भारतीय सेना ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल का सफल कॉम्बैट लॉन्च किया। मिसाइल ने लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाया, भारत की हुपर सटीक रक्षा क्षमता को मजबूत किया।
ब्रह्मोस कॉम्बैट लॉन्च के जरिए भारत ने दिखाया प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता का दम
भारतीय सेना ने हाल ही में एक बड़ी सफलता हासिल की है जब उसने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल कॉम्बैट लॉन्च किया। यह परीक्षण बैरंगाल की खाड़ी में किया गया, जहाँ मिसाइल ने अपने निशाने को बेहद सटीकता के साथ भेद दिया, जिससे भारत की दूरगामी सटीकता और युद्धक्षमता में वृद्धि हुई।
यह परीक्षण भारतीय सेना के सदर्न कमांड द्वारा किया गया, जिसमें अंडमान-निकोबार कमांड की भी सहायता प्राप्त थी। सेना के मुताबिक, यह मिसाइल उन्नत गाइडेंस और नियंत्रण प्रणालियों से लैस है, जो उच्च गति पर स्थिरता प्रदान करता है और लक्ष्य पर अंतिम क्षणों में सटीक मार करता है।
ब्रह्मोस मिसाइल: एक परिचय
ब्रह्मोस मिसाइल भारत-रूस का संयुक्त विकास है और यह भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना की प्रमुख लंबी दूरी की मारक क्षमता है। इसकी गति ध्वनि से लगभग तीन गुना तेज है, और यह लगभग 450 किलोमीटर दूरी तक हमला कर सकती है। इसका मार्गदर्शन तंत्र लक्ष्य को पुख्ता रूप से निशाना बनाने में सक्षम है, जिससे युद्ध में निर्णायक बढ़त मिलती है।
इस टेस्ट में शामिल अधिकारियों ने कहा, “यह सफलता हमारी सैन्य तत्परता, आधुनिक तकनीक और आत्मनिर्भर भारत की रक्षा क्षमताओं का जीवंत सबूत है।” लीफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ, सदर्न कमांड के कमांडर, ने इस टेस्ट के महत्व को रेखांकित किया।
भारतीय रक्षा में ब्रह्मोस का महत्व
ब्रह्मोस हमारी रणनीतिक ताकत में वृद्धि करता है, खासकर पड़ोसी देशों की सीमा पर। पिछले साल मई में, ब्रह्मोस का इस्तेमाल पाकिस्तान में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान किया गया था, जहां इसने कई पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। यह मिसाइल भारत की आत्मनिर्भरता की मिसाल है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी मांग बढ़ती जा रही है।
भारत रक्षा विनिर्माण में तेजी से सुधार कर रहा है, और ब्रह्मोस में लगातार उन्नयन किए जा रहे हैं, जिनमें 800 किमी रेंज वाले संस्करण का विकास भी शामिल है। आने वाले वर्षों में यह मिसाइल तकनीकी रूप से और भी अधिक परिष्कृत होगी।
5 अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
- ब्रह्मोस मिसाइल की वर्तमान रेंज क्या है?
लगभग 450 किलोमीटर है। - ब्रह्मोस किस देश ने विकसित की है?
भारत और रूस ने संयुक्त रूप से विकसित किया है। - ब्रह्मोस का इस्तेमाल भारतीय सेना के किस शाखा में होता है?
भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना तीनों में। - हालिया परीक्षण कहाँ हुआ?
बैरंगाल की खाड़ी में। - ब्रह्मोस परीक्षण क्यों महत्वपूर्ण है?
यह भारत की लंबी दूरी की सटीक स्ट्राइक क्षमता और आत्मनिर्भरता को दर्शाता है।
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