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Weight Loss Diet में क्या है बेहतर-Oats or Dalia? 

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oats and a bowl of dalia
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Weight Loss के लिए Oats और Dalia में से कौन सा बेहतर है? एक डायटीशियन ने दोनों की पूरी तुलना की है। जानें दोनों के पोषण तत्व, ग्लाइसेमिक इंडेक्स, फाइबर कंटेंट और वजन घटाने में effectiveness। सही विकल्प चुनने में मिलेगी मदद।

Weight Loss के लिए Oats बनाम Dalia

डायटीशियन ने बताया कौन सा है बेहतर विकल्प

वजन घटाने की जब भी बात आती है, हेल्दी ब्रेकफास्ट सबसे पहले दिमाग में आता है। और इसके लिए सबसे पॉपुलर विकल्पों में शामिल हैं ओट्स और दलिया। दोनों ही सेहतमंद, फाइबर से भरपूर और वजन घटाने में मददगार माने जाते हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि इन दोनों में से आखिर कौन सा विकल्प ज्यादा बेहतर है?

क्या ओट्स की विदेशी छवि और दलिया की देसी पहचान में से किसी एक को चुनना जरूरी है? आज हम एक डायटीशियन की राय के आधार पर ओट्स और दलिया के बीच एक विस्तृत तुलना करेंगे। हम जानेंगे कि वजन घटाने, पोषण, और सेहत के लिहाज से कौन सा ऑप्शन आपके लिए सही रहेगा।

मूलभूत अंतर: ओट्स और दलिया क्या हैं?

  • ओट्स (Oats): ओट्स एक साबुत अनाज है जो ओट प्लांट से प्राप्त होता है। यह अत्यधिक पौष्टिक और फाइबर से भरपूर होता है। मार्केट में यह रोल्ड ओट्स, इंस्टेंट ओट्स, ओट्स ब्रान आदि रूपों में मिलता है।
  • दलिया (Dalia/Broken Wheat): दलिया असल में गेहूं को दरदरा पीसकर बनाया जाता है। यह एक पारंपरिक भारतीय व्यंजन है, जो पोषण में किसी से कम नहीं है। इसे ‘फड़दा’ या ‘सुल्ता’ भी कहा जाता है।

पोषण तुलना: ओट्स बनाम दलिया (प्रति 100 ग्राम)

पोषक तत्वओट्सदलिया
कैलोरीलगभग 389लगभग 350
प्रोटीन16-17 ग्राम11-12 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट66 ग्राम75 ग्राम
फाइबर10.5 ग्राम4-5 ग्राम
फैट6.5 ग्राम2-3 ग्राम
आयरन4.7 mg3.2 mg

(नोट: यह आंकड़े ब्रांड और variety के अनुसार थोड़े बदल सकते हैं।)

वजन घटाने के लिए कौन सा है बेहतर? डायटीशियन की राय

डायटीशियन के अनुसार, दोनों ही वजन घटाने के लिए बेहतरीन विकल्प हैं, लेकिन आपका चुनाव आपके शरीर और आपकी जरूरतों पर निर्भर करता है।

ओट्स के पक्ष में तर्क:

  1. उच्च फाइबर (Beta-Glucan): ओट्स में एक विशेष प्रकार का घुलनशील फाइबर होता है जिसे बीटा-ग्लूकन कहते हैं। यह फाइबर पेट में जाकर जेल जैसा पदार्थ बनाता है, जो पाचन को धीमा कर देता है। इससे आपको लंबे समय तक भरा हुआ महसूस होता है और कैलोरी intake अपने आप कम हो जाती है।
  2. बेहतर प्रोटीन कंटेंट: ओट्स में दलिया की तुलना में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है। प्रोटीन भी भूख को नियंत्रित करने और मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करता है।
  3. कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल: ओट्स में मौजूद बीटा-ग्लूकन खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) के स्तर को कम करने में मदद करता है, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।

दलिया के पक्ष में तर्क:

  1. कम कैलोरी: दलिया में ओट्स की तुलना में थोड़ी कम कैलोरी होती है, जिससे आप बिना ज्यादा कैलोरी लिए एक बड़ा बाउल खा सकते हैं।
  2. हल्का और आसानी से पचने वाला: दलिया पचने में बहुत हल्का होता है। यह पेट के लिए कोमल है और इसे खाने के बाद भारीपन महसूस नहीं होता। इसलिए यह उन लोगों के लिए बेहतर है जिनका पाचन तंत्र संवेदनशील है।
  3. जेब के अनुकूल और देसी: दलिया ओट्स की तुलना में काफी सस्ता होता है और यह हमारी देसी पसंद के अनुकूल है। इसका स्वाद ज्यादातर भारतीय लोगों को पसंद आता है।

महत्वपूर्ण फैक्टर: ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Glycemic Index – GI)

ग्लाइसेमिक इंडेक्स यह बताता है कि कोई भोजन खाने के बाद ब्लड शुगर कितनी तेजी से बढ़ता है।

