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क्यों हर जगह बच्चे चिल्ला रहे हैं ‘6‑7’? ये Viral Meme असल में क्या है?

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6‑7 viral meme
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‘6‑7’ मीम क्या है, कैसे TikTok और YouTube से बच्चों की क्लासरूम तक पहुंचा और क्यों Gen Alpha के लिए यह बेकार‑सा नंबर भी अंदर की भाषा बन गया।

‘6‑7’ Viral Meme: बच्चों का फेवरेट इनसाइड जोक, बड़े क्यों नहीं समझ पा रहे?

अगर आपके घर में कोई स्कूल‑गोइंग बच्चा है, या आप थोड़ा भी TikTok, YouTube Shorts, इंस्टाग्राम रील्स पर समय बिताते हैं, तो आपने जरूर किसी न किसी वीडियो में किसी बच्चे को अचानक ज़ोर से कहते सुना होगा – “सिक्स… सेवन… 6‑7!” यह सुनने में एकदम बे मतलब सा नंबर लगता है, लेकिन आज की तारीख में यह Gen Alpha यानी मौजूदा स्कूली बच्चों की दुनिया का सबसे पॉपुलर इनसाइड जोक बन चुका है।

पैरेंट्स, टीचर्स, और बड़े लोग कन्फ्यूज़ हैं – “आखिर 6‑7 में ऐसा क्या है कि बच्चे बार‑बार इसे बोल‑बोलकर खुद ही हंसने लगते हैं?” वहीं, बच्चे इसलिए और ज़्यादा हंसते हैं क्योंकि बड़ों को इसका मतलब नहीं पता और वे समझ ही नहीं पाते कि ये सब क्या चल रहा है। इस आर्टिकल में इस पूरे मीम की जर्नी, इसका कोई मतलब है या नहीं, और यह हमें Gen Alpha के ह्यूमर और माइंडसेट के बारे में क्या सिखाता है, सब कुछ सिंपल हिंदी में समझा गया है।

‘6‑7’ मीम की जड़ें कहां से आईं?

ज़्यादातर इंटरनेट ट्रेंड्स की तरह, ‘6‑7’ की कहानी भी म्यूज़िक और शॉर्ट‑फॉर्म वीडियो से शुरू होती है। 2024 के आखिर में अमेरिकी रैपर Skrilla ने “Doot Doot (6 7)” नाम का एक गाना रिलीज़ किया, जिसमें वह “six-seven” शब्द को रिदमिक तरीके से कई बार रिपीट करता है। यह लाइन सुनने में कैची थी, तो TikTok और YouTube Shorts के क्रिएटर्स ने गाने के इसी हिस्से को काटकर अलग‑अलग छोटे वीडियो के साथ यूज़ करना शुरू कर दिया।

इसी समय, बास्केटबॉल प्लेयर LaMelo Ball के हाइलाइट एडिट्स भी वायरल हो रहे थे, और वह लगभग 6 फीट 7 इंच लंबे हैं। कई क्रिएटर्स ने Skrilla के “six-seven” ऑडियो को LaMelo के डंक्स और फैंसी प्ले वाले क्लिप्स पर लगा दिया, जिससे 6‑7 नंबर अपने आप बास्केटबॉल कल्चर और इंटरनेट एडिट्स से जुड़ गया।

TikTok, LaMelo और Taylon Kinney: मीम ने स्पीड कब पकड़ी?

सोशल मीडिया की दुनिया में किसी भी मीम के बड़े होने के लिए दो चीज़ें बहुत ज़रूरी हैं – रिपीट होने वाला फनी ऑडियो और कोई विज़ुअल या सिचुएशन, जो हर बार देखने पर भी बोर न करे। ‘6‑7’ को दोनों चीज़ें मिल गईं। जैसे‑जैसे यह साउंड क्लिप वायरल हुआ, हाई‑स्कूल बास्केटबॉल प्लेयर Taylon Kinney ने भी इसे अपने कैज़ुअल वीडियोज़ और इंटरव्यू में मज़ाक‑मज़ाक में बोलना शुरू कर दिया।

एक क्लिप में Taylon किसी स्टारबक्स ड्रिंक को रेट करते हुए बार‑बार कहता है – “six… six… six-seven” – और यह क्लिप बच्चों के बीच मीम मटेरियल बन गया, क्योंकि इसमें न कोई बहुत गहरा जोक था, न कोई समझाने लायक बात, बस एक अजीब‑सी डिलीवरी और टाइमिंग थी। यही एब्सर्डनेस, यानी बेतुकी लेकिन फनी लगने वाली चीज़, Gen Alpha के ह्यूमर को एकदम सूट करती है।

क्लासरूम, कॉमेंट सेक्शन और प्लेग्राउंड तक ‘6‑7’ कैसे पहुंचा?

