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Mandir में Digital दान:TTD कैसे बदल रहा है UPI,कियोस्क और QR Code से भक्तों का अनुभव

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TTD UPI payment
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TTD अपने 60 मंदिरों में UPI, कियोस्क और QR कोड ला रहा है और 5,000 नए मंदिरों की योजना बना रहा है। जानें इससे भक्तों के दान, सुविधा और पारदर्शिता पर क्या असर पड़ेगा।

जब मंदिर भी हो रहे हैं डिजिटल

तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) बोर्ड ने अब अपने मंदिर नेटवर्क को अगले स्तर पर ले जाने का फैसला किया है – सिर्फ आध्यात्मिक नहीं, टेक्नोलॉजी के मामले में भी। ताज़ा घोषणा के अनुसार, देशभर में फैले TTD के सभी 60 मंदिरों में कियोस्क मशीनें और QR कोड लगाए जाएंगे, ताकि भक्त बिना नकद के सीधे UPI से दान, सेवा या अन्य भुगतान आसानी से कर सकें।

UPI, कियोस्क और QR कोड की योजना क्या है?
तिरुपति में हुई समीक्षा बैठक में TTD के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर अनिल कुमार सिंघल की अध्यक्षता में यह निर्णय लिया गया कि सभी TTD–प्रबंधित मंदिरों में डिजिटल पेमेंट के लिए कियोस्क मशीन और क्विक रिस्पॉन्स (QR) कोड लगाए जाएंगे। प्रेस रिलीज़ के अनुसार, अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि भक्तों को आसान डिजिटल पेमेंट सुविधा देने के लिए इन सिस्टम्स की इंस्टॉलेशन तेज़ी से पूरी की जाए।

भक्तों के लिए इसका सीधा फायदा क्या होगा?
अब तक कई भक्त नकद लेकर मंदिरों में दान, अर्चना–टिकट या विभिन्न सेवा–बुकिंग के लिए लंबी लाइन में लगते रहे हैं; UPI और कियोस्क आने से यह प्रक्रिया काफी आसान हो सकती है। भक्त मंदिर परिसर में लगे QR कोड स्कैन करके या कियोस्क स्क्रीन पर ऑप्शन चुनकर सीधे UPI से भुगतान कर पाएंगे, जिससे रसीद, कन्फर्मेशन और रिकॉर्ड सब डिजिटल रूप में तुरंत मिल जाएगा।

कैसे काम करेंगे ये कियोस्क और QR कोड? (सरल समझ)
– कियोस्क मशीन: इसमें स्क्रीन, कुछ बेसिक बटन/टच ऑप्शन, प्रिंटर और UPI–इंटीग्रेशन रहेगा; भक्त सेवा/दान चुनेंगे → राशि कन्फर्म करेंगे → UPI ऐप से पेमेंट करेंगे → रसीद मिल जाएगी।
– QR कोड: मंदिर के अलग–अलग पॉइंट पर लगे QR कोड को स्कैन करके भक्त अपने UPI ऐप (जैसे Paytm, PhonePe, GPay आदि) से सीधे राशि भेज सकेंगे, जो मंदिर के आधिकारिक अकाउंट में जाएगी।

नकद कम, पारदर्शिता ज्यादा
डिजिटल पेमेंट का मतलब है कि हर लेन–देन का डिजिटल रिकॉर्ड बनेगा, जिससे मंदिर प्रशासन के लिए अकाउंटिंग और ऑडिट आसान होगा और भक्तों के लिए भी भरोसा बढ़ेगा। नकद हैंडलिंग कम होने से सुरक्षा जोखिम, चोरी या गिनती–गलती जैसी समस्याएँ घटेंगी, साथ ही मंदिर स्टाफ का समय भी बचेगा जो वे भक्त सेवा और व्यवस्था पर ज्यादा दे सकेंगे।