  • ओट्स का GI: ओट्स का ग्लाइसेमिक इंडेक्स मध्यम (Low to Medium – 55-60) होता है। यह ब्लड शुगर को अचानक से नहीं बढ़ने देता, जिससे भूख कंट्रोल में रहती है और एनर्जी लंबे समय तक बनी रहती है।
  • दलिया का GI: पकी हुई दलिया का GI ओट्स से थोड़ा ज्यादा (Medium – 60-65) हो सकता है, लेकिन अगर इसे सब्जियों के साथ पकाया जाए तो इसका GI कम किया जा सकता है।

वजन घटाने के लिए लो या मीडियम GI वाले foods बेहतर माने जाते हैं, इसलिए इस मामले में ओट्स थोड़ा आगे नजर आता है।

तो आखिर किसे चुनें? अंतिम फैसला

ओट्स को चुनें अगर:

  • आपको भूख जल्दी लगने की समस्या है और आप लंबे समय तक भरा हुआ महसूस करना चाहते हैं।
  • आपका फोकस सिर्फ वजन घटाने पर ही नहीं, कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल पर भी है।
  • आपको प्रोटीन इनटेक बढ़ाना है।
  • आप ब्लड शुगर लेवल को स्थिर रखना चाहते हैं।

दलिया को चुनें अगर:

  • आपका बजट सीमित है और आप एक सस्ता विकल्प ढूंढ रहे हैं।
  • आपका पाचन तंत्र कमजोर है और आपको हल्का भोजन चाहिए।
  • आपको देसी और सादे स्वाद वाला भोजन पसंद है।
  • आप वेजिटेबल दलिया बनाकर अपने भोजन में सब्जियों की मात्रा बढ़ाना चाहते हैं।

डायटीशियन की सलाह: विविधता है जरूरी

डायटीशियन की सलाह है कि आप अपनी डाइट में विविधता बनाए रखें। आप एक दिन ओट्स और दूसरे दिन दलिया खा सकते हैं। इससे आपको दोनों के अलग-अलग पोषक तत्व मिलेंगे और आपकी डाइट बोरिंग भी नहीं होगी।

दोनों को बनाने के हेल्दी तरीके:

  • ओट्स: इसे सिर्फ दूध और शहद में न पकाएं। इसमें पालक, ब्रोकली, अंडा, पनीर, नट्स और सीड्स मिलाकर इसे और पौष्टिक बनाएं।
  • दलिया: इसे सादे न पकाकर, ताजी सब्जियां (टमाटर, प्याज, गाजर, मटर) और हल्के मसालों के साथ बनाएं। इससे इसका फाइबर और पोषण मूल्य बढ़ जाएगा।

कोई गलत विकल्प नहीं है

वजन घटाने की जंग में ओट्स और दलिया दोनों ही विजेता हैं। ओट्स थोड़ा ज्यादा पॉवर-पैक्ड है जब फाइबर और प्रोटीन की बात आती है, जबकि दलिया एक हल्का, सस्ता और पारंपरिक विकल्प है जो लंबे समय से हमारी सेहत का ख्याल रख रहा है।

असली मंत्र है “संतुलन और सही तरीके से पकाना”। चाहे आप ओट्स चुनें या दलिया, अगर आप उसे हेल्दी तरीके से पकाकर और सही मात्रा में खाएंगे, तो दोनों ही आपके वजन घटाने के सफर में आपके सबसे अच्छे दोस्त साबित होंगे।


FAQs

1. क्या रातभर भीगे हुए ओट्स (Overnight Oats) ज्यादा फायदेमंद हैं?
हां, रातभर भीगे हुए ओट्स पचने में आसान होते हैं और उनमें मौजूद पोषक तत्वों का अवशोषण बेहतर तरीके से हो पाता है। यह एक बहुत ही हेल्दी और तैयार करने में आसान विकल्प है।

2. क्या डायबिटीज के मरीजों के लिए ओट्स बेहतर है?
जी हां, ओट्स में मौजूद बीटा-ग्लूकन फाइबर ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मददगार होता है। हालांकि, डायबिटीज के मरीजों को फ्लेवर्ड या इंस्टेंट ओट्स से बचना चाहिए और सादे रोल्ड ओट्स को प्राथमिकता देनी चाहिए।

3. क्या दलिया खाने से कब्ज की समस्या हो सकती है?
नहीं, बल्कि दलिया में मौजूद फाइबर कब्ज को दूर करने में मदद करता है। हालांकि, पर्याप्त मात्रा में पानी न पीने पर किसी भी हाई-फाइबर फूड से कब्ज की शिकायत हो सकती है। इसलिए दलिया खाते समय खूब पानी पिएं।

4. वजन घटाने के लिए ओट्स या दलिया कब खाना चाहिए?
दोनों को ही नाश्ते में खाना सबसे अच्छा रहता है। इससे आपको दिनभर एनर्जी मिलती है और लंच तक अनहेल्दी स्नैकिंग से बचे रहते हैं।

5. क्या बच्चों के लिए ओट्स या दलिया बेहतर है?
छोटे बच्चों के लिए दलिया ज्यादा बेहतर विकल्प है क्योंकि यह पचने में बहुत हल्का होता है। ओट्स में मौजूद फाइबर कुछ बच्चों के लिए थोड़ा हैवी हो सकता है। बच्चों को ओट्स देते समय शुरुआत में थोड़ी मात्रा में दें।

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