टिपिंग पॉइंट तब आया जब छोटे‑छोटे, बिना किसी कॉन्टेक्स्ट वाले वीडियो वायरल होने लगे – जैसे एक वायरल क्लिप में एक बच्चा बास्केटबॉल मैच के दौरान कैमरे की तरफ मुड़कर ज़ोर से “6‑7” चिल्लाता है और जैसे ही वह बोलता है, उसी समय बास्केट हो जाता है। यह पूरी तरह से कॉइंसिडेंस था, लेकिन इंटरनेट पर इसे मज़ाकिया “मैजिक मोमेंट” की तरह एडिट कर‑करके शेयर किया गया।

इसके बाद बच्चों ने इस ऑडियो पर दर्जनों तरह के डिस्टोर्टेड, फनी फेस फिल्टर्स, ग्लिच इफेक्ट्स और रैंडम कैरेक्टर अनीमेशन बनाना शुरू कर दिया। अब कई लोग तो ‘6‑7’ का असली ओरिजिन भी नहीं जानते, बस यह जानते हैं कि जब भी कोई “six-seven” अजीब टोन में बोलेगा या लिखेगा, तो बाकी बच्चे हंस देंगे, क्योंकि यह एक तरह से इनसाइड मीम कोड बन चुका है।

तो ‘6‑7’ का मतलब आखिर है क्या?

मज़ेदार बात यह है कि इस मीम का सबसे बड़ा मतलब यही है कि इसका कोई मतलब नहीं है। खुद बहुत से क्रिएटर्स और एक्सप्लेनेशन वीडियोज़ यह मानते हैं कि ‘6‑7’ का असली पॉइंट इसकी नॉन‑सेंस नेचर ही है। कुछ यूज़र्स ने मज़ाक‑मज़ाक में कहा कि शायद यह किसी चीज़ के “mid” या एवरेज होने की तरफ इशारा करता है, लेकिन ये बस थ्योरीज़ हैं, कोई फाइनल डेफिनिशन नहीं।

Dictionary.com और कई लैंग्विस्ट इसको “semantic bleaching” का उदाहरण मानते हैं – यानी एक ऐसा शब्द या फ्रेज़, जिसका ओरिजिनल मतलब लगभग मिट चुका हो और वह सिर्फ रिएक्शन या एक्सप्रेशन के तौर पर यूज़ होने लगे। इस लिहाज़ से ‘6‑7’ एक इंटरजेक्शन (जैसे “अरे!”, “ओह!”) की तरह काम करने लगा है – जहां बच्चे बस माहौल, टाइमिंग और दूसरों की कन्फ्यूज़न देखकर इसे बोलते हैं, न कि किसी ठोस मतलब के लिए।

69 से ‘6‑7’ तक: क्लासरूम जोक्स का इवॉल्यूशन

पहले की जेनरेशन में 69 जैसा नंबर क्लासरूम जोक्स के लिए बदनाम था, लेकिन उसके साथ एडल्ट या सेक्शुअल कॉन्टेक्स्ट भी जुड़ा होता था। ‘6‑7’ की खास बात यह है कि यह बिना किसी एडल्ट कॉन्टेंट के भी उतना ही “फनी” बन गया है, कम से कम बच्चों की नज़र में। इससे वे क्लासरूम में बिना डांटे गए, जोर‑जोर से चिल्लाकर “नंबर जोक” कर सकते हैं।

Gen Alpha के लिए यह एक तरह से सेफ मीम है – टीचर पूछे, “ये 6‑7 क्या होता है?”, तो बच्चा मासूम‑सा चेहरा बनाकर कह सकता है, “मैम, यह तो बस नंबर है।” यही इनोसेंस और डबल लेयर इसे और मज़ेदार बना देता है, क्योंकि असली जोक तो यह है कि बड़े लोग इसे जोक मान ही नहीं पाते।

