अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में गुरुवार को एयरपोर्ट के बाहर हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। इस धमाके में अब तक 72 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 140 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। दुनिया के खूंखार आतंकवादी संगठन ISIS-K ने इस आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी ली है। एक के बाद एक हुए सिलसिलेवार दो बम धमाकों और भीड़ पर कुछ बंदूकधारियों द्वारा गोलीबारी करने से 11 मरीन कमांडो व एक मेडिक समेत 12 अमेरिकी सुरक्षा कर्मियों की भी जान गई है। इस हमले में महिलाओं, सुरक्षा कर्मियों और तालिबान के गार्ड समेत 143 लोग घायल हुए हैं।
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इस बीच, अमेरिका ने कहा कि हम इस हमले के जिम्मेदार लोगों को माफ नहीं करेंगे। राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि अमेरिका इसका बदला लेगा। इसकी कीमत चुकानी होगीइस हमले को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने हमले के जिम्मेदारों पर हमला बोलते हुए कहा है कि हम उन्हें खोज कर मारेंगे। आपको इसकी कीमत चुकानी होगी। राष्ट्रपति जो बाइडन ने काबुल के हमलावरों को कहा- हम आपको माफ नहीं करेंगे, हम भूलेंगे नहीं. हम खोजकर तुम्हारा शिकार करेंगे और तुम्हें कीमत चुकानी होगी। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि काबुल हवाई अड्डे पर हुए हमलों में तालिबान और इस्लामिक स्टेट के बीच मिलीभगत का अब तक कोई सबूत नहीं है।
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व्हाइट हाउस में बोलते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि हम अफगानिस्तान में फंसे अमेरिकी नागरिकों को बचाएंगे। हम अपने अफगान सहयोगियों को बाहर निकालेंगे और हमारा मिशन जारी रहेगा। व्हाइट हाउस के हवाले से एएफपी न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, 14 अगस्त से अब तक अफगानिस्तान से 100,000 से अधिक लोगों को निकाला गया है। बीते 24 घंटे में 7,500 लोगों में अमेरिका ने अफगानिस्तान से बाहर निकाला हैअमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने गुरुवार (स्थानीय समय) को आदेश दिया कि काबुल हमले के पीड़ितों को सम्मान देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से 30 अगस्त तक अमेरिका का झंडा व्हाइट हाउस में और सभी सार्वजनिक भवनों और मैदानों पर सभी सैन्य चौकियों और नौसेना स्टेशनों और सभी नौसैनिक जहाजों पर आधा फहराया जाएगा
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अफगानिस्तान के उप राष्ट्रपति रहे अमरुल्ला सालेह ने काबुल एयरपोर्ट पर हुए आतंकी संगठन आईएस के भीषण आत्मघाती हमले के मामले में तालिबान और पाकिस्तान को कटघरे में खड़ा किया है। सालेह ने कहा कि हमारे पास जितने भी साक्ष्य हैं, उससे पता चलता है कि आईएसआईएस के लड़ाकुओं की जड़ें तालिबान और हक्कानी नेटवर्क से खासतौर पर जुड़ी हुई हैं। उन्होंने पाकिस्तान पर भी निशाना साधा। सालेह ने ट्वीट करके कहा, ‘हमारे पास अभी जो भी साक्ष्य हैं, उनसे पता चलता है कि आईएस-के सदस्यों की जड़ें तालिबान और खासतौर पर हक्कानी नेटवर्क से जुड़ी हुई हैं जो अभी काबुल में सक्रिय है। तालिबानी आईएसआईएस के साथ अपने संबंधों को खारिज करते हैं लेकिन यह कुछ उसी तरीके से है जैसे पाकिस्तान तालिबान के क्वेटा शूरा से करता है। तालिबान ने अपने स्वामी (पाकिस्तान) से बहुत कुछ सीख लिया है।अफगानिस्तान की राजधानी में गुरुवार देर शाम हुए दो विस्फोट की भारत ने भी कड़े शब्दों में निंदा की है। विदेश मंत्रालय ने अपनी प्रतिक्रिया में इसे कहा कि हम काबुल में हुए बम विस्फोटों की निंदा करते हैं। इस आतंकी वारदात में मारे गये लोगों के प्रति शोक संवेदना प्रकट करते हुए कहा गया है कि इस हमले के बाद और जरूरी हो गया है कि आतकंवाद और आतंकियों को सुरक्षित शरण देने वालों के खिलाफ पूरी दुनिया एकजुट हो
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काबुल एयरपोर्ट के पास के दो आत्मघाती हमलावरों और बंदूकधारियों ने भीड़ को निशाना बनाकर हमला किया। जिसकी जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन आईएसआईएस खुरासान (SIS-Khorasan) ने जिम्मेदारी ली है, जिसे ISIS-K के नाम से जाना जाता है। अमेरिका के एक अधिकारी का कहना है कि निश्चित तौर पर माना जा रहा है कि काबुल हवाई अड्डे के पास हुए हमले के पीछे आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट का हाथ है इस्लामिक स्टेट समूह तालिबान से अधिक चरमपंथी है और इसने असैन्य नागरिकों पर कई बार हमले किए हैंयह विस्फोट ऐसे समय हुआ है, जब अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण के बाद से हजारों अफगान देश से निकलने की कोशिश कर रहे हैं और पिछले कई दिनों से हवाई अड्डे पर जमा हैं। काबुल हवाई अड्डे से बड़े स्तर पर लोगों की निकासी अभियान के बीच पश्चिमी देशों ने हमले की आशंका जताई थी। इससे पहले गुरुवार को दिन में ही ब्रिटेन, अमेरिका समेत कई देशों ने लोगों से हवाई अड्डे से दूर रहने की अपील की थी क्योंकि वहां आत्मघाती हमले की आशंकर जताई गई थी
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