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कैसे US एक्सपोर्ट रेस्ट्रिक्शन्स ने Nvidia को चीन से बाहर कर दिया?

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Nvidia के CEO ने कहा कि अमेरिकी निर्यात प्रतिबंधों के कारण कंपनी का चीन में AI चिप मार्केट शेयर 95% से गिरकर 0% हो गया है, जिससे दोनों देशों के लिए आर्थिक नुकसान संभव है।

Nvidia का चीन में डाटा सेंटर AI चिप बाजार में 95% से 0% तक पतन, जानिए वजहें और प्रभाव

Nvidia का चीन में मार्केट शेयर 95% से 0% तक क्यों गिरा?

Nvidia, जो दुनिया की सबसे बड़ी सेमीकंडक्टर कंपनी में से एक है, ने हाल ही में बताया कि उनका चीन का मार्केट शेयर 95% से गिरकर लगभग 0% हो गया है। इस गिरावट के पीछे मुख्य कारण हैं अमेरिकी सरकार द्वारा लगाए गए कठोर निर्यात प्रतिबंध। ये प्रतिबंध विशेष रूप से Nvidia के उच्च प्रदर्शन वाले AI चिप्स जैसे A100, H100 और H200 मॉडल्स पर लागू हुए हैं, जिन्हें चीन की कंपनियों को बेचना पूरी तरह से मना है।

Nvidia के CEO, Jensen Huang ने न्यू यॉर्क में एक हालिया इवेंट में कहा, “हम 95% से 0% पर आ गए हैं। मैं यह सोच भी नहीं सकता कि कोई नीति निर्माता इसे समझदारी भरा निर्णय समझे।” उन्होंने आशा जताई कि भविष्य में इस नीति में बदलाव होगा, लेकिन फिलहाल कंपनी ने चीन से अपनी आमदनी लगभग बंद मान ली है।


अमेरिकी निर्यात प्रतिबंधों का विस्तार

US ने अक्टूबर 2022 से चीन को उच्च स्तरीय AI चिप्स की निर्यात पर प्रतिबंध लगाना शुरू किया, जिससे Nvidia का चीन बाजार से काफ़ी बड़ा हिस्सा खत्म हो गया। अमेरिकी सरकार ने यह कदम चीन की टेक्नोलॉजी विकास को सीमित करने के उद्देश्य से उठाया।

हालांकि Nvidia को H20 नाम का कम पावर वाला AI चिप चीन के लिए बेचने की अनुमति मिली, लेकिन चीन ने इस चिप में सुरक्षा कारणों से संदेह जताया और इससे संबंधित जांच शुरू की। इसके बाद चीनी तकनीकी कंपनियों को सुझाव दिया गया कि वे Nvidia के चिप्स का उपयोग न करें।


चीन का घरेलू AI चिप उद्योग उभरना

Nvidia के बाजार से हटने के बाद, चीन के घरेलू सेमीकंडक्टर और AI चिप निर्माता तेजी से उभर रहे हैं। Huawei Technologies और Cambricon Technologies जैसी कंपनियां घरेलू स्तर पर अत्याधुनिक AI चिप्स बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रही हैं।

यह चीन की सरकार की रणनीति का हिस्सा है, जो देश को सेमीकंडक्टर आत्मनिर्भरता की ओर ले जाना चाहती है। इन घरेलू विकल्पों के कारण Nvidia की बाजार हिस्सेदारी और भी कमजोर हुई है।


Nvidia और US-China टेक्नोलॉजी प्रतिद्वंद्विता

CEO Jensen Huang ने कहा कि Nvidia का भारत से बाहर होना केवल कंपनी के लिए ही नहीं, दोनों देशों के लिए नुकसानदेह है। उन्होंने “जो चीन को नुकसान पहुंचाता है, वह अक्सर अमेरिका को भी नुकसान पहुंचाता है” कहा।

यह स्थिति अमेरिका और चीन के बीच टेक्नोलॉजी युद्ध की नई परतें खोलती है, जहां नवाचार, वैश्विक सप्लाई चेन, और AI अनुसंधान में प्रतिस्पर्धा तेज हो रही है।


Nvidia की वित्तीय और वैश्विक रणनीति पर असर

Nvidia ने अपनी वित्तीय प्रोजेक्शन्स में चीन से “शून्य” राजस्व मानना शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि उनका डेटा सेंटर बिजनेस, जो बड़े पैमाने पर चीन पर निर्भर था, वहां से राजस्व का बड़ा हिस्सा खो चुका है।

हालांकि Nvidia अभी भी वैश्विक AI संचालित कंप्यूटिंग मार्केट में बढ़ रही है, चीन में उनकी अनुपस्थिति बाजार की स्थिरता को प्रभावित कर सकती है।


चीन की साइबरस्पेस प्रशासन की भूमिका

चीन की साइबरस्पेस प्रशासन ने भी देश की बड़ी तकनीकी कंपनियों जैसे ByteDance, Alibaba को Nvidia के AI चिप्स खरीदने से मना किया है। यह कदम Nvidia की उपस्थिति को और कमजोर करता है।


Nvidia के बाजार नुकसान का सारांश

कारणविवरण
अमेरिकी निर्यात प्रतिबंधउच्च-स्तरीय AI चिप्स पर 2022 से बैन
सुरक्षा जांचH20 चिप पर चीन की सुरक्षा जांच
घरेलू प्रतिस्पर्धीHuawei, Cambricon जैसी कंपनियों का उदय
चीन सरकार की नीतिघरेलू तकनीक को बढ़ावा, Nvidia को रोकना
साइबर प्रशासन आदेशप्रमुख कंपनियों को Nvidia चिप्स से बचाव

Frequently Asked Questions (FAQs)

1. Nvidia का चीन में मार्केट शेयर क्यों शून्य हो गया?
कठोर अमेरिकी निर्यात प्रतिबंधों के कारण Nvidia के हाई-एंड AI चिप्स चीन में बेचना मना है, जिससे बाजार हिस्सा 95% से 0% हो गया।

2. Nvidia को चीन में कौन से AI चिप्स बेचने की अनुमति मिली थी?
केवल कम पावर वाला H20 मॉडल, लेकिन इस पर सुरक्षा जांच शुरू हुई।

3. चीन में Nvidia की अनुपस्थिति का क्या प्रभाव होगा?
यह चीन को घरेलू चिप विकास पर जोर देने का मौका देगा और Nvidia के राजस्व पर नकारात्मक असर होगा।

4. Nvidia CEO का इस स्थिति पर क्या कहना है?
Jensen Huang ने इसे अमेरिकी नीति की बड़ी गलती बताया और उम्मीद जताई कि बाज़ार वापस आ सके।

5. क्या चीन के घरेलू कंपनियां Nvidia को टक्कर दे पा रही हैं?
जी हाँ, Huawei और Cambricon जैसी कंपनियां तीव्रता से उभर रही हैं और घरेलू विकल्प पेश कर रही हैं।

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