डेवलपमेंटल डिसप्लेसिया ऑफ द Hip क्या है? शिशु के हिप जोड़ की असामान्यता के कारण, लक्षण और निदान पर विशेषज्ञों की सलाह पढ़ें।
डेवलपमेंटल डिसप्लेसिया ऑफ द Hip
शिशु के Hip जोड़ की विकास संबंधी समस्या
डेवलपमेंटल डिसप्लेसिया ऑफ द Hip (DDH) क्या है?
यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें शिशु के हिप जोड़ की संरचना पूरी तरह से नहीं बन पाती। इसमें हिप ज्वाइंट के एसीटाबुलम (हिप सॉकेट) एवं फीमुर हेड (टांग की हड्डी का सिरा) सही ढंग से विकसित नहीं होते, जिससे हिप में अस्थिरता या विकृति हो सकती है।
जोखिम कारक
- यह स्थिति लड़कियों में अधिक पाई जाती है।
- प्रथम संतान में ज्यादा होती है।
- गर्भाशय में असामान्य शिशु की स्थिति जैसे ब्रिच पोजीशन इसका कारण बढ़ाती है।
- तंग स्वैडलिंग और हार्मोनल प्रभाव भी इसमें योगदान देते हैं।
छोटे बच्चों में लक्षण
- हिप मूवमेंट में कमी खासकर हिप की स्कंध से दूर जाने की सीमा।
- जांघ के मोड़ों में असमानता।
- अंग की लंबाई में भेद।
बड़े बच्चों में क्लिनिकल लक्षण
- विशिष्ट चलने का तरीका (Trendelenburg gait)।
- पैल्विक टिल्ट या कमर में अत्यधिक मुड़ाव।
- लिम्ब लम्बाई में असमानता।
जांच और निदान
- जन्मजात परीक्षण में Barlow और Ortolani टेस्ट मुख्य हैं।
- छह महीने से कम उम्र में अल्ट्रासाउंड द्वारा अधिक सूक्ष्म जांच होती है।
- छह माह के बाद एक्स-रे जांच।
उपचार
- जल्दी पहचान पर नवजात को हिप हर्नेस द्वारा ठीक किया जाता है।
- नियमित निगरानी आवश्यक होती है ताकि Femoral nerve palsy या Avascular necrosis जैसी जटिलताओं से बचा जा सके।
- अगर देर से पता चले तो सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है।
FAQs
- DDH का जोखिम कौन से बच्चों में अधिक होता है?
- महिला बच्चे, प्रथम संतान, और ब्रिच पोजीशन वाले गर्भ में अधिक।
- क्या DDH हमेशा जन्मजात होती है?
- हाँ, विकास के दौरान हिप में असामान्यता के कारण होती है।
- जांच कब और कैसे हो?
- जन्म के तुरंत बाद Barlow और Ortolani टेस्ट; 6 माह से पहले अल्ट्रासाउंड।
- इलाज प्रभावी है?
- जल्दी इलाज से पूर्ण सुधार संभव है।
- निदान में देरी के खतरे क्या हैं?
- चलने में समस्या, दर्द, बढ़ी हुई जकड़न और गठिया हो सकता है।
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