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Blue-Ringed Octopus का जहर:क्यों है इतना घातक?

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Blue-Ringed Octopus
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दुनिया का सबसे जहरीला Blue-Ringed Octopus! जानें क्यों दिखाता है पीला रंग, कैसे काम करता है इसका घातक जहर। एक काटने में इंसान की मौत, लेकिन नहीं है कोई इलाज। पूरी जानकारी।

Octopus जो बदलता है रंग:पीला रंग देता है मौत की चेतावनी

समुद्र की गहराइयों में कई रहस्यमय और खूबसूरत जीव रहते हैं। इनमें से कुछ इतने खतरनाक होते हैं कि उनकी सुंदरता देखकर कोई अंदाजा नहीं लगा सकता। ऐसा ही एक जीव है ब्लू-रिंग्ड ऑक्टोपस (Blue-Ringed Octopus)। नाम सुनकर यह कोई मासूम और रंग-बिरंगा जीव लगता है, लेकिन यह दुनिया के सबसे जहरीले जानवरों में से एक है। यह इतना खतरनाक है कि इसके एक काटने में कई लोगों की मौत हो चुकी है और अब तक इस जहर की कोई दवा (Antidote) नहीं बन पाई है।

हाल ही में वैज्ञानिकों ने इस ऑक्टोपस के व्यवहार पर एक नई रिसर्च की है। उन्होंने पाया है कि जब यह ऑक्टोपस खतरा महसूस करता है, तो अपना रंग बदलकर चमकीला पीला हो जाता है और उस पर नीले चमकदार छल्ले दिखने लगते हैं। यह उसकी तरफ से एक चेतावनी है, जैसे कह रहा हो, “दूर रहो, मैं जानलेवा हूं।” आइए आज हम इसी घातक खूबसूरती के बारे में विस्तार से जानते हैं।

Blue-Ringed Octopus क्या है? पहचान और ठिकाना

Blue-Ringed ऑक्टोपस दरअसल एक छोटे आकार का ऑक्टोपस है, जो Hapalochlaena नाम के जीनस के अंतर्गत आता है। यह आकार में एक गोल्फ बॉल जितना यानी सिर्फ 5 से 8 सेंटीमीटर (2 से 3 इंच) का होता है। इसका वजन मात्र 25 से 30 ग्राम के आसपास होता है। लेकिन इसके छोटे आकार से मत घबराइए, क्योंकि इसका जहर इसे समुद्र के सबसे खतरनाक शिकारियों में से एक बनाता है।

  • कहां पाया जाता है? यह ऑक्टोपस ज्यादातर प्रशांत महासागर (Pacific Ocean) और हिंद महासागर (Indian Ocean) के गर्म और उथले पानी वाले इलाकों में मिलता है। खासतौर पर ऑस्ट्रेलिया, जापान, फिलीपींस और इंडोनेशिया के तटीय इलाकों में इसके होने के सबूत मिले हैं।
  • कैसे दिखता है? आम समय में यह ऑक्टोपस ज्यादा ध्यान नहीं खींचता। इसका रंग भूरा या जैतूनी हरा होता है, जो इसे चट्टानों और रेत के बीच छुपने में मदद करता है। लेकिन जब इसे कोई खतरा महसूस होता है, तो यह अपनी त्वचा में मौजूद विशेष कोशिकाओं (क्रोमैटोफोर्स) की मदद से अपना रंग बदल लेता है। इसकी त्वचा पर 50-60 चमकीले नीले रंग के छल्ले (rings) दिखाई देने लगते हैं और उसकी पूरी बॉडी का रंग चमकीला पीला या सुनहरा हो जाता है। यह एक चेतावनी भरा रंग (Warning Coloration) है।

विज्ञान की नजर से: पीला रंग और नीले छल्ले क्यों दिखते हैं?