Gen Alpha के ह्यूमर की खासियत: बेतुकापन, स्पीड और शेयर कल्चर

Gen Alpha पूरी तरह उस दौर में पैदा हुई है, जहां TikTok, Reels, Shorts और मीम कल्चर रोजमर्रा की भाषा का हिस्सा हैं। रिसर्च और रिपोर्ट्स बताती हैं कि ये बच्चे “एब्सर्डिस्ट ह्यूमर” की तरफ ज़्यादा अट्रैक्टेड होते हैं – ऐसे जोक्स जो जानबूझकर बिना कॉन्टेक्स्ट, बिना क्लियर पंचलाइन और कभी‑कभी खुद के ऊपर ही मज़ाक हों।

‘6‑7’ इसमें परफेक्ट फिट बैठता है – इसमें न कोई क्लासिक सेट‑अप है, न “जोक एक्सप्लेन” करने की ज़रूरत, बस एक साउंड, एक डिलीवरी और एक “इन‑ग्रुप” फीलिंग। जिन लोगों को यह पता है, वे हंसते हैं; जिन्हें नहीं पता, वे सिर खुजाते हैं – और यही कॉन्फ्लिक्ट असल में ह्यूमर पैदा करता है।

इनसाइड जोक और “इन‑ग्रुप सिग्नल”: बच्चे इसे यूज़ क्यों करते हैं?

सोशियोलॉजिस्ट और साइकॉलजिस्ट ‘6‑7’ जैसे मीम्स को “शिबोलेथ” या “इन‑ग्रुप सिग्नल” की तरह देखते हैं – यानी ऐसा शब्द या फ्रेज़, जिसे बोलकर कोई यह दिखा सके कि वह किसी खास ग्रुप का हिस्सा है। जब दो बच्चे अचानक कॉरिडोर में मिलकर “6‑7” बोलते हैं और दोनों हंस देते हैं, तो यह एक साइलेंट सिग्नल है कि वे एक ही ऑनलाइन कल्चर शेयर करते हैं।

डिक्शनरी.com के एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ‘6‑7’ सिर्फ एक मीम नहीं बल्कि परफॉर्मेंस, इमोशन और सोशल कनेक्शन का मिक्स है – बच्चे इसे बोलकर किसी सिचुएशन पर रिएक्ट भी कर रहे होते हैं, साथ ही ये दिखा भी रहे होते हैं कि वे “इन” हैं, आउटसाइडर नहीं। इस तरह के मीम्स बच्चों को अपनी अलग पहचान और जनरेशन गैप को एक्सप्रेस करने का तरीका दे रहे हैं।

Dictionary.com ने ‘6‑7’ को 2025 का Word of the Year क्यों चुना?

2025 में Dictionary.com ने ‘6‑7’ को अपना Word of the Year चुना, जबकि यह असल में कोई पारंपरिक शब्द भी नहीं है। साइट ने न्यूज़ आर्टिकल्स, सोशल मीडिया, ऑनलाइन बातचीत और सर्च डेटा को देखकर पाया कि ‘6‑7’ जैसे फ्रेज़ इस साल लोगों के बात‑चीत करने के तरीके पर बड़ा असर डाल रहे हैं और खास तौर पर बच्चों और टीनएजर्स के लिए यह एक कल्चरल सिम्बल बन चुका है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2025 में ‘6‑7’ को लेकर सर्च इंटरेस्ट कई गुना बढ़ गया, खासकर पेरेंट्स, टीचर्स और पुराने इंटरनेट यूज़र्स यह समझने की कोशिश कर रहे थे कि आखिर यह जोक है क्या। Dictionary.com के लेक्सिकोग्राफर इसे पहला ऐसा “Word of the Year” मानते हैं जो असल में एक इंटरजेक्शन और इनसाइड मीम दोनों की तरह काम करता है।

