उत्तर प्रदेश SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) में 19% मतदाता ‘अनकलेक्टेबल’ चिह्नित। 15.4 करोड़ रजिस्टर्ड वोटर्स में 2.9 करोड़ फॉर्म न मिले। बूथ लेवल अफसरों ने 4 नवंबर से वितरण किया। फाइनल वोटर लिस्ट फरवरी 2026 तक।
यूपी में वोटर सत्यापन संकट: 19% फॉर्म अनुपलब्ध, फरवरी तक ड्राफ्ट लिस्ट, डीलिट/एडिशन का खेल!
उत्तर प्रदेश SIR: 19% वोटर ‘अनकलेक्टेबल’, फाइनल मतदाता सूची फरवरी 2026 तक
उत्तर प्रदेश चुनाव आयोग की स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया 27 दिसंबर 2025 को खत्म हो गई। राज्य के 15.4 करोड़ रजिस्टर्ड वोटर्स में से लगभग 19% यानी करीब 2.9 करोड़ मतदाताओं को ‘अनकलेक्टेबल’ (अनुपलब्ध) चिह्नित किया गया। बूथ लेवल अफसरों (BLOs) ने 4 नवंबर से SIR फॉर्म्स वितरित किए थे, लेकिन करोड़ों वोटर्स तक फॉर्म नहीं पहुंचे। जनवरी में ड्राफ्ट लिस्ट जारी होगी, फाइनल सूची फरवरी 2026 तक तैयार।
SIR का मकसद वोटर लिस्ट को अपडेट करना है। फॉर्म भरने से नाम सत्यापन, पता चेक, डुप्लिकेट हटाना, नए वोटर ऐड करना होता। 19% अनकलेक्टेबल का मतलब – ये वोटर शिफ्ट हो गए, मृत हो गए या संपर्क नहीं हुआ। इनमें से कई नाम डिलीट हो सकते। UP दुनिया का सबसे बड़ा वोटर बेस वाला राज्य।
SIR प्रक्रिया: स्टेप बाय स्टेप
- 4 नवंबर: BLOs ने फॉर्म वितरण शुरू।
- दिसंबर अंत: एन्यूमरेशन खत्म।
- जनवरी 2026: ड्राफ्ट लिस्ट पब्लिक।
- फरवरी 2026: फाइनल वोटर लिस्ट।
- अप्रैल 2027: विधानसभा चुनाव।
81% फॉर्म कलेक्ट हुए, 19% अनकलेक्टेबल।
| SIR आंकड़े | संख्या | प्रतिशत |
|---|---|---|
| कुल वोटर | 15.4 करोड़ | 100% |
| फॉर्म कलेक्ट | 12.5 करोड़ | 81% |
| अनकलेक्टेबल | 2.9 करोड़ | 19% |
| संभावित डिलीशन | 1-2 करोड़ | – |
2027 चुनाव पर असर: नाम कटने का डर
अनकलेक्टेबल वोटर्स में मृत, माइग्रेटेड, डुप्लिकेट। ड्राफ्ट लिस्ट में इनके नाम हट सकते। नए वोटर (18+) ऐड होंगे। राजनीतिक दलों ने ऑब्जेक्शन उठाएंगे। BJP-SP के वोट बैंक पर फोकस।
BLOs की भूमिका: चुनौतियां
बूथ लेवल अफसर गांव-मोहल्लों में गए। लेकिन रूरल एरिया, स्लम, माइग्रेंट वर्कर्स तक पहुंच मुश्किल। कोविड के बाद पता चेंज, फोन नंबर अपडेट न होना समस्या। ईCI ने डोर-टू-डोर वेरिफिकेशन स्ट्रेस।
पिछले SIR से तुलना
2016 SIR में 12% अनकलेक्टेबल। 2025 में 19% – शिफ्टिंग पॉपुलेशन, अर्बनाइजेशन। लखनऊ, कानपुर, नोएडा में ज्यादा।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
BJP: लिस्ट क्लीनअप जरूरी। SP: गरीबों के नाम कटने का डर। ECI: ट्रांसपेरेंट प्रोसेस।
फाइनल लिस्ट का महत्व
फरवरी 2026 लिस्ट 2027 विधानसभा चुनाव के लिए बेस। सीट डिलिमिटेशन, वोट शेयर प्रभावित। डिजिटल वोटर ID, Aadhaar लिंकिंग से सुधार।
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