यह सवाल हर किसी के मन में आता है कि आखिर यह ऑक्टोपस अपना रंग कैसे बदल लेता है। इसके पीछे का विज्ञान बहुत ही दिलचस्प है।

  • क्रोमैटोफोर्स (Chromatophores): ऑक्टोपस की त्वचा में ये विशेष कोशिकाएं होती हैं जिनमें रंग होते हैं। जब ऑक्टोपस चाहता है, तो ये कोशिकाएं फैलती या सिकुड़ती हैं, जिससे त्वचा का रंग बदल जाता है। जब यह शांत होता है, तो भूरे रंग की कोशिकाएं सक्रिय रहती हैं, जो इसे camouflage में मदद करती हैं।
  • इरिडोफोर्स (Iridophores): ये वो खास कोशिकाएं हैं जो नीले छल्ले बनाती हैं। ये कोशिकाएं light reflect करती हैं। जब ऑक्टोपस को खतरा महसूस होता है, तो ये इरिडोफोर्स एक्टिवेट हो जाते हैं और नीले रंग को reflect करने लगते हैं। यह नीला रंग बेहद चमकीला और आकर्षक होता है, जो समुद्र के अंधेरे में भी आसानी से दिखाई देता है।

यह पूरी प्रक्रिया एक neurological signal से नियंत्रित होती है। यह ऑक्टोपस की तरफ से एक साफ संदेश है: “मैं जहरीला हूं, मेरे पास मत आना।” यह तरीका evolution का एक शानदार नमूना है।

कितना खतरनाक है इसका जहर? टेट्रोडोटॉक्सिन का कहर

ब्लू-रिंग्ड ऑक्टोपस का जहर दुनिया के सबसे घातक जहरों में से एक माना जाता है। इसके जहर का नाम है टेट्रोडोटॉक्सिन (Tetrodotoxin – TTX)। यह वही जहर है जो पफर फिश (Pufferfish) में पाया जाता है, लेकिन ऑक्टोपस के जहर में इसकी मात्रा कहीं ज्यादा शक्तिशाली होती है।

  • जहर कैसे बनता है? दिलचस्प बात यह है कि ब्लू-रिंग्ड ऑक्टोपस खुद यह जहर पैदा नहीं करता। यह अपनी salivary glands में मौजूद खास बैक्टीरिया के कारण जहरीला होता है। ये बैक्टीरिया ऑक्टोपस के शरीर के अंदर रहते हैं और TTX का उत्पादन करते हैं।
  • जहर कैसे काम करता है? TTX एक न्यूरोटॉक्सिन (neurotoxin) है, यानी यह सीधे हमारी nervous system पर हमला करता है। यह शरीर की nerve cells में sodium channels को block कर देता है। इसका मतलब है कि nerves, muscles को संकेत भेजना बंद कर देती हैं।
  • शरीर पर क्या प्रभाव होता है?
    • सबसे पहले मुंह और चेहरे में सुन्नपन और झनझनाहट होती है।
    • उल्टी, चक्कर आना और पेट में दर्द हो सकता है।
    • धीरे-धीरे पूरे शरीर की मांसपेशियां काम करना बंद कर देती हैं, जिससे सांस लेने में दिक्कत होने लगती है।
    • शिकार का शरीर पूरी तरह से paralyzed (लकवाग्रस्त) हो जाता है।
    • सबसे घातक बात यह है कि सांस की मांसपेशियां काम करना बंद कर देती हैं, जिसके कारण इंसान की सांस रुक जाती है और मौत हो जाती है।

क्या है इस जहर का इलाज?

सबसे डरावनी बात यह है कि टेट्रोडोटॉक्सिन के लिए कोई ज्ञात एंटीडोट (antidote) नहीं है। यानी अगर किसी व्यक्ति को इस ऑक्टोपस ने काट लिया और जहर शरीर में पहुंच गया, तो उसे बचाने के लिए कोई specific दवा नहीं है।

  • फिर क्या करें? अगर किसी को ब्लू-रिंग्ड ऑक्टोपस काट ले, तो तुरंत First Aid और medical help ही एकमात्र उपाय है।
    • सबसे पहले first aid के तौर पर pressure immobilization technique का इस्तेमाल करें। काटे गए अंग को हिलाए-डुलाए नहीं और एक पट्टी से कस कर बांध दें ताकि जहर पूरे शरीर में न फैले।
    • तुरंत मरीज को हॉस्पिटल ले जाएं।
    • हॉस्पिटल में मरीज को ventilator पर रखा जा सकता है ताकि जब तक जहर का असर रहे, उसकी सांस चलती रहे।
    • अगर 24 घंटे तक मरीज की सांस artificial तरीके से चलती रहे, तो जहर का असर खत्म हो जाता है और मरीज बच सकता है।

क्या यह ऑक्टोपस इंसानों पर हमला करता है?

