BCCI 22 दिसंबर 2025 की AGM में Virat Kohli और Rohit Sharma के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट घटाने और सिर्फ ODI खेलने की वजह से उनकी सैलरी स्लैब बदलने पर विचार करेगा। Shubman Gill को Ravindra Jadeja और Jasprit Bumrah के साथ A+ कैटेगरी में प्रमोशन, Umpires–Referees की पे रिविज़न और नई BCCI लीडरशिप के फैसलों की पूरी इनसाइड स्टोरी जानिए।
BCCI के नए कॉन्ट्रैक्ट फैसले से क्यों हिल जाएगी टीम इंडिया की पावर इकॉनमी
भारत में क्रिकेट सिर्फ खेल नहीं, इमोशन और बड़े पैसे वाला इकोसिस्टम भी है। यही वजह है कि BCCI के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट में किसी भी बदलाव की खबर सीधे फैंस की नब्ज़ पर असर डालती है। अब रिपोर्ट्स आ रही हैं कि बोर्ड 22 दिसंबर को होने वाली 31वीं AGM में Virat Kohli और Rohit Sharma की सैलरी यानी कॉन्ट्रैक्ट कैटेगरी घटाने पर विचार कर सकता है, क्योंकि दोनों अब सिर्फ ODI क्रिकेट खेल रहे हैं – टेस्ट और T20I से रिटायर हो चुके हैं। दूसरी तरफ भारत के नए टेस्ट और ODI कप्तान Shubman Gill को Ravindra Jadeja और Jasprit Bumrah के साथ A+ ग्रेड में प्रमोट करने पर चर्चा होगी, जो कई मायनों में जेनरेशन शिफ्ट का इशारा है।
यह AGM सिर्फ स्टार प्लेयर्स की सैलरी तक सीमित नहीं रहेगी – यहां घरेलू महिला क्रिकेटर्स के कॉन्ट्रैक्ट, अंपायर्स और मैच रेफरीज़ की पे रिविज़न और BCCI की डिजिटल प्रॉपर्टीज पर भी बड़े फैसले होने की उम्मीद है। साथ ही यह नई BCCI लीडरशिप का पहला बड़ा पॉलिसी सेशन होगा, जिसमें Mithun Manhas बतौर नए बोर्ड प्रेसिडेंट, Raghuram Bhatt बतौर ट्रेज़रर और Devajit Saikia व Prabhtej Singh Bhatia बतौर सेक्रेटरी–जॉइंट सेक्रेटरी अपनी प्राथमिकताएं साफ करेंगे।
Virat–Rohit की सैलरी कट की चर्चा क्यों? सिर्फ ODI खेलने की असली कीमत
सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट का बेसिक लॉजिक होता है – जो खिलाड़ी तीनों फॉर्मेट (या कम से कम दो मेजर फॉर्मेट) में लगातार टीम इंडिया के लिए उपलब्ध और परफॉर्म कर रहे हों, उन्हें टॉप कैटेगरी में रखा जाए। Virat Kohli और Rohit Sharma लंबे समय तक A+ कैटेगरी के फेस रहे हैं, लेकिन पिछले एक साल में दोनों ने टेस्ट और T20I से संन्यास लेकर खुद को सिर्फ ODI तक सीमित कर लिया।
ऐसे में BCCI के सामने एक प्रैक्टिकल सवाल खड़ा होता है – क्या वही टॉप फिक्स्ड रिटेनर उन खिलाड़ियों को मिले जो तीनों फॉर्मेट में देश के लिए workload उठा रहे हैं, और उन खिलाड़ियों को भी जो अब सिर्फ एक फॉर्मेट खेल रहे हैं? रिपोर्ट्स बताती हैं कि इसी कॉन्टेक्स्ट में AGM में उनके कॉन्ट्रैक्ट स्लैब को नीचे लाने पर चर्चा होगी, हालांकि यह रिस्पेक्ट या legacy कम करने का नहीं, बल्कि workload–based रिविज़न का मामला है।
फैंस के लिए यह भावनात्मक मुद्दा जरूर बन सकता है, क्योंकि Virat–Rohit जैसे नाम सिर्फ run–machines नहीं, brand–pillars भी हैं। लेकिन BCCI अपनी तरफ से यह मेसेज भी दे सकता है कि सिस्टम फॉर्मेट–contribution और availability पर बेस्ड होना चाहिए, ताकि युवा प्लेयर्स को भी clear signal मिले कि तीनों फॉर्मेट में मेहनत करने से क्या reward मिल सकता है।
Shubman Gill का A+ प्रमोशन: नई जेनरेशन का ताजपोशी मोमेंट
