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भारत रूस के बीच आया अमेरिका रशिया से मोदी का अमेरिका को संदेश

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पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन की मुलाकान पर पश्चिमी देश नजर गाड़े बैठे थे, अमेरिका बीते कुछ सालों में भारत के करीब आया है तो रशिया से भारत के संबंध बहुत पहले से गहरे हैं. अब अमेरिका चाहता है कि भारत उसकी बात रूस तक पहुंचाए, भारत पुतिन को मनाएं की वो यूक्रेन के साथ युद्ध विराम करें और इसके लिए अमेरिका के वाइट हाउस से एक बयान आया है. अमेरिका का कहना है कि रूस के साथ भारत के संबंध अच्छी स्थिति में है जिसका भारत को फायदा उठाना चाहिए. अमेरिका ने कहा है कि भारत चाहे तो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से यूक्रेन में संघर्ष खत्म करने के लिए कह सकता है. यह बयान उस वक्त आया है जब पीएम मोदी ने पुतिन से मुलाकात के दौरान इस बात पर जोर दिया कि यूक्रेन युद्ध का समाधान बातचीत में है, युद्ध के मैदान में नहीं.

एक प्रेस ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए, व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव करिन ने भारत को अमेरिका का रणनीतिक साझेदार कहा है. जब उनसे पुतिन के साथ पीएम मोदी की बैठक के बारे में पूछा गया तो करिन ने कहा, “भारत एक रणनीतिक साझेदार है जिसके साथ हम पूर्ण और स्पष्ट बातचीत करते हैं, जिसमें रूस के साथ उनके संबंध भी शामिल हैं और हमने इस बारे में पहले भी बात की है. इसलिए हमें लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि भारत सहित सभी देश यूक्रेन के मामले में शांति स्थापित करने की कोशिशों का समर्थन करें.”

अमेरिका का कहना है कि “हम यह भी मानते हैं कि रूस के साथ भारत के अच्छे संबंध है, ऐसे में भारत को राष्ट्रपति पुतिन बात करके युद्ध विराम करवाना चाहिए.

वाइट हाऊस ने यह बयान तब दिया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्रपति पुतिन के साथ अपनी द्विपक्षीय वार्ता के दौरान युद्ध के दौरान बच्चों की हत्या का मुद्दा उठाया था. प्रधानमंत्री ने कहा है कि मानवता में विश्वास रखने वाला हर व्यक्ति तब दुखी होता है जब जान जाती है. यह बयान हाल ही में कीव में बच्चों के अस्पताल पर मिसाइल हमले के बाद आया है, जिसमें 37 बच्चे मारे गए थे. बैठक के दौरान पीएम मोदी ने कहा, “चाहे युद्ध हो, संघर्ष हो, आतंकी हमले हों – मानवता में विश्वास रखने वाले हर व्यक्ति को जान जाने पर दुख होता है. हालांकि प्रधानमंत्री मोदी पुतिन के साथ बातचीत में शांति के मुद्दे को उठा रहे हैं, लेकिन अमेरिका चाहता है कि दुनिया को लगे की भारत ने ये पहल अमेरिका के कहने पर की है. आपको बताते दें कि इससे पहले भई भारत रूस से शांति का रास्ता अपनाने के लिए कह चुका है.

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