छोटे शहरों और बैकवर्ड एरिया में भी डिजिटल सुविधा
TTD की खासियत यह है कि उसके मंदिर सिर्फ तिरुपति या बड़े शहरों तक सीमित नहीं, बल्कि देश के अलग–अलग हिस्सों में फैले हुए हैं। जब 60 के 60 मंदिरों में एक–जैसी डिजिटल सुविधा होगी, तो छोटे शहरों और अपेक्षाकृत पिछड़े इलाकों के भक्त भी UPI–बेस्ड ट्रांज़ैक्शन के ज़रिए उसी तरह कैशलेस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे जैसे मेट्रो शहरों में मिलता है।

5000 नए मंदिरों के लिए स्टैंडर्ड डिज़ाइन मॉडल
इसी समीक्षा बैठक में अनिल कुमार सिंघल ने मंदिर निकाय के चीफ इंजीनियर को निर्देश दिया कि पिछड़े क्षेत्रों में बनने वाले 5,000 नए मंदिरों के लिए स्टैंडर्ड डिज़ाइन मॉडल तैयार किए जाएँ। इसका मतलब है कि TTD आगामी वर्षों में बड़ा विस्तार प्लान कर रहा है, जहाँ एक ही तरह के बेसिक लेआउट, स्ट्रक्चर और सुविधाओं के आधार पर तेजी से नए मंदिर विकसित किए जा सकें।

स्टैंडर्ड मॉडल का मतलब क्या हो सकता है?
स्टैंडर्ड डिज़ाइन से यह फायदा होगा कि हर नए मंदिर में बेसिक ज़रूरतें – जैसे गर्भगृह, मंडप, प्रसाद काउंटर, प्रतीक्षा–शेड, शौचालय और संभवतः आगे चलकर डिजिटल कियोस्क–स्टेशन – एक तय गुणवत्ता के साथ मिलेंगे। इससे निर्माण समय और लागत दोनों कंट्रोल में रहेंगे, और TTD एक ही बार में टेक्निकल, वास्तु और सुरक्षा मानकों को फाइनल करके सैकड़ों–हज़ारों मंदिरों में लागू कर सकेगा।

मुंबई बांद्रा मंदिर प्रोजेक्ट की फील्ड–लेवल जांच
बैठक में यह भी तय हुआ कि मुंबई के बांद्रा क्षेत्र में TTD का जो मंदिर निर्माणाधीन है, उसके लिए अधिकारियों को फील्ड–लेवल इंस्पेक्शन करने के निर्देश दिए गए हैं। इससे प्रोजेक्ट की रफ्तार, साइट की ज़मीनी स्थिति और ज़रूरी बदलावों को समझकर समय पर सुधार किए जा सकेंगे, ताकि बांद्रा मंदिर को निर्धारित योजना के अनुरूप विकसित किया जा सके।

सबसे समृद्ध हिंदू मंदिर से डिजिटल रोल–मॉडल की ओर
TTD, श्री वेंकटेश्वर मंदिर तिरुपति का आधिकारिक संरक्षक है, जिसे दुनिया का सबसे समृद्ध हिंदू तीर्थ माना जाता है। जब इतनी बड़ी संस्था खुले तौर पर UPI, QR कोड और कियोस्क जैसे डिजिटल माध्यमों को अपना रही है, तो यह देश के अन्य मंदिर ट्रस्टों और धार्मिक संस्थाओं के लिए भी एक तरह से रोल–मॉडल बन सकता है कि वे भी कैशलेस, पारदर्शी और टेक–फ्रेंडली सिस्टम अपनाएँ।

भक्तों के लिए प्रैक्टिकल टिप्स: UPI अपनाने से पहले
– मंदिर जाने से पहले यह सुनिश्चित रखें कि आपके फोन में UPI ऐप्स अपडेटेड हों और बैंक अकाउंट से सही तरह लिंक हों।
– नेटवर्क कंजेशन या पहाड़ी/भीड़ वाले क्षेत्र में इंटरनेट कमजोर हो सकता है, इसलिए जरुरत पड़ने पर ऑफलाइन UPI या SMS–अलर्ट जैसी सुविधाएँ सक्रिय रखना मददगार हो सकता है।
– QR स्कैन करते समय यह देख लें कि कोड आधिकारिक TTD–मार्किंग या मंदिर–अधिकारी द्वारा निर्देशित स्थान पर हो, ताकि किसी अनऑथराइज़्ड कोड से पेमेंट न हो जाए।

