बुज़ुर्गों की सेहत के लिए Vitamin D & Hormone Levels for Strong Bones की नियमित निगरानी, सेहत व स्वतंत्रता के लिए बेहद जरूरी है। जानें आसान उपाय और विशेषज्ञ सलाह।
स्वस्थ वृद्धावस्था के लिए Vitamin D & Hormone Levels for Strong Bones
स्वस्थ वृद्धावस्था सिर्फ लंबी उम्र नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर, सक्रिय और खुशहाल जीवन है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, हमारे शरीर में हार्मोन, विटामिन व हड्डियों की ताकत में बदलाव आता है; इसलिए इन सबकी नियमित जांच बेहद जरूरी है। विशेषज्ञों के अनुसार, समय-समय पर Vitamin D & Hormone levels for strong bones, कैल्शियम, के स्तर और बोन डेंसिटी की निगरानी से सार्थक फायदा मिलता है.
हार्मोन स्तर की निगरानी क्यों जरूरी?
उम्र बढ़ने पर शरीर में ऐसे हार्मोन जैसे एस्ट्रोजन, टेस्टोस्टेरोन व थायराइड धीमे-धीमे कम हो जाते हैं। विशेषकर महिलाओं में मेनोपॉज़ के बाद एस्ट्रोजन की कमी हड्डियों की मजबूती घटाती है, जिससे osteoporosis और fractures का खतरा बढ़ता है। वहीं थायराइड असंतुलन से वजन, मूड और हड्डियों पर असर पड़ता है।
नियमित टैस्ट से समय पर इलाज संभव होता है.
विटामिन स्तर: खासकर D और B12
- विटामिन D: कैल्शियम के अवशोषण व हड्डियों की मजबूती के लिए जरूरी। भारत में उम्रदराज़ लोगों में विटामिन D की कमी आम है, जिससे osteoporosis, थकान और मूड प्रॉब्लम्स बढ़ती हैं। AIIMS रायबरेली की रिसर्च में 28.9% बुज़ुर्गों में विटामिन D deficiency पाई गई.
- विटामिन B12: न्यूरोलॉजिकल व मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी; इसकी कमी से dementia व थकान होती है.
- कैल्शियम, मैग्नीशियम, व विटामिन K2: सभी हड्डी की मजबूती के लिए जरूरी हैं.
बोन स्ट्रेंथ और बोन डेंसिटी
उम्र बढ़ने पर बोन डेंसिटी घटने लगती है; Osteopenia और Osteoporosis का खतरा बढ़ता है। रिसर्च के मुताबिक, भारत में 60 वर्ष से ऊपर के हर 3 में से 1 व्यक्ति को osteoporosis है. कमजोर हड्डियों से fracture जल्दी हो जाते हैं, खासकर कूल्हा (hip) का fracture सबसे आम है।
जांच के आसान तरीके: DEXA स्कैन, रक्त जांच, और कैल्शियम टैस्ट.
स्वस्थ रहने के लिए जरूरी कदम
- नियमित जांच:
- आहार व सप्लीमेंट्स:
- एक्सरसाइज़ व जीवनशैली:
- फॉल (गिरने) से बचाव:
राज्यवार तथ्य व चिंताएं
- भारत के हर क्षेत्र में बुज़ुर्गों में osteoporosis मामलों की संख्या करीब समान है; महिलाओं में ये समस्या ज्यादा देखी जाती है।
- विटामिन D deficiency का माहौल, शाकाहारी भोजन व धूप की कमी इसका बड़ा कारण है।
- AIIMS स्टडी के अनुसार, विटामिन D व B12 की कमी बुज़ुर्गों में 30% तक पाई गई है।
- Kolkata के एक अध्ययन में 60+ लोगों में 15.4% को osteoporosis और 47.3% को osteopenia पाया गया; इसलिए समय पर जांच जरूरी है.
मुख्य जांचें, कारण और फायदा
जांच/टेस्ट | किसके लिए जरूरी | फायदे |
---|---|---|
विटामिन D स्तर | सभी बुज़ुर्ग | हड्डी की मजबूती, थकान में कमी |
कैल्शियम स्तर | सभी, खासकर महिलाएँ | fracture का खतरा घटाना |
DEXA स्कैन | high-risk, महिलाओं | बोन डेंसिटी व osteoporosis जांच |
हार्मोन टैस्ट | मेनोपॉज़, थायराइड | मूड, वजन व बोन हेल्थ सुधार |
B12 टैस्ट | न्यूरोलॉजिकल लक्षण | दिमाग, मानसिक स्वास्थ्य |
विशेषज्ञ सलाह और लाइफस्टाइल टिप्स
- हड्डी को मजबूत करने के लिए पर्याप्त पोषण, नियमित जांच, और ऐक्टिव लाइफस्टाइल रखें।
- डॉक्टर की सलाह बिना सप्लीमेंट शुरू न करें; संतुलित भोजन ज्यादा कारगर होता है।
- हर साल बोन डेंसिटी जांच, विटामिन D व हार्मोन स्तर की निगरानी उम्र बढ़ने के साथ जरुरी है।
- बदलती जीवनशैली के अनुसार व्यायाम व धूप पर जोर दें।
- सामान्य लक्षण (लगातार थकान, मांसपेशियों में कमजोरी, मूड बदलना, बार-बार fracture) तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
FAQs
- बुज़ुर्गों में सबसे आम हड्डी संबंधी समस्या कौनसी है?
- विटामिन D की कमी से क्या परेशानी हो सकती है?
- कौनसी जांचें सालाना करानी चाहिए?
- आहार में किन चीजों पर जोर दें?
- बोन स्ट्रेंथ बढ़ाने के लिए कौनसी एक्सरसाइज़ बेहतर हैं?
- हार्मोन स्तर की जाँच कब जरूरी होती है?
- मेनोपॉज़ के बाद, थायराइड प्रॉब्लम हो, या लगातार कमजोरी मांसपेशियों में महसूस हो.
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