इस सतरंगी गहने में दमकती जाह्नवी के सौंदर्य के बखान में महाकवि रत्नाकर की पंक्तियों को भी मानोंं आइना दिखाया। त्रिपुर राक्षस वध के उत्सव यानी काशी के अनूठे जलोत्सव देव दीपावली महोत्सव पर भोले बाबा की नगरी में शुक्रवार शाम गंगा ने कुछ ऐसे ही पहना सतरंगी गहना। इसकी छटा निरखने इस बार घाट पर सीएम समेत सरकार तो उतरी ही हर बार की तरह देश-दुनिया से जुटी हजारों-लाखों की भीड़ जिसे न गिन पाना संभव, न आकलन कर पाना ही आसान रहा। इंद्रधनुष से बिखरने वाले चटख रंगों में तन-मन भिगोने को आतुर मेहमानों ने उत्तर वाहिनी गंगा के गले में चंद्रहार की तरह सजे घाटों से लगायत जलधार पर चमकते सितारों को खुली आंखों से दीपमाला की तरह उतरते-बिखरते व निखरते देखा।

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