पित्ताशय की पथरी (Gallstones) क्यों बनती है, इसके लक्षण, कारण, जोखिम, उपचार और बचाव की संपूर्ण गाइड सरल हिंदी में।
Cholelithiasis (Gallstones) क्या है?
Cholelithiasis एक ऐसी स्थिति है जिसमें पित्ताशय या पित्त नलिकाओं में पथरी बन जाती है। पित्ताशय एक छोटा थैली जैसा अंग है जो लीवर के नीचे स्थित होता है और पाचन में सहायक पित्त (bile) को स्टोर करके भोजन पचाने में मदद करता है। जब पित्त की संरचना बदल जाती है, पित्त गाढ़ा हो जाता है या पित्ताशय ठीक से खाली नहीं होता, तब उसके अंदर छोटे-छोटे क्रिस्टल बनने लगते हैं जो धीरे-धीरे पथरी का रूप ले लेते हैं।
विश्व स्वास्थ्य रिपोर्टों के अनुसार, पित्ताशय की पथरी दुनिया की सबसे सामान्य पाचन संबंधी समस्याओं में से एक है। World Health Organization और अन्य मेडिकल संस्थाओं के अनुमान के अनुसार, एशियाई देशों में इसकी घटनाएँ तेजी से बढ़ रही हैं, जिसका मुख्य कारण खान-पान और जीवनशैली में बदलाव है।
Gallstones क्यों बनते हैं? वैज्ञानिक वजहें
पित्ताशय की पथरी एक साधारण समस्या लग सकती है, मगर इसके पीछे कई गहरी वैज्ञानिक वजहें होती हैं। पित्त एक जटिल मिश्रण है—जिसमें कोलेस्ट्रॉल, पित्त अम्ल, पित्त लवण और बिलीरुबिन शामिल होते हैं। इनमें किसी एक तत्व का अनुपात गड़बड़ा जाए तो पथरी बनने की संभावना बढ़ जाती है।
मुख्य कारण:
- पित्त में कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना
शरीर जितना कोलेस्ट्रॉल घोल सकता है, उससे अधिक बनने पर यह क्रिस्टल का रूप लेकर पथरी बना देता है। यह सबसे आम प्रकार की पथरी है। - पित्ताशय का सही समय पर खाली न होना
लंबे समय तक उपवास, मोटापा, गर्भावस्था या शारीरिक गतिविधि की कमी के कारण पित्ताशय अपनी प्राकृतिक गति से खाली नहीं होता, जिससे पित्त जमने लगता है और क्रिस्टल बनने लगते हैं। - बिलीरुबिन की अधिकता
जब शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का टूटना बढ़ जाता है, तो बिलीरुबिन भी अधिक बनने लगता है, जिससे पिगमेंट स्टोन्स विकसित हो सकते हैं। कुछ लिवर रोगों में भी यह समस्या बढ़ जाती है। - पित्त का गाढ़ा होना
हाई-फैट डाइट, शुगर अधिक लेना और पानी कम पीना पित्त को गाढ़ा करके पथरी बनने का जोखिम बढ़ाते हैं। - आनुवंशिक कारण
परिवार में किसी को पथरी हो तो जोखिम 2–3 गुना बढ़ जाता है। - हार्मोनल कारण
महिलाओं में यह बीमारी पुरुषों की तुलना में अधिक पाई जाती है। गर्भावस्था, हार्मोनल बदलाव और गर्भनिरोधक गोलियाँ जोखिम बढ़ाती हैं। National Institutes of Health की रिपोर्टों में भी महिलाओं में इसकी अधिकता दर्ज है।
गॉलस्टोन्स के प्रकार
पित्ताशय की पथरी तीन प्रमुख प्रकार की होती है:
- कोलेस्ट्रॉल स्टोन्स
- पिगमेंट स्टोन्स
- मिक्स्ड स्टोन्स (दोनों का मिश्रित रूप)
भारत में अधिकतर मरीज कोलेस्ट्रॉल स्टोन्स से प्रभावित पाए जाते हैं, क्योंकि खान-पान में वसा और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है।
लक्षण – कैसे पहचानें पित्ताशय की पथरी
हर गॉलस्टोन दर्द नहीं देती। कई बार यह बिना लक्षण के वर्षों तक बनी रहती है, जिन्हें “साइलेंट स्टोन्स” कहा जाता है। पर जब लक्षण आते हैं, तो वे बहुत तेज और अचानक हो सकते हैं।
मुख्य लक्षण:
• दाईं तरफ की पसलियों के नीचे तेज दर्द (biliary colic)
• पीठ या दाहिने कंधे में फैलता हुआ दर्द
• मतली और उल्टी
• वसायुक्त भोजन खाने के बाद पेट भारी लगना
• पेट फूलना
• तेज बुखार (संक्रमण होने पर)
• पीलिया (यदि पथरी पित्त नलिका को रोक दे)
अगर दर्द कुछ मिनट से लेकर कई घंटों तक बना रहे तो यह गॉलस्टोन अटैक हो सकता है। ऐसे में तत्काल डॉक्टर को दिखाना जरूरी है।
गॉलस्टोन बनने के जोखिम कारक
• मोटापा या पेट की चर्बी
• अधिक वसा और कार्बोहाइड्रेट वाला भोजन
• बहुत जल्दी वजन कम करना
• गर्भावस्था
• मधुमेह
• फैटी लिवर
• कम शारीरिक गतिविधि
• 40 वर्ष से अधिक उम्र
• परिवार में पहले से पथरी का इतिहास
• लंबे समय तक उपवास करना
• पित्ताशय के संक्रमण
Indian Council of Medical Research की रिपोर्टों के अनुसार भारतीय महिलाओं में मोटापा, गर्भावस्था और हार्मोनल बदलाव इसकी प्रमुख वजहें हैं।
गॉलस्टोन्स कैसे पहचानें – निदान की पद्धतियाँ
पथरी का निदान आमतौर पर सरल होता है:
- पेट का अल्ट्रासाउंड
सबसे आसान और विश्वसनीय तरीका। पथरी का आकार, संख्या और स्थिति इसमें स्पष्ट दिखाई देती है। - लिवर फ़ंक्शन टेस्ट
यदि पथरी पित्त नलिका को रोक रही हो तो बिलीरुबिन और लिवर एन्ज़ाइम बढ़ जाते हैं। - HIDA स्कैन
पित्ताशय की कार्यक्षमता जांचने के लिए। - MRCP
पित्त नलिका में फंसी पथरी को देखने के लिए। - ERCP
यह जांच और उपचार दोनों के लिए उपयोगी है—पित्त नलिका से पथरी हटाई जा सकती है।
गॉलस्टोन्स का इलाज – कौन-सा उपचार सही है?
