लाल किला धमाके की जांच के तहत ईडी ने अल फलाह यूनिवर्सिटी और उसके प्रमोटरों के ठिकानों पर पीएमएलए नियमों के तहत छापेमारी की है। जांच में वित्तीय अनियमितताओं और आतंक वित्तपोषण का पता लगाया जा रहा है।
लाल किला ब्लास्ट केस में ED ने अल फलाह यूनिवर्सिटी पर छापा, आतंक वित्तपोषण जांच में प्रोमोटर जांच के दायरे में
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और दिल्ली पुलिस के एफआईआर के आधार पर, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने लाल किला क्षेत्र में आतंकी धमाके की जांच के दौरान मंगलवार सुबह अल फलाह यूनिवर्सिटी और इसके प्रमोटरों तथा उनके ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई मनी लॉण्डरिंग विरोधी कानून (PMLA) के अंतर्गत की गई है।
ED की टीमों ने दिल्ली-एनसीआर में कई स्थानों पर सुबह 5 बजे से छापे शुरू किए। विशेष तौर पर अल फलाह यूनिवर्सिटी के ट्रस्टीज को भी जांच के दायरे में रखा गया है। यूनिवर्सिटी हरियाणा के फरीदाबाद के धौज इलाके में स्थित है, जहां मेडिकल कॉलेज और अस्पताल भी संचालित है।
जांच का फोकस वित्तीय असामान्यताओं और संभावित आतंक वित्तपोषण पर है, जो लाल किला धमाके से संबंधित मामले में सामने आ रही हैं। अब तक NIA ने संदिग्ध आत्मघाती हमलावर डॉ. उमर नबी के दो करीबी सहयोगियों को गिरफ्तार किया है।
यह छापेमारी आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ सुरक्षा एजेंसियों की मजबूत कार्रवाई का उदाहरण है, जो शिक्षा संस्थानों के माध्यम से हो सकने वाली संदिग्ध गतिविधियों की जांच कर रही हैं।
ED की यह कार्रवाई भारत में आतंकवाद के खिलाफ कानूनी सख्ती और वित्तीय जांच को जारी रखने की प्रतिबद्धता दिखाती है, जिससे कानूनी और सुरक्षा तंत्र मजबूत होता है।
FAQs
- ED ने किस मामले में अल फलाह यूनिवर्सिटी पर छापा मारा?
लाल किला धमाके में आतंक वित्तपोषण की जांच में। - कौन-कौन थे गिरफ्तार?
डॉ. उमर नबी के दो करीबी सहयोगी। - छापेमारी कहां-कहां हुई?
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में कई स्थानों पर, विशेषकर अल फलाह यूनिवर्सिटी और इसके प्रमोटरों के ठिकानों पर। - जांच का फोकस क्या है?
वित्तीय अनियमितताओं और आतंक वित्तपोषण पर। - रेड फोर्ट धमाके के आरोपी कौन हैं?
डॉ. उमर नबी मुख्य आरोपी हैं।
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