पाकिस्तान के सेना प्रमुख असिम मुनीर ने गाजा शांति मिशन के लिए इज़राइल से 10,000 डॉलर प्रति सैनिक मांगे, जो पत्रकार के खुलासे से खुलासा हुआ है। इस विवाद ने पाकिस्तान की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा कर दिया है।
पाकिस्तान का झूठा सद्भाव: पत्रकार ने बताया, सेना प्रमुख ने पैसे लेकर भेजने की योजना बनाई
पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार असमा शरीजीसी ने एक नए सनसनीखेज खुलासे में दावा किया है कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख, जनरल असिम मुनीर ने गाजा शांति मिशन के नाम पर इजराइल से भारी धनराशि की मांग की है। उन्होंने कहा कि मुनीर ने कहा कि हर सैनिक के लिए 10,000 डॉलर की मांग की गई थी, लेकिन इजराइल ने केवल 100 डॉलर प्रति सैनिक देने का प्रस्ताव रखा था।
यह खुलासा पाकिस्तान की सैन्य प्रतिष्ठान की विश्वसनीयता पर बड़ा प्रश्न चिह्न लगा रहा है। शरीजीसी का दावा है कि इस विवाद का मकसद पाकिस्तान की तिलमिलाती अंतरराष्ट्रीय छवि को सुधारना था, लेकिन यह आरोप उसके टैरिफ और विदेशी फंडिंग पर सवाल खड़ा कर रहे हैं।
इसी विवाद के बीच, रिपोर्ट्स हैं कि पाकिस्तान के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और नेता रेलवे, स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में भी विदेशी फंडिंग के प्रयास कर रहे हैं, जो उनके आत्मनिर्भरता के दावे को कम कर रहे हैं। इस सबके बीच, पाकिस्तान की ‘वैश्विक सद्भावना’ योजना फिसड्डी साबित हो रही है।
इस खुलासे का असर पाकिस्तान की सरकार और सेना के हाइमैन पर भी पड़ा है, साथ ही भारत जैसे पड़ोसी देशों के बीच सुरक्षा और विश्वास का माहौल और कमजोर हो सकता है। कोशिशें हो रही हैं कि इस विवाद से पाकिस्तानी सरकार के अंदरूनी संघर्ष और फंडिंग की स्थिति का पर्दाफाश हो सके।
FAQs
- असमा शरीजीसी ने क्या खुलासा किया?
कि सेना प्रमुख ने इजराइल से 10,000 डॉलर प्रति सैनिक की मांग की थी। - इज़राइल ने कितना ऑफर दिया?
मात्र 100 डॉलर प्रति सैनिक। - इस विवाद से पाकिस्तान की छवि पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
यह राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की विश्वसनीयता को कमजोर करेगा। - पाकिस्तान की सरकार ने इस पर क्या प्रतिक्रिया दी?
अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन यह विवाद राजनीतिक माहौल को गर्मा सकता है। - यह खुलासा कहाँ प्रकाशित हुआ?
मनीकंट्रोल की विदेशी रिपोर्ट में।
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