इलाज पथरी के प्रकार, आकार और लक्षणों पर निर्भर करता है।
- दवा से पथरी घोलना
कुछ कोलेस्ट्रॉल स्टोन्स को बाइल एसिड दवाओं से धीरे-धीरे घोला जा सकता है।
लेकिन यह तरीका हर मरीज पर प्रभावी नहीं होता और इसमें कई महीने लग सकते हैं। - ERCP
अगर पथरी पित्त नलिका में फंसी है तो एंडोस्कोपी से उसे निकाला जा सकता है। - लेप्रोस्कोपिक चोलेसिस्टेक्टॉमी (Gallbladder Removal)
गॉलस्टोन्स का सबसे स्थायी और सबसे ज्यादा अपनाया जाने वाला उपचार।
यह छोटा ऑपरेशन है, 24–48 घंटे में मरीज सामान्य गतिविधियों में लौट सकता है।
पित्ताशय हटाने के बाद भी व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकता है—क्योंकि पित्त लीवर से सीधे आंत में जाता है। - ओपन सर्जरी
दुर्लभ मामलों में जहां संक्रमण, बहुत बड़ी पथरी या अन्य जटिलता हो, वहां यह विकल्प अपनाया जाता है।
जटिलताएँ – किन समस्याओं में बदल सकती है पथरी
• पित्त नलिका अवरोध
• पीलिया
• पैंक्रियाटाइटिस
• पित्ताशय का संक्रमण
• सेप्सिस
• पित्ताशय फटना (बहुत दुर्लभ)
World Health Organization के अनुसार पित्त नलिका में फंसी पथरी से पैंक्रियाटाइटिस का खतरा सबसे गंभीर माना जाता है।
पित्ताशय की पथरी से बचाव कैसे करें – जीवनशैली और खान-पान
- नियमित व्यायाम
- वजन को नियंत्रित रखें
- फाइबर युक्त भोजन
- वसायुक्त और तली चीजों में कमी
- पर्याप्त पानी
- लंबे उपवास से बचें
- छोटी-छोटी मात्रा में भोजन
- धूम्रपान और शराब कम करें
- तनाव कम रखें
- प्रेग्नेंसी में अतिरिक्त सावधानी
भारत में बढ़ रही गॉलस्टोन्स की समस्या—कारण
• फास्ट फूड का बढ़ता सेवन
• वर्क-फ्रॉम-होम से शारीरिक गतिविधि में कमी
• मोटापा
• महिलाओं में हार्मोनल कारण
• ऑफिस जाने वालों में अनियमित भोजन
• डायबिटीज़ और फैटी लिवर का बढ़ना
क्या पित्ताशय हटाने के बाद जीवन में बदलाव आता है?
बहुत मामूली।
कुछ लोगों में शुरुआती सप्ताहों तक हल्का दस्त या गैस की समस्या होती है, लेकिन शरीर कुछ ही समय में अनुकूल हो जाता है।
लंबे समय में व्यक्ति सामान्य आहार ले सकता है।
FAQs
प्रश्न 1: क्या हर गॉलस्टोन के लिए सर्जरी जरूरी होती है?
उत्तर: नहीं। अगर पथरी बिना लक्षण की है और जटिलता का खतरा नहीं है तो डॉक्टर केवल निगरानी की सलाह दे सकते हैं।
प्रश्न 2: क्या पथरी दवाओं से पूरी तरह घुल सकती है?
उत्तर: केवल कुछ छोटे कोलेस्ट्रॉल स्टोन्स दवा से घुल सकते हैं, वह भी सीमित मामलों में।
प्रश्न 3: क्या पथरी दोबारा बन सकती है?
उत्तर: यदि पित्ताशय मौजूद है तो पथरी दोबारा बन सकती है। पित्ताशय हटाने के बाद ऐसा जोखिम लगभग समाप्त हो जाता है।
प्रश्न 4: क्या घरेलू नुस्खों से पथरी हट सकती है?
उत्तर: नहीं। घरेलू उपाय केवल लक्षण कम कर सकते हैं, लेकिन पथरी नहीं हटाते।
प्रश्न 5: क्या गॉलस्टोन होने पर सामान्य जीवन जी सकते हैं?
उत्तर: हां, यदि समस्या नियंत्रण में हो और सही उपचार हो।
प्रश्न 6: कौन-सी स्थिति में तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए?
उत्तर: तेज दर्द, बुखार, पीलिया, उल्टी, सांस लेने में कठिनाई या अचानक कमजोरी महसूस होने पर।
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