सरकार ने बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं के मद्देनजर सभी उच्च वेगमय सड़क परियोजनाओं की तैयारी में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन डेटाबेस के विश्लेषण को अनिवार्य कर दिया है।
बाढ़-भूस्खलन के खतरे को देखते हुए सड़क निर्माण में राष्ट्रीय डेटाबेस का अनिवार्य उपयोग
भारत सरकार ने बाढ़ और भूस्खलन की बढ़ती घटनाओं के कारण राष्ट्रीय उच्च वन और अन्य सड़क परियोजनाओं की तैयारी में नियमों को कड़ा कर दिया है। सड़क परिवहन मंत्रालय ने सभी राज्यों और हाइवे एजेंसियों को निर्देश दिए हैं कि अब प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करते समय राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन के डेटाबेस (NDEM) का व्यापक विश्लेषण अनिवार्य होगा।
इस विश्लेषण में बाढ़ वाले मैदानों, डिजिटल एलिवेशन मॉडल (DEMs), और भूमि उपयोग के लेयर्स का उपयोग शामिल होगा, ताकि सड़क मार्ग की पहचान इस तरह की जाए कि प्राकृतिक आपदाओं का जोखिम न्यूनतम रहे। इसमें नदी बेसिन लेयर्स और बाढ़ के विस्तार पर भी ध्यान दिया जाएगा ताकि पर्याप्त क्रॉस-ड्रेनेज संरचनाओं की योजना बनाई जा सके और भविष्य में बाढ़ की समस्याओं से बचा जा सके।
यदि सड़क पहाड़ी इलाकों में हो, तो लैंडस्लाइड रिस्क मैपिंग भी ज़रूरी होगी, जिसमें पिछले भूस्खलन घटनाओं का रिकॉर्ड और InSAR या समान उपग्रह इमेजिंग के माध्यम से ढलान की गति का अध्ययन किया जाना शामिल है। परियोजना रिपोर्ट तैयार करते समय 300 मीटर चौड़ी पट्टी का टोपोग्राफिकल सर्वे किया जाना अनिवार्य होगा।
मंत्रालय ने यह भी कहा है कि नालों और कुल्वर्ट की जगह अतिरिक्त भूमि खरीदी जानी चाहिए ताकि पहाड़ी क्षेत्रों में पानी का समुचित प्रवाह सुनिश्चित हो और कटाव, ढलान अस्थिरता, और सड़क की गुणवत्ता बिगड़ने से बचा जा सके।
खुदाई के मलबे को फेंकने के लिए डंप साइट चुनने के लिए यह सुझाव दिया गया है कि नए रास्तों को इस तरह डिजाइन किया जाए कि मलबा निकट ही बनाए गए एम्बैंकमेंट या भरे गए ढलानों में उपयोग किया जा सके।
NDEM, जो भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (NRSC) द्वारा विकसित किया गया है, एक व्यापक जियोस्पैटियल प्लेटफ़ॉर्म है जो प्राकृतिक आपदाओं की निगरानी, जोखिम मूल्यांकन और इन्फ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग के लिए मल्टी-टेम्पोरल सैटेलाइट डेटा, विषयगत लेयर और निर्णय समर्थन उपकरण प्रदान करता है।
यह कदम भारत में सड़क परियोजनाओं की दीर्घकालिक मजबूती और पर्यावरण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
FAQs:
- सड़क परियोजनाओं में NDEM क्यों और कैसे इस्तेमाल किया जाएगा?
- पहाड़ी इलाकों में टोपोग्राफिकल सर्वेक्षण का महत्व क्या है?
- बाढ़ और भूस्खलन के जोखिम को कम करने के लिए क्या नई सरकारी दिशानिर्देश दिए गए हैं?
- मलबा प्रबंधन के लिए क्या विशेष उपाय सुझाए गए हैं?
- NDEM पोर्टल से कौन-कौन से प्राकृतिक आपदाओं की निगरानी की जाती है?
- disaster management India
- environmental impact highway construction
- flood risk highway planning
- highway project regulations India
- Indian road transport ministry norms
- InSAR satellite imagery landslide
- landslide risk mapping
- National Database for Emergency Management
- NDEM usage road projects
- road infrastructure safety
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