कैश पूरी तरह खत्म नहीं, लेकिन जरूरत कम होगी
डिजिटल पहल के बावजूद कई भक्त पारंपरिक रूप से कुछ नकद साथ रखना पसंद करेंगे – विशेषकर छोटे प्रसाद, फ्लावर शॉप या लोकल वेंडर के लिए। लेकिन मंदिर–प्रबंधित दान, टिकट, सेवा और ऑफिशियल काउंटर पर UPI और कियोस्क की मौजूदगी से नकद पर निर्भरता काफी कम हो जाएगी और भक्तों के लिए लचीलापन बढ़ जाएगा।

धर्म और टेक्नोलॉजी का नया संतुलन
TTD का यह कदम दिखाता है कि परंपरा और टेक्नोलॉजी एक–दूसरे के विरोधी नहीं, बल्कि सही सोच और पारदर्शी सिस्टम के साथ साथ–साथ चल सकते हैं। जहाँ एक तरफ पहाड़ों के बीच श्री वेंकटेश्वर स्वामी की centuries–old आराधना जारी है, वहीं दूसरी तरफ वही संस्था UPI, कियोस्क और QR कोड के ज़रिए भक्तों को आधुनिक डिजिटल सुविधा दे रही है – यह आज के भारत के बदलते धार्मिक–टेक परिदृश्य का मजबूत संकेत है।

FAQs

प्रश्न 1: TTD कितने मंदिरों में UPI और QR कोड सुविधा शुरू करने जा रहा है?
उत्तर: TTD ने घोषणा की है कि वह देशभर में अपने 60 मंदिरों में कियोस्क मशीनें और QR कोड लगाएगा, ताकि भक्तों को आसान UPI–आधारित डिजिटल पेमेंट की सुविधा मिल सके।

प्रश्न 2: यह फैसला किस स्तर की बैठक में लिया गया?
उत्तर: यह निर्णय तिरुपति में हुई समीक्षा बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता TTD के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर अनिल कुमार सिंघल ने की और बाद में प्रेस रिलीज़ के माध्यम से इसकी जानकारी दी गई।

प्रश्न 3: UPI के अलावा TTD की क्या अन्य योजनाएँ हैं?
उत्तर: इसी बैठक में चीफ इंजीनियर को 5,000 नए मंदिरों के लिए स्टैंडर्ड डिज़ाइन मॉडल तैयार करने और मुंबई के बांद्रा में बन रहे मंदिर के लिए फील्ड–लेवल निरीक्षण कराने के निर्देश भी दिए गए।

प्रश्न 4: भक्त UPI से क्या–क्या पेमेंट कर पाएंगे?
उत्तर: UPI के माध्यम से भक्त मंदिर में दान, सेवा या अर्चना–टिकट, संभवतः अन्य आधिकारिक शुल्क जैसे प्रसाद या विशेष पूजन के लिए निर्धारित पेमेंट कर सकेंगे, जिसे कियोस्क या QR कोड के ज़रिए प्रोसेस किया जाएगा।

प्रश्न 5: TTD को दुनिया का सबसे समृद्ध हिंदू मंदिर क्यों कहा जाता है?
उत्तर: TTD, तिरुपति स्थित श्री वेंकटेश्वर मंदिर का आधिकारिक प्रबंधक है, जिसे भारी मात्रा में मिलने वाले दान, सोना–चांदी, नकद और संपत्तियों के कारण दुनिया के सबसे समृद्ध हिंदू तीर्थ–स्थलों में गिना जाता है।

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