इंटरनेट कल्चर, स्पीड और “ब्रेन रॉट” बहस

जब भी कोई नया मीम बच्चों के बीच पॉपुलर होता है, कुछ एडल्ट्स उसे जल्दी ही “ब्रेन रॉट” या दिमाग खराब करने वाला ट्रेंड कहने लगते हैं। ‘6‑7’ के साथ भी यही हुआ – कई वीडियो और आर्टिकल्स में इसे “नॉनसेंस मीम” और ओवर‑सिंप्लिफाइड ह्यूमर का उदाहरण कहा गया।

लेकिन कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि ऐसे मीम्स असल में बच्चों की क्रिएटिविटी और लैंग्वेज प्ले का हिस्सा हैं – वे जानबूझकर किसी चीज़ को “बिना मतलब” बनाते हैं ताकि देख सकें कि इसे कितनी दूर तक शेयर किया जा सकता है और कितनी जल्दी यह किसी भी कॉन्टेक्स्ट में फिट हो सकता है। इंटरनेट स्लैंग हमेशा से बदलता रहा है, फर्क बस इतना है कि अब इसकी स्पीड बहुत ज़्यादा है।

पैरेंट्स और टीचर्स के लिए: घबराएं नहीं, समझिए

अगर आप पैरेंट या टीचर हैं और आपके आस‑पास के बच्चे बार‑बार ‘6‑7’ बोलकर हंसते रहते हैं, तो सबसे पहली बात – यह कोई डार्क कोड या एडल्ट स्लैंग नहीं है। मौजूद जानकारी और लैंग्विस्टिक एनालिसिस के हिसाब से यह ज्यादा से ज्यादा एक अंदर का मज़ाक और “सेफ नंबर जोक” है, जिसके पीछे कोई हार्ड मीनिंग नहीं छुपा है।

बेहतर तरीका यह हो सकता है कि आप बच्चों से खुद क्यूरियस होकर पूछें – “तुम लोग 6‑7 क्यों बोलते हो? इसमें तुम्हें क्या फनी लगता है?” – ज़्यादातर बच्चे इसे एन्जॉय करेंगे कि आप उनके कल्चर को समझने की कोशिश कर रहे हैं, न कि तुरंत जज कर रहे हैं। इससे आपकी और उनकी कम्यूनिकेशन भी स्ट्रॉन्ग होगी और आपको उनके इंटरनेट वर्ल्ड की झलक भी मिलेगी।

इंटरनेट मीम्स की लाइफस्पैन: क्या ‘6‑7’ हमेशा रहेगा?

जैसे‑जैसे कोई इनसाइड जोक मेनस्ट्रीम होता है, उसका चार्म कम होना शुरू हो जाता है। कई रिपोर्ट्स और ऑब्ज़र्वेशन बताते हैं कि Gen Alpha को कोई भी मीम तभी तक ज़्यादा मज़ा देता है, जब तक बड़े लोग उसे पूरी तरह नहीं समझते या उसे ओवर‑यूज़ नहीं कर देते। यही कारण है कि हो सकता है कुछ महीनों या एक‑दो साल में ‘6‑7’ की जगह कोई और अजीब‑सा नंबर या शब्द ले ले।

फिर भी, ‘6‑7’ शायद आने वाले समय में “ओरिजिन स्टोरी” की तरह याद रखा जाएगा – एक ऐसा मीम जिसने दिखा दिया कि 2020s की जेनरेशन के लिए ह्यूमर का मतलब सिर्फ जोक की लाइन नहीं, बल्कि शेयर किया हुआ मोमेंट, इन‑ग्रुप फीलिंग और बड़ों की कन्फ्यूज़न भी है।

टेबल: ‘6‑7’ मीम की जर्नी एक नज़र में

(आप इस टेबल को HTML या एडिटर के टेबल टूल से बना सकते हैं)

