Home Top News नशे की अंधेरी गलियों से निकलकर विशाल राय कर रहें हैं दूसरों के जीवन में भी उजाला.
Top News

नशे की अंधेरी गलियों से निकलकर विशाल राय कर रहें हैं दूसरों के जीवन में भी उजाला.

Share
Share

गोपालगंज : ज़िंदगी में जो लोग भटक जाते हैं,उनके लिए वापसी की राह सरल नहीं होती हैं।किंतु कई ऐसे भी होते हैं,जो अपने जीवन के अंधकार को दूर कर अन्य के जीवन को भी प्रकाशित करते हैं।बिहार के गोपालगंज जिले के सेमराव गांव निवासी विशाल राय की कहानी भी कुछ ऐसी हैं।जिनकी आत्ममुक्ति की लड़ाई समाज में बदलाव की मिसाल हैं।

समाज में जब किसी को नशे की लत लग जाती हैं,तो स्वयं के जीवन के साथ अपने परिवार का भी भविष्य खराब करता हैं।इंसान की पीढ़ियां भी इससे प्रभावित होती हैं।ऐसे समय में कोई आगे खड़ा होता हैं और स्वयं के दर्द को अपनी शक्ति बनाकर दूसरों के लिए रौशनी की मिसाल बनता है। आज के समय में विशाल राय वह व्यक्ति हैं,जो अन्य के प्रेरणास्रोत हैं।

गोपालगंज जिले के हथुआ प्रखंड के सेमराव गांव के रहने वाले विशाल राय ने नशे की अंधेरी गलियों से निकलकर न सिर्फ अपनी ज़िंदगी बदली, बल्कि अब वे दूसरों के जीवन में भी उजाला भर रहे हैं।

एक समय था जब विशाल खुद नशे की गर्त में डूब चुके थे। उनके जीवन की दिशा खत्म सी लग रही थी। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। खुद को खड़ा किया, सुधारा और फिर वही राह चुनी जिस पर चलने से अधिकतर लोग कतराते हैं – दूसरों को नशे से बाहर निकालने की राह।

हाल ही में पटना के उड़ान नशा मुक्ति केंद्र में जब विशाल राय पहुँचे, तो वहाँ मौजूद हर व्यक्ति ने न सिर्फ एक मोटिवेशनल स्पीकर को देखा, बल्कि एक ऐसे योद्धा को महसूस किया जो उन्हीं की तरह इस अंधेरे से लड़ चुका है। उन्होंने जब अपनी कहानी साझा की, तो यह किसी भाषण से अधिक एक सच्चाई थी – खुरदुरी, तकलीफ़देह, लेकिन प्रेरणादायक।

विशाल ने यह दिखा दिया कि पुनरुत्थान केवल किताबों का शब्द नहीं, बल्कि हकीकत हो सकता है – अगर इरादा सच्चा हो और राह स्पष्ट हो। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नशे से मुक्ति कोई जादू नहीं, बल्कि एक सतत प्रक्रिया है – जिसमें समाज, परिवार, व्यवस्था और व्यक्ति, सभी की भूमिका जरूरी है।

बिहार जैसे राज्य में, जहाँ नशा एक गंभीर सामाजिक चुनौती बन चुका है, वहाँ विशाल राय जैसे अभियानकर्ता उम्मीद की वह लौ हैं, जिसे बुझने नहीं दिया जा सकता। लेकिन सवाल यह है – क्या हम, क्या प्रशासन, क्या समाज उस लौ को हवा देने को तैयार हैं?

इस अभियान को महज़ एक व्यक्तिगत प्रयास न बनने दें। यह समय है कि हम नशा विरोधी अभियानों को केवल भाषणों या सरकारी योजनाओं तक सीमित न रखें। ज़रूरत है जमीनी स्तर पर काम करने वाले योद्धाओं की आवाज़ को पहचानने की, और उन्हें हर संभव समर्थन देने की।
गिरना अपराध नहीं है, लेकिन उठने की कोशिश न करना ज़रूर है।
नशे से आज़ादी केवल एक सपना नहीं, एक लक्ष्य है। और इसे पाने के लिए हर विशाल राय की जरूरत है — और हर समाज की ज़िम्मेदारी भी।

Aaryaa Digital OTT Download Links.

Android Link : https://play.google.com/store/apps/details?id=com.release.aryanews

ISO Link :
https://apps.apple.com/in/app/aaryaa-digital/id6502516384

Website : https://www.aaryaadigital.com

Share

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

धनबाद में धरती आबा जन भागीदारी अभियान शुरू

अभियान से जरूरतमंद व्यक्तियों को मिल रहा लाभ : उपायुक्त पहले दिन...

अंचल अधिकारी ने कबड्डी खिलाड़ियों को किट खरीदने हेतु उपलब्ध कराई सहायता राशि

धनबाद : अंचल अधिकारी बलियापुर प्रवीण कुमार सिंह ने बलियापुर के प्रधानखंता...

समाहरणालय सभागार से की गई धरती आबा जनभागीदारी अभियान की शुरुआत

एडीएम लॉ एंड आर्डर ने किया लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का वितरण...