राजनाथ सिंह बोले – नेहरू बाबरी मस्जिद पर पब्लिक फंड चाहते थे, पटेल ने रोका। सोमनाथ-राम मंदिर दान से बने। पटेल को भारत रत्न न मिलने पर सवाल। एकता मार्च में खुलासे।
सोमनाथ मंदिर दान से बना, राम मंदिर भी – नेहरू-पटेल विवाद का सच क्या?
राजनाथ सिंह का नेहरू-पटेल पर हमला: बाबरी मस्जिद पर सरकारी पैसा, पटेल ने क्यों रोका?
दोस्तों, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुजरात के वडोदरा के पास साधली गांव में सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर एकता मार्च के दौरान बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू बाबरी मस्जिद बनवाने के लिए पब्लिक फंड्स यूज करना चाहते थे, लेकिन पटेल ने इसे रोक दिया। ये बातें सुनकर लोग हैरान रह गए। सिंह ने नेहरू की कई पॉलिसीज पर सवाल उठाए और पटेल को असली धर्मनिरपेक्षता का प्रतीक बताया। आइए इस स्पीच की पूरी डिटेल समझें।
ये एकता मार्च 26 नवंबर को करमसद (पटेल का जन्मस्थान) से शुरू हुआ और 6 दिसंबर को स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर खत्म होगा। गुजरात सरकार का आयोजन। सिंह ने कहा – नेहरू ने पटेल के लिए जनता से चंदे इकट्ठे किए स्मारक के लिए, लेकिन वो पैसा कुओं-रास्तों पर लगाने को कहते थे। ये बेतुकी बात थी, क्योंकि ये सरकार का काम है। सोमनाथ मंदिर तो पूरी तरह दान से बना – सरकार का एक पैसा भी न लगा। राम मंदिर अयोध्या में भी वैसा ही। यही असली सेकुलरिज्म है।
बाबरी मस्जिद फंडिंग का विवाद: पटेल vs नेहरू
राजनाथ ने साफ कहा – नेहरू बाबरी मस्जिद पब्लिक मनी से बनवाना चाहते थे। पटेल ने विरोध किया क्योंकि धार्मिक ढांचे पर टैक्सपेयर्स का पैसा नहीं लगना चाहिए। ये 1949-50 के आसपास का मामला। इतिहासकार बताते हैं कि अयोध्या विवाद तब से चला आ रहा। पटेल होम मिनिस्टर थे, नेहरू पीएम। आखिरकार सरकारी फंड न लगा। बाद में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राम मंदिर बना।
यहां एक टेबल से समझें मुख्य अंतर:
| मुद्दा | नेहरू का प्रस्ताव | पटेल का स्टैंड |
|---|---|---|
| बाबरी मस्जिद फंडिंग | पब्लिक मनी यूज | विरोध, धार्मिक पर सरकारी पैसा न |
| पटेल स्मारक चंदा | कुओं-रास्तों पर लगाओ | स्मारक ही बनाओ |
| सोमनाथ मंदिर | – | दान से बनवाया, सरकार न पैसा |
| राम मंदिर अयोध्या | – | (वर्तमान संदर्भ) दान से |
सोर्स: राजनाथ सिंह स्पीच, ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स।
पटेल को भारत रत्न क्यों न मिला? 1946 का त्याग
सिंह ने पूछा – नेहरूजी ने खुद को भारत रत्न दिया, लेकिन पटेल को क्यों नहीं? 1955 में नेहरू को मिला, पटेल को मरणोपरांत 1991 में। 1946 में कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव – पटेल सबसे आगे थे, लेकिन गांधीजी के कहने पर नाम वापस ले लिया। नेहरू पीएम बने। सिंह बोले – पटेल पावर के पीछे न भागे। कुछ राजनीतिक ताकतें पटेल की महानता कम करने की कोशिश करती रहीं। मोदी ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से पटेल को फिर चमकाया।
5 FAQs
- राजनाथ ने नेहरू पर क्या आरोप लगाया?
बाबरी मस्जिद पर पब्लिक फंड्स यूज का प्रस्ताव। - पटेल ने क्या रोका?
सरकारी पैसा धार्मिक ढांचे पर लगने से। - सोमनाथ मंदिर कैसे बना?
पूरी तरह दान से, सरकार का पैसा न। - पटेल को भारत रत्न कब मिला?
मरणोपरांत 1991 में। - एकता मार्च कब तक?
26 नवंबर से 6 दिसंबर तक, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर समापन।
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