दूसरी तरफ picture का और side यह है कि Shubman Gill अब भारत के टेस्ट और ODI कप्तान हैं, और workload के लिहाज से वह Virat–Rohit की जगह core में आ गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक Gill को A+ कैटेगरी में डालने पर चर्चा होगी, जहां पहले से Ravindra Jadeja और Jasprit Bumrah जैसे senior match–winners मौजूद हैं।
यह कदम दो लेवल पर important है:
- cricketing logic: नए ऑल–फॉर्मेट/ड्यूल–फॉर्मेट लीडर को highest bracket में रखना, ताकि responsibility और reward align रहें।
- symbolic value: यह साफ मैसेज कि Indian cricket अब अगले 5–7 साल के लिए Gill–centric रोडमैप पर है, जैसे कभी Dhoni और फिर Kohli के टाइम पर था।
Ravindra Jadeja पिछले टेस्ट असाइन्मेंट में उप–कप्तान भी बने थे, और Jasprit Bumrah भारत के pace attack का spine हैं – इन दोनों के साथ Gill को A+ में रखना एक balanced leadership core बना सकता है, जिसमें batting, all–round skills और fast bowling तीनों स्टंभ हैं।
महिला क्रिकेट और domestic contracts: BCCI का अगला बड़ा फोकस
AGM एजेंडा में सिर्फ men’s central contracts नहीं, बल्कि महिला क्रिकेटर्स के domestic कॉन्ट्रैक्ट और payments पर भी चर्चा होगी। WPL लॉन्च के बाद से महिला क्रिकेट की visibility बढ़ी है, लेकिन domestic लेवल पर match fees और retainers में gap अभी भी चर्चा का विषय है।
अगर बोर्ड यहां कोई ठोस increment या graded–structure लाता है, तो यह women’s cricket के लिए वही मोमेंट हो सकता है जैसा कुछ साल पहले men’s central contracts के लिए A+ bracket ने बनाया था। इससे emerging players के लिए cricket को full–time career मानने का confidence बढ़ेगा।
Umpires और Match Referees की फीस रिविज़न: अनदेखे हीरो को recognition
AGM में umpires और match referees के payments पर रिविज़न भी key पॉइंट है। Domestic और कुछ international assignments में officiating करने वाले officials अक्सर खिलाड़ियों की तरह spotlight में नहीं होते, लेकिन उनकी earning और workload का pressure कम नहीं है।
पे–revision का मतलब यह हो सकता है कि:
- elite panel umpires की per–match fee बढ़े,
- junior level और women’s cricket officiating के भी slabs revised हों,
- match referees के travel/stay norms और allowances में सुधार आए।
यह कदम long–term में officiating को एक attractive professional path बना सकता है, जिससे बेहतर टैलेंट इस field में आ सके – जो ultimately खेल की क्वालिटी पर positive असर डालेगा।
BCCI की नई लीडरशिप: Mithun Manhas युग की पहली AGM
यह 31वीं AGM BCCI के लिए symbolic भी है, क्योंकि हाल ही में बोर्ड की leadership में बदलाव हुए हैं। Mithun Manhas अब बोर्ड के president हैं, जबकि Raghuram Bhatt treasurer, Devajit Saikia secretary और Prabhtej Singh Bhatia joint secretary बने हैं। Saurashtra Cricket Association के president Jaydev Shah भी councillor के तौर पर बोर्ड में आए हैं।
नई टीम के पहले बड़े फैसलों में अगर Virat–Rohit contract cuts और Gill–Jadeja–Bumrah promotions जैसे कदम शामिल होंगे, तो यह साफ मैसेज जाएगा कि यह नेतृत्व tough और structure–driven changes से पीछे नहीं हटेगा। साथ ही digital properties update जैसे points से यह भी अंदाज़ा लगेगा कि BCCI अपने streaming, content और data–assets को किस दिशा में ले जाना चाहता है।
फैंस और प्लेयर्स के लिए इसका मतलब क्या है?
