Home धर्म Deepavali Amavasya क्यों है आध्यात्मिक नवजीवन का प्रतीक?
धर्म

Deepavali Amavasya क्यों है आध्यात्मिक नवजीवन का प्रतीक?

Share
Deepavali Amavasya night
Share

Deepavali Amavasya 2025 की तिथि, समय, पूजा विधि और आध्यात्मिक महत्व की जानकारी पढ़ें, समृद्धि व शांति के लिए।

Deepavali Amavasya 2025:भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा का महत्व

दिवाली अमावस्या, जिसे दार्श अमावस्या या कार्तिक अमावस्या भी कहा जाता है, हिंदू कैलेंडर के कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है। दिवाली 2025 के दिन, 21 अक्टूबर को यह अमावस्या श्रद्धालुओं के लिए विशेष आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व रखती है। यह दिन ज्योतिशास्त्र और धर्मशास्त्र के अनुसार समृद्धि, आध्यात्मिक नवजीवन और अज्ञानता के अंधकार से मुक्ति का प्रतीक है।

दिवाली अमावस्या का आध्यात्मिक महत्व

अमावस्या की रात को अंधकार से योग्यता और ज्ञान की ओर बढ़ने का समय माना जाता है। पूजा के दौरान जलाए गए दीपक अज्ञानता के अंधकार को दूर कर, प्रकाश और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं। मां लक्ष्मी के आगमन की भी यह रात मानी जाती है, जो घरों में खुशहाली, समृद्धि, और सुख-शांति लाती हैं।

भगवान विष्णु की उपासना भी इस दिन विशेष स्थान रखती है क्योंकि उनका आशीर्वाद जीवन में स्थिरता और सुरक्षा प्रदान करता है।

पूजा विधि और अनुष्ठान

दिवाली अमावस्या के दिन श्रद्धालु सुबह जल्दी उठकर शुद्ध जल से स्नान और पितरों को श्रद्धांजलि देते हैं। शाम को मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। घर को दीपों, फूलों और रंगोली से सजाया जाता है। कई परिवारों में नौ ग्रहों की पूजा भी की जाती है, जो जीवन की विभिन्नenergies को संतुलित करने का माध्यम है।

पूजा के दौरान धूप, दीपक जलाना, मिठाई अर्पित करना और मंत्रों का जाप करना अनिवार्य होता है।

सामाजिक और सांस्कृतिक पक्ष

Deepavali Amavasya सामुदायिक एकता और परंपरागत भावनाओं को जीवित रखता है। विभिन्न परिवार और समाज इसे अपने रीति-रिवाजों के अनुसार मनाते हैं, लेकिन इसका मूल संदेश हर कहीं समृद्धि, शांति और आध्यात्मिक जागरूकता का होता है।

Deepavali Amavasya 2025 केवल एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पुनरुत्थान का संदेश है। ध्यान, पूजा और दीपों के संयोग से यह अंधकार को दूर कर उजाले और मंगल की ओर ले जाता है। यह दिन हमें आध्यात्मिक ज्ञान और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार सिखाता है।


FAQs:

  1. Deepavali Amavasya 2025 कब है और इसकी तिथि क्या है?
  2. दिवाली अमावस्या का ज्योतिषीय महत्व क्या है?
  3. इस दिन कौन-कौन से अनुष्ठान किए जाते हैं?
  4. मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा दिवाली अमावस्या पर क्यों जरूरी है?
  5. अमावस्या की रात दीप जलाने का क्या महत्व है?
  6. दिवाली अमावस्या के दौरान क्या विशेष व्यंजन बनाए जाते हैं?
  7. सामाजिक रूप से दिवाली अमावस्या का क्या महत्व है?

Share

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

Deepavali Amavasya के साथ Kedar Gauri Vrat का महत्व

Kedar Gauri Vrat 2025 की तिथि, समय, पूजा विधि और भगवान शिव...

कालीघाट Mandir का बिजली बिल Bhutan करता है भुगतान

Bhutan ब्रिटिश काल से पश्चिम बंगाल के कालीघाट Mandir का बिजली बिल...

Diwali Chopda Puja का धार्मिक और आर्थिक महत्व

Diwali Chopda Puja की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि की पूरी...

Diwali के बाद Annakut Puja का महत्व और परंपराएं 

Annakut Puja 2025 पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि और भगवान कृष्ण के...