ।

3. फिलीपींस में इतने टाइफून क्यों आते हैं?
फिलीपींस प्रशांत महासागर में ‘टाइफून बेल्ट’ (Typhoon Belt) में स्थित है। यह भू-भाग गर्म समुद्री पानी के ऊपर बनने वाले उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के मार्ग में पड़ता है, जिसके कारण हर साल औसतन 20 तूफान देश को प्रभावित करते हैं।

4. इस दोहरी आपदा का सबसे बड़ा प्रभाव क्या है?
सबसे बड़ा प्रभाव है राहत और बचाव कार्यों में बाधा। भूकंप से क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचा टाइफून की बारिश और बाढ़ का सामना नहीं कर पा रहा है, जिससे प्रभावित लोगों तक मदद पहुंचाना अत्यंत कठिन हो गया है। इसके अलावा, लोगों का लगातार विस्थापन एक बड़ी मानवीय चुनौती है।

5. क्या अंतरराष्ट्रीय सहायता उपलब्ध है?
हां, कई अंतरराष्ट्रीय संगठन और देश फिलीपींस सरकार के संपर्क में हैं और आवश्यकता पड़ने पर वित्तीय सहायता और तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान करने के लिए तैयार हैं। फिलीपींस की सरकार पहले आकलन कर रही है कि उन्हें किस प्रकार की सहायता की सबसे अधिक आवश्यकता है।

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