स्टेप | क्या हुआ | कहां से
— | — | —
1 | Skrilla का गाना “Doot Doot (6 7)” रिलीज़, “six-seven” लाइन वायरल ऑडियो बनती है | म्यूज़िक, TikTok साउंड 
2 | LaMelo Ball के बास्केटबॉल हाइलाइट्स पर यही ऑडियो लगकर वायरल एडिट्स बनते हैं | बास्केटबॉल, स्पोर्ट्स एडिट्स 
3 | Taylon Kinney जैसे हाई‑स्कूल प्लेयर्स कैज़ुअल वीडियोज़ में “6‑7” रिपीट करते हैं | ह्यूमर क्लिप्स, इंटरनेट पर्सनैलिटीज़ 
4 | TikTok/Shorts पर बच्चों के रैंडम शाउट‑आउट, डिस्टोर्टेड फिल्टर, फनी फेस एडिट्स बनते हैं | शॉर्ट‑फॉर्म वीडियो कल्चर 
5 | क्लासरूम, प्लेग्राउंड, कॉमेंट सेक्शन में ‘6‑7’ इनसाइड जोक बनकर फैलता है | Gen Alpha सोशल सीन 
6 | Dictionary.com इसे 2025 का Word of the Year घोषित करता है | मेनस्ट्रीम लैंग्वेज और कल्चर 

बच्चों की डिजिटल पहचान और ऐसे मीम्स की भूमिका

आज के बच्चे ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों दुनिया में एक साथ बड़े हो रहे हैं। उनके लिए स्कूल का क्लासरूम, घर का लिविंग रूम और TikTok/YouTube का फीड – तीनों मिलकर एक ही सोशल यूनिवर्स बनाते हैं। ‘6‑7’ जैसा मीम उन्हें इस यूनिवर्स में अपनी “जनरेशन सिग्नेचर” बनाने का मौका देता है – जैसे पहले के दौर में कुछ खास गाने या फिल्मी डायलॉग करते थे।

इस तरह के मीम्स बच्चों को यह फीलिंग भी देते हैं कि वे मिलकर किसी ऐसी चीज़ का हिस्सा हैं जिसे बड़े पूरी तरह कंट्रोल या डिक्टेट नहीं कर सकते। यह एक तरह का हल्का‑फुल्का “रिबेल” भी है, पर सेफ फॉर्म में – कोई गाली नहीं, कोई एडल्ट कंटेंट नहीं, बस एक अजीब‑सा नंबर और ढेर सारी हंसी।

FAQs

‘6‑7’ मीम का असली मतलब क्या है?
मौजूदा रिपोर्ट्स और इंटरनेट कल्चर एनालिसिस के हिसाब से ‘6‑7’ का कोई फिक्स, लॉजिकल मतलब नहीं है। यह बस एक फनी साउंड, एब्सर्ड डिलीवरी और इनसाइड जोक का कॉम्बिनेशन है, जो Gen Alpha को कनेक्टेड महसूस कराता है।

क्या ‘6‑7’ कोई गलत या एडल्ट कोड वर्ड है?
नहीं, अभी उपलब्ध जानकारी यह दिखाती है कि ‘6‑7’ ज़्यादातर सेफ, नॉन‑एडल्ट मीम के तौर पर यूज़ हो रहा है, जो पुराने “नंबर जोक्स” की जगह ले रहा है लेकिन बिना सेक्शुअल कॉन्टेक्स्ट के।

मेरे बच्चे या स्टूडेंट्स क्लास में बार‑बार ‘6‑7’ बोलते हैं, मुझे क्या करना चाहिए?
सबसे अच्छा तरीका है कि आप शांति से उनसे पूछें कि उन्हें इसमें क्या मज़ा आता है और यह कहां से सीखा। इसे तुरंत टॉक्सिक या डेंजरस मानने के बजाय, इसे उनकी इंटरनेट लैंग्वेज समझने का मौका मानें।

क्या यह ट्रेंड जल्दी खत्म हो जाएगा?
ज्यादातर इंटरनेट मीम्स की तरह, ‘6‑7’ भी हमेशा नहीं चलेगा। जैसे‑जैसे बड़े लोग इसे समझने लगते हैं और मेनस्ट्रीम मीडिया इसे कवर करता है, इसका इनसाइड जोक वाला चार्म कम होगा और कोई नया मीम उसकी जगह ले लेगा।

Gen Alpha के ह्यूमर को समझने के लिए पैरेंट्स क्या कर सकते हैं?
थोड़ा समय निकालकर TikTok, Reels, Shorts वगैरह को बच्चे की नजर से देखें, उनसे पूछें कि उन्हें कौन से मीम्स फनी लगते हैं और क्यों। ओपन‑माइंडेड बातचीत से आप उनके डिजिटल वर्ल्ड और ह्यूमर दोनों को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे।

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