लेबनान और इजराइल ने दशकों बाद पहली बार सीधे वार्ता की। चर्चा हिंसा बंदी, बंदियों की रिहाई और इजराइल की वापसी पर केंद्रित। शांति अभी दूर, लेकिन उम्मीद जगी।
लेबनान और इजराइल की पहली सीधे वार्ता, लेकिन शांति अभी दूर है।
लेबनान और इजराइल के बीच दशकों बाद पहली सीधे वार्ता: क्या है असर?
लेबनान और इजराइल के बीच दशकों से चले आ रहे तनाव में बुधवार को बड़ा कदम उठाया गया, जब दोनों ने संयुक्त राष्ट्र के शांति केंद्र नाकुरा में पहली सीधे वार्ता की। यह वार्ता पिछले साल नवंबर 2024 में हुए युद्धविराम की निगरानी तंत्र के अंतर्गत हुई, लेकिन पुष्टि के लिए लेबनान के प्रधानमंत्री नवाफ सलाम ने साफ कहा कि यह शांति वार्ता नहीं है, बल्कि केवल युद्धविराम लागू करने की कार्रवाई है।
दोनों देशों के बीच युद्ध 1948 से तकनीकी रूप से जारी है, लेकिन इस वार्ता ने सीमाओं पर तनाव कम करने की एक नई राह दिखाई है। इस बैठक में मुख्य मुद्दे थे – युद्धविराम की पूरी तरह से पालना, लेबनानी बंदियों की रिहाई और इजराइल की दक्षिण लेबनान से पूरी वापसी।
इजराइल की दरारें: हवाई हमले जारी, दक्षिण में सेना का कब्जा
इजराइल ने अभी भी दक्षिण लेबनान में पांच क्षेत्रों में सेना तैनात रखी है, जबकि युद्धविराम में पूरे क्षेत्र से वापसी का उल्लेख है। साथ ही हिज़्बुल्लाह पर निरंतर हवाई हमलों का सिलसिला भी जारी है, जिन्हें इजराइल आतंकी हमला मानता है।
इजराइल के प्रधानमंत्री बेनजामिन नेतन्याहू ने वार्ता के दौरान कहा कि आर्थिक सहयोग बढ़ाने की संभावनाओं पर चर्चा को सकारात्मक बताया, लेकिन यह भी कहा कि हिज़्बुल्लाह का हथियारबंद होना नहीं माना जाएगा।
संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका की भूमिका:
इस वार्ता के संचालन में संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन के साथ अमेरिका, फ्रांस और अन्य अंतरराष्ट्रीय भूमिकाएं शामिल हैं। अमेरिका ने दोनों देशों पर हिज़्बुल्लाह को तुरंत हथियार छोड़ने का दबाव बढ़ा रखा है।
अमेरिकी प्रतिनिधि मॉर्गन ऑर्टगस ने वार्ता में हिस्सा लिया और कहा कि यह प्रक्रिया “सुरक्षा, स्थिरता और सभी समुदायों के लिए दीर्घकालिक शांति” के लिए राजनीतिक और सैन्य चर्चा को प्रोत्साहित करती है।
लेबनान की सेना का हिज़्बुल्लाह के खिलाफ कदम:
लेबनान सरकार ने घोषणा की है कि वे दक्षिण में लितानी नदी के तहत हिज़्बुल्लाह के सैन्य बुनियादी ढांचे को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हालांकि, इजराइल इसे अपर्याप्त मानते हुए पिछले सप्ताह अपने हवाई हमले तेज कर दिए हैं।
दक्षिण लेबनान में सुरक्षा हालात अभी भी नाजुक हैं। इजराइल के अंदर भी “महत्वपूर्ण वृद्धि” के लिए तैयारियां चल रही हैं, जो आगामी तनाव के संकेत हो सकते हैं।
शांति की चुनौतियां और उम्मीदें
लेबनानी प्रधानमंत्री ने कहा कि “normalisation will follow peace, it cannot precede peace.” आर्थिक सहयोग के लिए सकारात्मक संकेत हैं, पर असल शांति अभी दूर है। दोनों ओर के कट्टरपंथ और हथियारबंद समूहों के कारण संघर्ष का खतरा बना हुआ है।
5 सामान्य प्रश्न
- लेबनान-इजराइल वार्ता कब शुरू हुई और किस स्थान पर?
उत्तर: 2025 के नवंबर में नाकुरा, संयुक्त राष्ट्र शांति मुख्यालय। - वार्ता का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर: युद्धविराम की कार्यान्वयन, बंदियों की रिहाई, और सेना की वापसी। - क्या यह शांति वार्ता है?
उत्तर: नहीं, यह केवल युद्धविराम लागू करने की प्रक्रिया है। - अमेरिका की भूमिका क्या है?
उत्तर: हिज़्बुल्लाह को हथियार छोड़ने के लिए दबाव और शांति प्रक्रिया का समर्थन। - वर्तमान में लेबनान और इजराइल के बीच तनाव कैसा है?
उत्तर: सीमा पर हवाई हमले जारी, दक्षिण लेबनान में सेना की उपस्थिति।
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