PFRDA के नए बॉन्ड वैल्यूएशन नियमों का पेंशन फंड्स विरोध: HTM बेसिस से NAV गिरा, रिटर्न प्रभावित। 175 अरब डॉलर इंडस्ट्री पर खतरा।
पेंशन फंड्स में हंगामा: नई बॉन्ड वैल्यूएशन नियमों से 175 अरब डॉलर इंडस्ट्री क्यों डर रही?
भारत की 175 अरब डॉलर पेंशन इंडस्ट्री में भूचाल: PFRDA के नए बॉन्ड नियमों पर फंड्स ने ठोक दिया ब्रेक
दोस्तों, पेंशन का पैसा जो करोड़ों लोगों का भविष्य संभालता है, उसमें बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। PFRDA ने हाल ही में प्रस्ताव रखा कि पेंशन फंड्स अपने बॉन्ड होल्डिंग्स का कम से कम कुछ हिस्सा ‘हेल्ड-टू-मैच्योरिटी’ (HTM) बेसिस पर वैल्यू करें, बाकी मार्केट प्राइस पर। लेकिन NPS, EPFO जैसे बड़े फंड्स चिल्ला रहे – ये रिटर्न मार डालेगा! 175 अरब डॉलर (14.7 लाख करोड़ रुपये) की इंडस्ट्री पर खतरा मंडरा रहा। क्यों हो रहा विरोध? क्या होगा असर? सरल शब्दों में समझते हैं।
PFRDA का तर्क – बॉन्ड मार्केट वोलेटाइल है। RBI के रेट चेंज से प्राइस ऊपर-नीचे। मार्केट वैल्यू पर NAV रोज गिरता-चढ़ता, सब्सक्राइबर्स घबराते। HTM पर बॉन्ड को खरीद प्राइस पर ही रखो, मैच्योरिटी तक स्टेबल। लेकिन फंड मैनेजर्स कहते – ये रियल वैल्यू छिपाएगा। अगर रेट्स गिरे तो मार्केट प्राइस बढ़ेगा, लेकिन HTM पर वो फायदा नहीं दिखेगा। NPS में 8 करोड़ सब्सक्राइबर्स, AUM 12 लाख करोड़ पार।
नए नियम क्या हैं और क्यों विवाद? सरल ब्रेकडाउन
PFRDA का ड्राफ्ट: 40-60% बॉन्ड HTM, बाकी मार्केट। EPFO, GPF पहले से HTM यूज करते। लेकिन NPS प्राइवेट फंड्स (HDFC, SBI Pension) मार्केट पर। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा – ट्रांजिशन पीरियड दो। लेकिन फंड्स बोले – ये रिटर्न कम करेगा। 2023-24 में NPS इक्विटी 25% रिटर्न, लेकिन बॉन्ड वोलेटाइल।
फंड्स का विरोध: कौन बोल रहा क्या?
HDFC Pension CEO: “HTM रियल मार्केट रिस्क छिपाएगा।” SBI Pension: “सब्सक्राइबर कॉन्फिडेंस गिरेगा।” AMFI ने PFRDA से मीटिंग मांगी। गवर्नमेंट कर्मी यूनियन्स अलर्ट। लेकिन PFRDA अड़ा – स्टेबिलिटी जरूरी। RBI सपोर्ट।
सब्सक्राइबर्स पर असर: आपका पैसा सुरक्षित?
मान लो 10 साल NPS में 5 लाख डाले। मार्केट वैल्यू पर अगर बॉन्ड प्राइस 10% गिरा तो NAV डाउन। HTM पर स्टेबल लेकिन मैच्योरिटी पर ही रियलाइज। लॉन्ग टर्म (20+ साल) में फर्क कम। टिप: डाइवर्सिफाई – 50% इक्विटी। PFRDA ऐप से चेक करें।
5 FAQs
- PFRDA का नया नियम क्या?
बॉन्ड्स का 40-60% HTM वैल्यू, बाकी मार्केट प्राइस। - HTM क्या होता है?
खरीद प्राइस पर रखना मैच्योरिटी तक, मार्केट उतार-चढ़ाव इग्नोर। - NPS रिटर्न पर असर?
शॉर्ट टर्म NAV स्टेबल, लेकिन गेन मिस अगर प्राइस बढ़े। - कौन प्रभावित?
NPS, EPFO सब्सक्राइबर्स, प्राइवेट फंड्स। - क्या करें निवेशक?
डाइवर्सिफाई, लॉन्ग टर्म होल्ड, PFRDA अपडेट फॉलो।
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