शशि थरूर ने वीर सावरकर इंटरनेशनल इम्पैक्ट अवॉर्ड ठुकरा दिया। कांग्रेस नेता मुरलीधरन ने विरोध किया। HRDS का दावा- पहले सहमति थी।
थरूर का सावरकर पुरस्कार पर इनकार: मुरलीधरन बोले- ब्रिटिश के आगे झुके थे सावरकर!
शशि थरूर ने ठुकराया वीर सावरकर अवॉर्ड: कांग्रेस में मचा बवाल, क्या है पूरा विवाद?
दोस्तों, राजनीति में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर को वीर सावरकर इंटरनेशनल इम्पैक्ट अवॉर्ड 2025 देने की घोषणा हुई तो पार्टी में हंगामा मच गया। थरूर ने साफ कह दिया – न अवॉर्ड लूंगा, न समारोह में जाऊंगा। वजह? आयोजकों से स्पष्टीकरण न मिलना। लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के. मुरलीधरन ने कहा – सावरकर ब्रिटिश के आगे झुके थे, कोई कांग्रेस वाला ये अवॉर्ड न ले। थरूर ने भी X पर पोस्ट कर सफाई दी। HRDS इंडिया के सचिव अजी कृष्णन बोले – थरूर को पहले सूचित किया था। आइए इस पूरे मामले की परतें खोलें।
मामला तब शुरू हुआ जब थरूर केरल लोकल बॉडी पोल्स में वोट डालने गए। मीडिया ने बताया कि HRDS इंडिया उन्हें अवॉर्ड दे रही। थरूर बोले – मुझे मालूम ही न था। दिल्ली लौटकर कहा – न जानता था, न स्वीकार किया। X पर लिखा – आयोजक, अवॉर्ड की प्रकृति या संदर्भ न बताया तो जाना ही नहीं। मुरलीधरन ने तिरुवनंतपुरम में कहा – सावरकर ने ब्रिटिश को माफी मांगी थी, थरूर ऐसा न करें वरना पार्टी को शर्मिंदा होगा। थरूर ने सहमति न होने पर आयोजकों को लापरवाह बताया।
कांग्रेस में सावरकर को लेकर पुरानी कटुता
कांग्रेस हमेशा से सावरकर को ब्रिटिश समर्थक बताती रही। 1940s में उन्होंने माफी याचिकाएं दी थीं। RSS-BJP उन्हें वीर कहते। थरूर पहले भी सावरकर पर बहस में उलझे। 2019 लोकसभा में अमित शाह से तीखी नोकझोंक हुई। मुरलीधरन का बयान पार्टी लाइन पर। केरल लॉ मिनिस्टर पी. राजीव बोले – थरूर का फैसला।
5 FAQs
- थरूर ने अवॉर्ड क्यों ठुकराया?
आयोजकों से डिटेल्स न मिलने पर। - मुरलीधरन ने क्या कहा?
सावरकर ब्रिटिश के आगे झुके, कांग्रेस वाला न ले। - HRDS का दावा?
थरूर को पहले सूचित किया, लिस्ट दी। - अवॉर्ड क्या है?
वीर सावरकर इंटरनेशनल इम्पैक्ट अवॉर्ड 2025, पहला संस्करण। - कांग्रेस का रुख?
सावरकर अवॉर्ड्स का विरोध, आंतरिक बहस।
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