फैंस के लिए immediate असर भावनात्मक होगा – अपने heroes की सैलरी कट की खबर सुनना आसान नहीं, खासकर जब वे अब भी ODI में टीम के लिए key roles निभा रहे हों। लेकिन अगर इसे workload–linked rationalisation के तौर पर communicate किया जाएगा, तो शायद लोग इसे “natural transition” की तरह accept करें।
खिलाड़ियों के नज़रिए से यह साफ संकेत है कि:
- multi–format availability सिस्टम में सबसे ज्यादा value रखती रहेगी,
- leadership roles और consistent performance आपको top–tier में रखेंगे,
- और career के आखिरी phase में formats कम करने का फैसला financial terms पर भी असर डालेगा।
संक्षिप्त टेबल: कौन कहां और क्यों? (अनुमानित चित्र)
(ध्यान: ऊपर की कैटेगरीज़ publicly exact numbers नहीं, report–based structure understanding हैं, न कि official list)
आगे क्या देखना चाहिए?
22 दिसंबर की AGM के बाद official central contracts list आएगी, जिसमें exact categories, retainers और शायद नया grading logic साफ नज़र आएगा। यह भी देखना दिलचस्प होगा कि women’s domestic structure और umpires/referees के लिए board कितनी aggressive increment देता है – क्योंकि वहीं से पता चलेगा कि नई leadership सिर्फ headline names पर focus कर रही है या पूरे ecosystem की financial health पर भी equally ध्यान दे रही है।
FAQs
- Virat Kohli और Rohit Sharma की salary क्यों घट सकती है?
क्योंकि दोनों अब Test और T20I से रिटायर होकर सिर्फ ODI क्रिकेट खेल रहे हैं, और BCCI workload–based central contracts को rationalise करना चाहता है ताकि multi–format players को टॉप bracket में priority दी जा सके। - Shubman Gill को A+ category में क्यों promote किया जा सकता है?
Gill अभी भारत के Test और ODI captain हैं, यानी वो दो formats में long–term leadership और workload संभाल रहे हैं, इसलिए reports के अनुसार उन्हें Ravindra Jadeja और Jasprit Bumrah के साथ A+ में शामिल करने की चर्चा है। - AGM में और कौन–कौन से मुद्दों पर फैसला होगा?
महिला क्रिकेटर्स के domestic contracts, umpires और match referees की payments revision, और BCCI के digital properties (जैसे apps, content, rights) पर updates भी agenda में शामिल हैं। - BCCI की नई leadership में कौन–कौन हैं और यह पहली AGM क्यों महत्वपूर्ण है?
Mithun Manhas बोर्ड के नए president, Raghuram Bhatt treasurer, Devajit Saikia secretary और Prabhtej Singh Bhatia joint secretary हैं, और यह बदलावों के बाद apex council की पहली AGM है, जहां उनके policy priorities practically दिखेंगी। - fans और young players के लिए इस contract reshuffle से क्या message जाता है?
fans के लिए यह transition का संकेत है कि era धीरे–धीरे Gill–Jadeja–Bumrah जैसे core की तरफ move कर रहा है; young players के लिए यह साफ message है कि multi–format consistency और leadership roles central contract में सबसे बड़ा financial और symbolic reward लाते हैं।
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