ब्लू-रिंग्ड ऑक्टोपस स्वभाव से शर्मीला और अकेला रहने वाला जीव है। यह इंसानों पर खुद से हमला नहीं करता। ज्यादातर काटने की घटनाएं तब होती हैं जब इंसान गलती से इस पर पैर रख देता है या फिर इसे पकड़ने की कोशिश करता है। कुछ लोग इसकी सुंदरता से आकर्षित होकर इसे हाथ लगा लेते हैं, जो एक जानलेवा गलती साबित हो सकती है।

समुद्री पर्यावरण में इसकी भूमिका

हर जीव की तरह, ब्लू-रिंग्ड ऑक्टोपस भी समुद्री ecosystem का एक जरूरी हिस्सा है। यह छोटे-छोटे क्रस्टेशियंस (crustaceans) जैसे केकड़ों और झींगों का शिकार करता है। अपने जहर की मदद से यह अपने शिकार को तुरंत paralyzed कर देता है और फिर आराम से खा जाता है। यह खुद भ� बड़ी मछलियों, समुद्री सांपों और व्हेल का शिकार बनता है।

खूबसूरती के पीछे छुपा खतरा

Blue-Ringed Octopus प्रकृति के सबसे हैरान कर देने वाले creations में से एक है। यह हमें सिखाता है कि खूबसूरती के पीछे कितना बड़ा खतरा छुपा हो सकता है। इसका रंग बदलना, इसका घातक जहर और इसका unique defense mechanism, evolution के चमत्कार को दिखाता है। अगर कभी आप समुद्र के किनारे घूमने जाएं और आपको यह खूबसूरत ऑक्टोपस दिखाई दे, तो उसके पीले रंग और नीले छल्लों को उसकी चेतावनी समझें और उससे सुरक्षित दूरी बनाकर रहें। उसकी सुंदरता का आनंद लें, लेकिन उसे छूने की कोशिश न करें। क्योंकि प्रकृति की इस जानलेवा खूबसूरती के साथ छेड़छाड़ जान को जोखिम में डाल सकती है।


FAQs

1. Blue-Ringed Octopus का काटना दर्दनाक होता है?
जी नहीं, हैरानी की बात यह है कि इसके काटने में अक्सर कोई दर्द नहीं होता। व्यक्ति को पता भी नहीं चल पाता कि उसे काटा गया है। लेकिन कुछ ही मिनटों में जहर के लक्षण दिखाई देने लगते हैं, जैसे चेहरे पर सुन्नपन और सांस लेने में तकलीफ।

2. क्या इस Octopus का जहर किसी और जीव को नुकसान नहीं पहुंचाता?
ब्लू-रिंग्ड ऑक्टोपस खुद अपने ही जहर से immune होता है, यानी उसे इससे कोई नुकसान नहीं होता। इसके अलावा, कुछ और जीव भी हैं जो TTX के प्रति resistant होते हैं, जैसे कुछ प्रकार के केकड़े और समुद्री सांप।

3. क्या इन ऑक्टोपस को पालतू जानवर के रूप में रखा जा सकता है?
बिल्कुल नहीं। यह बेहद खतरनाक है और इसे पालतू बनाने की सोचना भी एक गंभीर गलती होगी। कई देशों में इसे पालना गैरकानूनी भी है।

4. एक ऑक्टोपस में कितना जहर होता है?
माना जाता है कि एक वयस्क ब्लू-रिंग्ड ऑक्टोपस के पास इतना जहर होता है कि वह 20-25 वयस्क इंसानों को कुछ ही मिनटों में मार सकता है। इसका जहर इंसान के लिए lethal dose बहुत कम मात्रा में ही काम कर जाता है।

5. क्या इस ऑक्टोपस के काटने से बचने का कोई तरीका है?
सबसे अच्छा तरीका है सावधानी बरतना। समुद्र में जहां यह ऑक्टोपस पाए जाते हैं, वहां चप्पल पहनकर चलें और चट्टानों या रेत में हाथ न डालें। किसी भी छोटे, रंग-बिरंगे ऑक्टोपस को हाथ लगाने की कोशिश न करें।

6. क्या इस जहर का इस्तेमाल medical science में होता है?
हां, वैज्ञानिक TTX पर research कर रहे हैं। इसके pain-blocking properties की वजह से इसका इस्तेमाल future में एक शक्तिशाली दर्दनिवारक दवा (painkiller) बनाने के लिए किया जा सकता है, खासकर cancer के दर्द के लिए। लेकिन यह research अभी शुरुआती stages में है।

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